मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के श्योपुर (Sheopur) में कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में शनिवार को मादा चीता वीरा को छोटे बाड़े (पृथक-वास) से बड़े बाड़े में स्थानांतरित कर दिया गया. एक सप्ताह की अवधि के दौरान बड़े बाड़े में छोड़े जाने वाले चीतों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि स्वास्थ्य जांच पूरी होने के बाद प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वीरा को बड़े बाड़े (सॉफ्ट रिलीज बोमा) में स्थानांतरित कर दिया गया.
ये भी पढ़ें- श्योपुर : चीता वायु और अग्नि को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के बोमा में किया गया शिफ्ट
विज्ञप्ति में कहा गया कि बड़े बाड़े में छोड़ने से पहले चीते को ‘सैटेलाइट कॉलर' लगाया गया. इसमें कहा गया कि वीरा स्वस्थ है. यह स्वास्थ्य जांच के लिए छोटे बाड़े में थी. केएनपी के पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बड़े बाड़े में स्थानांतरण सफलतापूर्वक पूरा किया गया.
इस सप्ताह की शुरुआत में, नर चीतों पवन, गौरव, शौर्य, वायु, अग्नि, प्रभास और पावक तथा मादा चीतों धीरा, नाभा, आशा और गामिनी को छोटे बाड़ों से बड़े बाड़ों में स्थानांतरित कर दिया गया.
चीतों को बसाने की परियोजना के तहत पिछले साल 17 सितंबर को आठ नामीबियाई चीतों को केएनपी के बाड़ों में छोड़ा गया था, जिनमें पांच मादा और तीन नर शामिल थे. इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते केएनपी लाए गए. बाद में केएनपी में चार शावकों का जन्म हुआ, जिससे उनकी संख्या बढ़कर 24 हो गई.
ये भी पढ़ें- फर्जी एनकाउंटर के विरोध में बंद रहा सुकमा जिला, सर्व आदिवासी समाज ने बुलाया था बंद
अधिकारियों ने कहा कि मार्च से अब तक तीन शावकों सहित नौ चीतों की मौत हो चुकी है, जबकि वर्तमान में 14 चीते और एक शावक स्वस्थ स्थिति में हैं. वर्ष 1952 में भारत में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था.