Pride of Madhya Pradesh : लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. इस कहावत को सच कर दिखाया है मध्य प्रदेश की प्रतिभाशाली खिलाड़ी (MP Talented Players) प्राची यादव और मनीष कुमार (Prachi Yadav & Manish Kumar) ने, बता दें कि प्राची और मनीष पति-पत्नी हैं. एनडीटीवी (NDTV) ने मध्य प्रदेश की बेटी प्राची यादव और मनीष कौरव से खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने अपने सफर से जुड़े कई दिलचस्प किस्से भी सुनाएं.
पैरा गेम्स में बनाई अलग पहचान, वर्ल्ड रैंकिंग में 10वां स्थान
मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले की पैरा केनो प्लेयर प्राची यादव ने न सिर्फ मध्य प्रदेश का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है. पैरा केनो गेम्स वर्ल्ड रैंकिंग (World Ranking) में प्राची ने दसवां स्थान प्राप्त किया है. दिव्यांग प्राची ने अपनी विपरीत परिस्थितियों से लड़कर पैरा गेम्स में एक अलग पहचान बनाई है.
महज 9 साल की उम्र में बतौर एक्सरसाइज 2007 में तैराकी से जुड़ी प्राची को जब चैंपियनशिप खेलने का जब मौका मिला तब किसको पता था कि प्राची भारत के लिए गोल्ड लेकर आएंगी. प्राची ने कोच के कहने पर भोपाल के छोटे तालाब में प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया. इसके बाद प्राची ने 2019 में पहली बार देश के लिए देश के लिए गोल्ड और सिल्वर जीता.
प्राची और कौरव ने सुनाई अपनी कहानी
सवाल : आपको यह शुरुआत करने का ख्याल कहां से आया?
मनीष कौरव का जवाब- मैं पहले स्विमर था और 2013 में जब भोपाल आया तो नौकायन के कुछ पोस्टर्स वगैरह देखें और फिर यहां आकर आप पैरा कैनोइंग सीखा.
सवाल : आने वाले पैरा एशियाई गेम्स के लिए आपकी क्या तैयारी चल रही है?
मनीष कौरव का जवाब-पैरा एशियाई गेम्स को लेकर हमने कड़ी मेहनत से तैयारी की है और मैं कोशिश करूंगा इस बार भारत को मेडल दिलाऊं.
सवाल : जब आपने पहले एशियन गेम में जीत हासिल की थी तब प्रधानमंत्री ने भी आपसे बात की थी, वह पल आपको क्या आज भी याद है?
मनीष कौरव का जवाब- जी हां, मुझे बहुत प्राउड फील हो रहा था कि प्रधानमंत्री से मेरी बात हो रही है.
सवाल : आपने जब पारा कैनॉइन की शुरुआत की थी तब वूमेन प्लेयर्स की संख्या बहुत कम थी लेकिन आज बहुत सारी लड़कियां आपसे प्रोत्साहित हो रही है इस बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?
प्राची यादव का जवाब- जब लड़कियां इस गेम के बारे में जानना चाहती हैं. तब मुझे बहुत खुशी होती है. मुझे बहुत गर्व होता है कि मेरे देश की लड़कियां मुझसे इस खेल को लेकर सवाल पूछती हैं. सोशल मीडिया पर अपने प्रश्न लेकर आती हैं. मैं उनको समझाती हूं कि मैं दिव्यांग होकर भी यह काम कर पा रही हूं तो आप भी इस काम को बेहतरीन रूप से कर सकती हैं.
सवाल : क्या आपकी घर की तकरार आपके खेल में भी नजर आती है?
प्राची यादव का जवाब- नहीं, हम एक खेल में है यह अलग बात है लेकिन हम पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को अलग रखते हैं. जब हम गेम में होते हैं तो सिर्फ खेल के बारे में ही सोचते हैं.
ऐसे हुई दोनों की शादी
प्राची और मनीष की पहली मुलाकात कुछ साल पहले छोटी झील में आयोजित ट्रायल के दौरान हुई थी. मनीष सीनियर थे, वे प्राची को इस खेल की बारीकियां सिखाते रहते थे. इस दौरान दोनों में प्यार हो गया था. एक दिन मनीष अचानक प्राची के कमरे पर पहुंचे. उन्होंने प्राची के सामने प्यार का इजहार किया और शादी करने का प्रस्ताव रखा. तब प्राची ने उन्हें मना कर दिया था. इसके बाद मनीष को प्राची को मनाने में करीब एक हफ्ता लगा. आखिरकार प्राची मनीष से शादी करने के लिए राजी हो गईं.
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