
क्रिकेट में ऐसे कई खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने चोटिल होते हुए कई अहम पारियां खेली और अपनी टीम को जीत दिलाई, लेकिन अगर आपको यह बताया जाए एक ऐसा भी बल्लेबाज आया जिसे एक आंख से कम दिखाई देते था, लेकिन इसके बाद भी उसने 22 गज की पिच पर राज किया तो शायद आपको यकीन ना हो, हालांकि, ऐसा हुआ जरूर है. मध्यप्रदेश के भोपाल में जन्में इस खिलाड़ी की गिनती भारत के दिग्गज कप्तानों में होती है क्योंकि इनकी अगुवाई में ही टीम इंडिया ने विदेशी धरती पर ना सिर्फ अपना पहला टेस्ट जीता था, बल्कि अपनी पहली सीरीज भी जीती थी. हम बात कर रहे हैं मंसूर अली खान पटौदी की.
मंसूर अली खान पटौदी को टीम इंडिया की कप्तानी सिर्फ 21 साल की उम्र में मिल गई थी और उन्होंने अपने करियर में खेले 46 मुकाबलों में से 40 में टीम इंडिया की अगुवाई की थी. उनकी अगुवाई में टीम इंडिया ने साल 1967 में न्यूजीलैंड को उसी के घर पर हराकर विदेशी धरती पर अपनी पहली टेस्ट जीत हासिल की थी और विदेशी धरती पर टीम इंडिया की यह पहली टेस्ट सीरीज जीत भी थी. टीम ने 3-1 से यह सीरीज अपने नाम की थी.
मंसूर अली खान पटौदी की अगुवाई में टीम इंडिया ने लूजर का टैग पीछे छोड़ा था. पटौदी आक्रमक खेल के लिए जाने जाते थे और इसके लिए ही उन्हें टाइगर भी कहा जाता था.
मंसूर अली खान पटौदी ने भारत के लिए डेब्यू नहीं किया था और वो इंग्लैंड में अपना पहला काउंटी सीजन खेल रहे थे. इसी दौरान वो होव शहर में एक सड़क दुर्घटना में घायल हुए थे, जिसमें उनकी दाईं आंख चोटिल हुई थी. इस दुर्घटना के बाद से उन्हें दाईं आंख से दिखना बंद हो गया था. हालांकि, इस हादसे के सिर्फ 6 महीने के बाद ही उन्होंने खेलना शुरू किया.
पटौदी ने अपनी डेब्यू सीरीज में एक शतक और एक अर्द्धशतक लगाया था. इसके बाद वो वेस्टइंडीज दौरे पर गए थे, जहां उन्हें बीच सीरीज में ही कप्तानी सौंपी गई थी. टीम इंडिया के लिए कप्तानी करने से पहले उन्होंने करियर में सिर्फ तीन ही टेस्ट खेले थे. टाइगर को जब कप्तानी मिली थी, तब उनकी उम्र महस 21 साल और 77 दिन थी. ऐसे में उनके नाम भारतीय टीम के सबसे युवा कप्तान होने का रिकॉर्ड है. पटौदी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 40 टेस्ट खेले थे, जिसमें टीम इंडिया को 9 में जीत मिली थी, जबकि 19 में टीम को हार का सामना करना पड़ा था.
भारत के लिए 46 टेस्ट मैचों में 34.91 की औसत से 2793 रन बनाने वाले टाइगर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 1975 में मुंबई में अपने करियर का आखिरी मुकाबला खेला था. पटौदी के नाम टेस्ट में 6 शतक है. मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी 75 रनों की पारी उनके द्वारा खेली गई, कुछ बेहतरीन पारियों में शामिल है.