HIV Positive Patients: 1 दिसंबर को पूरी दुनिया में विश्व एड्स दिवस के रूप में मना रही है. एड्स मरीजों के मामले में मध्य प्रदेश का बुरहानपुर जिला सबसे संवेदनशील जिले में शुमार था, लेकिन पिछले 12 सालों के जनजागरण और सरकारी प्रयासों का असर कहेंगे कि यहां एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या में औसतन 50 फीसदी कमी आई है.
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मुफ्त जांच, दवा और विशेषज्ञों के परामर्श से उबरे मरीज
रिपोर्ट के मुताबिक एड्स के प्रति संवेदनशील रहे बुरहानपुर जिला अस्पताल में साल 2013 में स्थापित एआरटी सेंटर एड्स के मरीजों को मुफ्त जांच, परामर्श, दवा और विशेषज्ञ डॉक्टरों के परामर्श ने उबारने में मदद पहुंचाई है. यही कारण है कि 12 वर्षों के अंतराल में जिले में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के मिलने के आंकडे में गिरावट आई है.
भर्ती मरीजों में 60 फीसदी पुरूष और 40 फीसदी महिलाएं
बुरहानपुर जिला अस्पताल में स्थापित एआरटी सेंटर में 1100 एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की नियमित काउंसलिंग दवाई वितरण फालोअप किया जा रहा है. यहां भर्ती कुल मरीजों में पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के 300 मरीज भी शामिल है. ऐसे मरीजों में 15 बच्चे भी है. यहां भर्ती कुल मरीजों में 60 प्रतिशत पुरूष और 40 प्रतिशत महिलाएं हैं.
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बुरहानपुर में शून्य तक पहुंच सकता है मरीजों का आंकड़ा
एड्स पीड़ित मरीजों की सेवारत समाजसेवियों का कहना है कि एड्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जा रही मुफ्त परामर्श, दवाई वितरण और जांच के चलते जिले में एड्स के मरीजों की संख्या में कमी आई है. उनका कहना है स्वास्थ्य विभाग एड्स के प्रति और जनजागरण करे तो यह आंकडा शून्य तक पहुंच सकता है.
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