मध्य प्रदेश पुलिस में पदस्थ एक महिला कांस्टेबल को लिंग परिवर्तन करने की अनुमति मिल गई है. महिला कांस्टेबल जल्द ही पुरुष बन जाएगी. जानकारी के मुताबिक, महिला कांस्टेबल जेंडर आईडेंटिटी डिसऑर्डर से पीड़ित थी. इस कारण मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने महिला कॉस्टेबल को लिंग परिवर्तन के लिए अनुमति दे दी है. सोमवार को गृह विभाग ने कांस्टेबल को लिंग परिवर्तन कराने के लिए अनुमति देने का निर्देश जारी किया. अब वह आसानी से लिंग परिवर्तन करवा सकती है. पत्र में गृह विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नई दिल्ली के मनोचिकित्सक डॉ. राजीव शर्मा ने दीपिका में जेंडर आईडेंटिटी डिसऑर्डर होने की पुष्टि की है. इस कारण कांस्टेबल को अमुमति दी गई है.
नई दिल्ली में मनोचिकित्सक डॉ. राजीव शर्मा ने दीपिका कोठारी को सेक्स चेंज सर्जरी की सलाह दी. इसके साथ ही 15 फरवरी 23 को मेडिकल बोर्ड ने भी परीक्षण किया व हस्ताक्षरित रिपोर्ट सिविल सर्जन के माध्यम से विभाग को भेजी गई.
- गृह विभाग ने दी परिमिशन
- महिला कांस्टेबल का जेंडर होगा चेंज
- जेंडर आईडेंटिटी डिसऑर्डर से हैं पीड़ित
- महिलाओं को मिलने वाली सुविधाएं होंगी वापस
- बचपन से ही जेंडर आईडेंटिटी की समस्या थी
अपने आवेदन में महिला आरक्षक कोठारी ने नोटरी शपथ पत्र प्रस्तुत किया था. आदेश में यह भी बताया गया कि शासकीय कर्मचारी के जेंडर परिवर्तन के संबंधन में शासन द्वारा जारी कोई स्पष्ट नियम या परिपत्र नहीं है. प्रकरण में उचित निर्णय लिए जाने के लिए पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रस्ताव शासन को भेजा गया.
शासकीय कर्मचारी के जेण्डर परिवर्तन के संबंध में शासन द्वारा जारी कोई स्पष्ट नियम / परिपत्र नहीं है. प्रकरण में उचित निर्णय लिये जाने हेतु पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है. 4/ प्रकरण में विधि विभाग का परीक्षणोपरांत निम्नानुसार अभिमत दिया गया है.
प्रशासकीय विभाग को अवगत कराया जाता है कि प्रशासकीय विभाग महिला आवेदक के आवेदन पर अपने स्तर पर निर्णय ले सकता है लिंग परिवर्तन अनुमति में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्याय दृष्टांत नेशनल लीगल सर्विस अथॉर्टी विरूद्ध यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य 2014 लो सूट सुप्रीम कोर्ट 289 में प्रतिपादित सिद्धांत अनुसार कोई वैधानिक बाधा नहीं है एवं इस संदर्भ में प्रशासकीय विभाग इस बाबत विचार कर सकता है कि यदि नौकरी महिला होने के आधार पर प्राप्त हुई है तो लिंग परिवर्तन होने पर महिला के रूप में मिलने वाली समस्त सुविधा व लाभ आगे प्राप्त नहीं होगें."
पुलिस सूत्रों ने हमे बताया कि महिला आरक्षक से जुड़ी जानकारी का आदेश वायरल होने से वह मानसिक तौर पर परेशान हो गई है, उस्से जुड़ी जानकारी ( आदेश की कॉपी) वायरल होना निजता का हनन है.