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Welcome 2026: साल 2026 में MP की 10 उम्मीदें; कृषि वर्ष से इंटरनेशनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स तक क्या कुछ है खास

New Year 2026:  साल 2026 मध्यप्रदेश के लिए सिर्फ योजनाओं का वर्ष नहीं, बल्कि अमल और परिणामों का वर्ष साबित हो सकता है. सड़क, मेट्रो, खेल, संस्कृति, कृषि और शिक्षा—हर क्षेत्र में सरकार की घोषणाएं यदि तय समयसीमा में जमीन पर उतरती हैं, तो प्रदेश की विकास यात्रा एक नई ऊंचाई पर पहुंच सकती है.

Welcome 2026: साल 2026 में MP की 10 उम्मीदें; कृषि वर्ष से इंटरनेशनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स तक क्या कुछ है खास
Welcome 2026: साल 2026 में MP की 10 उम्मीदें; कृषि वर्ष से इंटरनेशनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स तक क्या कुछ है खास

Happy New Year 2026: साल 2026 मध्यप्रदेश (New Year 2026 Madhya Pradesh) के लिए बुनियादी ढांचे, संस्कृति, खेल, कृषि और प्रशासनिक सुधारों के लिहाज़ से निर्णायक साबित हो सकता है. राज्य सरकार की नीतियों, बजट प्रावधानों और विभागीय घोषणाओं के आधार पर अगले वर्ष जिन 10 बड़े बदलावों की उम्मीद है, वे प्रदेश की दिशा और दशा दोनों को प्रभावित करेंगे. इन कार्यों से साल 2026 मध्यप्रदेश के लिए सिर्फ योजनाओं का वर्ष नहीं, बल्कि अमल और परिणामों का वर्ष साबित हो सकता है. सड़क, मेट्रो, खेल, संस्कृति, कृषि और शिक्षा—हर क्षेत्र में सरकार की घोषणाएं यदि तय समयसीमा में जमीन पर उतरती हैं, तो प्रदेश की विकास यात्रा एक नई ऊंचाई पर पहुंच सकती है.

2026 कृषि वर्ष घोषित

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कृषि का क्षेत्र गरीब वर्ग और किसानों को लाभ पहुंचाने वाला मुख्य क्षेत्र है. कृषि से संबद्ध गतिविधियों के माध्यम से युवाओं को रोजगार और स्वावलंबन के भी कई अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं. इसी उद्देश्य से प्रदेश में वर्ष 2026 को कृषि वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है. प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में नवाचार की पर्याप्त संभावना है. प्रदेश की विविधता से परिपूर्ण भौगोलिक स्थिति को देखते हुए खेती से किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों को गति दी जाए. धान की खेती को प्राथमिकता देने के साथ गेहूं, चना, दलहन, तिलहन, हॉर्टीकल्चर आदि के क्षेत्र में भी अन्य राज्यों के साथ ही अन्य देशों में हो रहे नवाचारों से अवगत कराने के लिए कृषकों को विविध देशों का भ्रमण कराया जाए.

Krishi Varsh 2026: कृषि वर्ष 2026

Krishi Varsh 2026: कृषि वर्ष 2026

वर्ष 2026 को समृद्ध किसान-समृद्ध प्रदेश की टैगलाइन के साथ कृषि वर्ष के रूप में मनाया जाएगा. कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के विकास और रोजगार सृजन पर विशेष फोकस रहेगा. किसानों की आय दोगुनी करने से आगे बढ़कर कृषि को लाभकारी, टिकाऊ और तकनीक प्रेरित, रोजगार सृजन मॉडल में परिवर्तित करना कृषि वर्ष का मूल उद्देश्य है.
  • समृद्ध किसान-समृद्ध प्रदेश की टैगलाइन के साथ कृषि वर्ष के रूप में मनाया जाएगा.
  • कृषि से संबद्ध गतिविधियों के माध्यम से युवाओं को रोजगार और स्वावलंबन के भी कई अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं.
  • कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के विकास और रोजगार सृजन पर विशेष फोकस रहेगा.
  • प्रदेश की विविधता से परिपूर्ण भौगोलिक स्थिति को देखते हुए खेती से किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों को गति दी जाए.
  •  नवाचारों से अवगत कराने के लिए कृषकों को विविध देशों का भ्रमण कराया जाए.
  •  किसानों की आय दोगुनी करने से आगे बढ़कर कृषि को लाभकारी, टिकाऊ और तकनीक
  •  प्रेरित , रोजगार सृजन मॉडल में परिवर्तित करना कृषि वर्ष का मूल उद्देश्य है.
  • कृषि वर्ष का मासिक कैलेंडर तैयार किया गया, जिसमें किसानों को साथ लेकर राज्य से जिला
  • स्तर तक महोत्सव, मेले आदि की रूपरेखा बनी.
  •  कृषि वर्ष 2026 में प्राकृतिक खेती को हर गांव तक पहुंचाने के होंगे प्रयास.
  • कृषि और कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण, बेहतर मृदा संरक्षण, उद्यानिकी और खाद्य
  • प्रसंस्करण पशुपालन और डेयरी तथा मछली पालन में नवाचार पर विशेष फोकस रहेगा.
  • प्रत्येक जिला और विकासखंड स्तर पर मृदा स्वास्थ्य परीक्षण, आधुनिक कृषि तकनीक, प्राकृतिक खेती और उर्वरकों के संतुलित उपयोग के संबंध में गतिविधियां संचालित की जाएंगी.

खेलो एमपी यूथ गेम्स–2025- मध्यप्रदेश का ओलंपिक

 “खेलो एमपी यूथ गेम्स–2025- मध्यप्रदेश का ओलंपिक”: देश में पहली बार ऐसा होगा, जिसमें खेल विभाग के साथ सभी मान्यता प्राप्त खेल संघ मिलकर समन्वित रूप से प्रतियोगिताओं का संचालन करेंगे. खेलो एमपी यूथ गेम्स-2025- मध्यप्रदेश का ओलंपिक” 10 जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक संपन्न होगा. चयन प्रक्रिया ब्लॉक स्तर से प्रारंभ होगी, जिसमें ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिताएँ 10 से 15 जनवरी, जिला स्तरीय 16 से 20 जनवरी, संभाग स्तरीय 21 से 25 जनवरी एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएँ 28 से 31 जनवरी 2026 तक आयोजित की जाएँगी. खेलो एमपी यूथ गेम्स–2025 में कुल 27 खेलों की प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँगी. प्रयास यह रहेगा कि जिन खेलों की परंपरा एवं लोकप्रियता जिस क्षेत्र में है, वहाँ उन्हीं स्थानों पर संबंधित प्रतियोगिताएँ करायी जाएँ. राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, रीवा, शिवपुरी, ग्वालियर, सागर एवं नर्मदापुरम में प्रस्तावित है.

Happy New Year 2026: खेलो एमपी यूथ गेम्स

Happy New Year 2026: खेलो एमपी यूथ गेम्स

“खेलो एमपी यूथ गेम्स–2025- मध्यप्रदेश का ओलंपिक” में पहली बार पारंपरिक खेलों को भी शामिल किया गया है. इस बार पिट्टू और रस्साकशी को भी यूथ गेम्स में शामिल किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि क्रिकेट की युवाओं में लोकप्रियता को देखते हुए इसबार महिला और पुरूष क्रिकेट भी यूथ गेम्स का हिस्सा होंगे.

पहले यूथ गेम्स और खेल संघों के आयोजन अलग-अलग होते थे. दोनों की ही चयन प्रक्रिया अलग हुआ करती थी, लेकिन पहली बार खेल विभाग और सभी खेल संघ मिलकर यूथ गेम्स का आयोजन कर रहे हैं. इससे आयोजन का विस्तार होने के साथ ही खिलाड़ियों को भी यूथ गेम्स में प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि सभी खेल संघों के साथ समन्वय कर यूथ गेम्स का फोर्मेट तैयार किया गया है. जिससे राज्य स्तर की टीम में खिलाड़ियों को अवसर मिल सके.

इस आयोजन में ब्लॉक स्तर से चयन प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी. जिला स्तर पर प्रदेश के 313 विकासखंडों की भागीदारी होगी तथा राज्य स्तर पर भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, रीवा, सागर, उज्जैन एवं शहडोल प्रदेश के 08 संभागों की टीमें सहभागिता करेंगी. तीन चरणों (ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर) में 14 खेलों की प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँगी, जिनमें एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, हॉकी, जूडो, खो-खो, मल्लखम्ब, तैराकी, वेटलिफ्टिंग, कुश्ती, टेबल टेनिस, योगासन, टेनिस एवं शतरंज शामिल हैं. वहीं चार चरणों (ब्लॉक, जिला, संभाग एवं राज्य स्तर) में 7 खेलों-बास्केटबॉल, फुटबॉल, कबड्डी, व्हॉलीबॉल, क्रिकेट, पारंपरिक खेल पिट्टू एवं रस्साकस्सी की प्रतियोगिताएँ होंगी. इसके अतिरिक्त 6 खेलों-ताईक्वांडो, फेंसिंग, रोईंग, क्याकिंग-कैनोईंग, शूटिंग एवं आर्चरी की प्रतिस्पर्धाएँ सीधे राज्य स्तर पर आयोजित की जाएँगी.

भोपाल में एथलेटिक्स, फेंसिंग, पुरुष क्रिकेट, क्याकिंग-कैनोईंग, रोईंग, तैराकी, शूटिंग, पुरुष हॉकी एवं बॉक्सिंग प्रतियोगिताएँ आयोजित होंगी. इंदौर में बास्केटबॉल, वेटलिफ्टिंग, टेबल टेनिस एवं टेनिस, शिवपुरी में महिला क्रिकेट, ग्वालियर में महिला हॉकी, पिट्टू एवं बैडमिंटन, उज्जैन में मल्लखम्ब, योगासन, कबड्डी, रस्साकशी एवं कुश्ती, जबलपुर में खो-खो एवं आर्चरी, रीवा में फुटबॉल एवं जूडो, नर्मदापुरम में ताईक्वांडो एवं शतरंज तथा सागर में व्हॉलीबॉल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा.

MP Metro: मध्य प्रदेश मेट्रो

MP Metro: मध्य प्रदेश मेट्रो

इंदौर व भोपाल मेट्रो

2026 तक इंदौर और भोपाल मेट्रो परियोजनाओं में महत्वपूर्ण प्रगति होने की उम्मीद है, जहाँ भोपाल में ऑरेंज लाइन के प्रायोरिटी कॉरिडोर (AIIMS से सुभाष नगर) का संचालन दिसंबर 2025 से शुरू हो चुका है और मार्च 2026 से भूमिगत मेट्रो का काम शुरू होगा, जबकि इंदौर मेट्रो का पहला चरण मई 2025 में शुरू हुआ था और विस्तार पर काम चल रहा है; दोनों शहरों के लिए स्मार्ट कार्ड और क्यूआर टिकट जैसी सुविधाएं भी दिसंबर 2025 में लागू की गई हैं, जिससे मेट्रो यात्रा आसान हो जाएगी.

टाइगर कॉरिडोर

देश का पहला राज्य-स्तरीय टाइगर कॉरिडोर यह दर्शाता है कि मध्यप्रदेश में विकास और पर्यावरण संरक्षण साथ-साथ आगे बढ़ रहे हैं. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में ये परियोजनाएँ मध्य प्रदेश को आधुनिक, लॉजिस्टिक-सशक्त और पर्यावरण-संवेदनशील राज्य के रूप में स्थापित करेंगी.  मध्य प्रदेश में 2026 तक टाइगर कॉरिडोर परियोजनाएं जोर-शोर से चल रही हैं, जिसमें प्रमुख रूप से कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना और पेंच जैसे चार टाइगर रिजर्व को जोड़ने वाला एक बड़ा 4-लेन हाईवे (लगभग ₹5500 करोड़ का) बनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य पर्यटन और वन्यजीवों की आवाजाही को सुरक्षित बनाना है; साथ ही, वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में देश की पहली 'रेड टेबल-टॉप' सड़क और रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व को चीतों के लिए तैयार किया जा रहा है, जो 2026 तक अफ्रीकी चीतों के लिए तीसरा घर बनेगा. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) एवं राज्य लोक निर्माण विभाग के संयुक्त प्रयासों से इस महत्वाकांक्षी टाइगर कॉरिडोर परियोजना का विकास किया जा रहा है.

MP Tiger Corridor: टाइगर कॉरिडोर

MP Tiger Corridor: टाइगर कॉरिडोर

इस परियोजना के अंतर्गत प्रमुख हाईवे नेटवर्क का उन्नयन किया जा रहा है, साथ ही अन्य संपर्क मार्गों को जोड़ते हुए देश के चार प्रमुख टाइगर रिज़र्व—पेंच, कान्हा, बांधवगढ़ और पन्ना—को आपस में जोड़ा जाएगा. अगस्त 2025 में मध्य प्रदेश को ₹5,500 करोड़ की इस महत्वाकांक्षी परियोजना की सौगात मिली.

विभिन्न टाइगर रिज़र्वों के बीच आवागमन सुगम होगा और साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी उल्लेखनीय बढ़ावा मिलेगा. यह टाइगर कॉरिडोर लगभग 250 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें टाइगर रिज़र्वों के प्रवेश द्वारों तक जाने वाली कनेक्टिंग सड़कों और स्पर्स का उन्नयन भी शामिल है.

बोर्ड एग्जाम में बदलाव

मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) 2026 से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के पैटर्न में बड़ा बदलाव कर रहा है, जिसमें CBlSE की तर्ज पर प्रश्नपत्रों में वस्तुनिष्ठ (Objective) प्रश्नों का वेटेज बढ़ेगा (लगभग 40% तक), कठिनाई स्तर भी बढ़ेगा, और छात्रों की समझ व रचनात्मकता पर जोर दिया जाएगा; परीक्षाएं फरवरी-मार्च 2026 में सुबह 9 से 12 बजे तक होंगी, जिसमें सभी परीक्षाओं के लिए एस्मा (ESMA) लागू होने से शिक्षक ड्यूटी से इंकार नहीं कर पाएंगे, और प्रश्नपत्रों की गोपनीयता के लिए थानों में जमा किए जाएंगे.

इंदौर-उज्जैन 6-लेन हाईवे

इंदौर-उज्जैन 6 लेन सड़क परियोजना मध्य प्रदेश सरकार का एक बड़ा प्रोजेक्ट है, जो सिंहस्थ 2028 की तैयारियों का हिस्सा है, ताकि यातायात सुगम हो सके; यह 46 किमी लंबी परियोजना ₹1672 करोड़ की लागत से बन रही है और 2026 तक सिग्नल-फ्री हो जाएगी, जिसमें 2 फ्लाईओवर और 6 अंडरपास शामिल हैं, और टोल प्लाजा (बारोली और निनोरा पर) मौजूदा व्यवस्था के अनुसार ही रहेंगे, जिससे इंदौर-उज्जैन यात्रा आसान और तेज हो जाएगी.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन

मध्यप्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेन्टर स्थापित करने के लिये कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेशन सेंटर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में मध्यप्रदेश और स्पेन के फीरा बार्सिलोना इंटरनेशनल के बीच एमओयू हो चुका है. यह केन्द्र न केवल नवाचार एवं स्मार्ट शहरी समाधानों को प्रोत्साहित करेगा बल्कि वैश्विक स्तर के आयोजनों और निवेश सम्मेलनों की मेजबानी का मंच भी बनेगा. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के इसी साल जुलाई में स्पेन प्रवास के दौरान संस्थान के पदाधिकारियों से चर्चा हुई थी और उन्होंने निवेशकों को मध्यप्रदेश आमंत्रित किया था. इससे मध्यप्रदेश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी. मध्यप्रदेश को वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संवाद मंचों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों का आयोजन करने वाले राज्य के रूप पहचान बनेगी. इस केन्द्र के माध्यम से दुनिया के शीर्ष उद्योगपति, निवेशक और कंपनियां भोपाल आयेंगी. मध्यप्रदेश वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा बनेगा और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी और अवसरों का भी केन्द्र बिन्दु बनेगा.

कर्मचारियों की छुट्टियों के लिए नए नियम

मध्य प्रदेश के 6.5 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी 2026 से छुट्टियों का पूरा कैलेंडर बदलने जा रहा है. 48 साल पुराने मध्यप्रदेश अवकाश नियम 1977 की जगह अब मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 लागू होंगे. नए नियम केंद्र सरकार की छुट्टियों के नियमों के लगभग समान हैं और इन्हें मौजूदा सामाजिक और प्रशासनिक जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है. नए नियमों के मुताबिक अब बीमारी और मातृत्व अवकाश लेना ज्यादा सुविधाजनक होगा, वहीं इनके दुरुपयोग पर भी लगाम लगेगी. अधिकारी छुट्टी देने में मनमानी न कर सकें, इसके लिए रोस्टर बनाना अनिवार्य होगा. नए नियमों को ज्यादा जेंडर न्यूट्रल बनाया गया है, जिसमें सरोगेसी और सिंगल फादर जैसी नई परिस्थितियों के लिए भी प्रावधान जोड़े गए हैं. अभी तक अर्जित अवकाश (EL) साल भर की नौकरी पूरी होने के बाद कर्मचारी के खाते में दर्ज होता था. अब ऐसा नहीं होगा. 1 जनवरी को 15 दिन की EL खाते में क्रेडिट हो जाएगी. इसके बाद साल के मध्य में 1 जुलाई को फिर 15 दिन की EL जुड़ जाएगी. इसका फायदा नए कर्मचारियों को भी मिलेगा. ई एल की तर्ज पर अब HPL भी साल में दो बार 1 जनवरी और 1 जुलाई को 10–10 दिन के हिसाब से कर्मचारी के खाते में अग्रिम जमा हो जाएगी. इससे कर्मचारियों को छुट्‌टी जमा होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. साल की शुरुआत में उन्हें अवकाश की सुविधा मिल जाएगी और यह भी पता चल जाएगा कि साल भर की कुल कितनी छुटि्टयां उन्हें मिलेंगी. साथ ही शिक्षकों और प्रोफेसरों को भी 10 दिन की EL मिलेगी.

विक्रमोत्सव 2026

विक्रमोत्सव 2026 की शुरुआत 15 फरवरी 2026 से होगी. विक्रमोत्सव 2026 अंतर्गत 15 फरवरी 2026 से विक्रम व्यापार मेला भी आयोजित किया जाएगा. निर्धारित कार्यक्रमानुसार 15 फरवरी 2026 को अनादिदेव शिव की कलाओं का शिवार्चन(प्रदेश के सभी शिवरात्रि मेलों का समारंभ) किया जाएगा. प्रात: 11 बजे भव्‍य कलश यात्रा निकाली जाएगी. इसके पश्‍चात विक्रमोत्‍सव 2026 का शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. जिसमें शंकर महादेवन, एहसान, लॉय/ विशाल मिश्रा/ सोनू निगम/ प्रीतम के द्वारा प्रस्‍तुति दी जाएगी. साथ ही बहुलोकप्रिय कलाकारों द्वारा शिवोहम की प्रस्‍तुति दी जाएगी. इस दौरान विक्रमादित्‍य और अयोध्‍या , आर्ष भारत, 84 महादेव, जनजातीय देवलोक (रेपलिका का निर्माण) पर आधारित प्रदर्शनी लगाई जाएगी. 15 फरवरी को ही इंजीनयरिंग कॉलेज परिसर में विक्रम व्‍यापार मेले का शुभारंभ किया जाएगा. मेले में फूड प्रोसेसिंग इंडस्‍ट्रीज,  विभिन्‍न माध्‍यमों के पारंपरिक शिल्‍पों का मेला, हथकरघा एवं टेक्‍सटाइल प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. 22 फरवरी से 2 मार्च तक विक्रम नाट्य समारोह का आयोजन किया जाएगा. जिसमें राष्‍ट्रीय एवं अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर की प्रस्‍तुतियां दी जाएंगी. 27 फरवरी से 18 मार्च तक उज्‍जैन हाट बाजार में स्‍थानीय सांस्‍कृतिक मंडलियों की प्रतिदिन प्रस्‍तुति दी जाएगी. इस दौरान शिल्‍प कार्यशाला और मालवी कलम कार्यशाला का आयोजन भी किया जाएगा. 28 फरवरी से 1 मार्च तक विक्रमादित्‍य के न्‍याय का वैचारिक समागम आयोजित किया जाएगा. 7 मार्च को स्‍थानीय बोलियों का अखिल भारतीय कवि सम्‍मेलन आयो‍जित किया जाएगा. जिसमें सम्राट विक्रमादित्‍य पर केंद्रित रचनाओं का समावेश भी होगा. 13 मार्च से 17 मार्च तक पौराणिक फिल्‍मों का अंतरराष्‍ट्रीय महोत्सव आयोजित किया जाएगा. 17 और 18 मार्च को महाकाल पृथ्वी का समय - शोध संगोष्‍ठी का आयोजन किया जाएगा.

19 मार्च को सृष्टि आरंभ दिवस नववर्ष प्रतिपदा के अवसर पर उज्‍जैन का गौरव दिवस मनाया जाएगा. इस दिन प्रात: काल रामघाट और दत्‍त अखाड़ा घाट पर सूर्योपासना की जाएगी. प्रदेश के सभी जिलों में विक्रमोत्‍सव का आयोजन किया जाएगा. 19 मार्च को शाम 7 बजे मुख्‍य कार्यक्रम शिप्रा नदी के तट पर आयोजित किया जाएगा. समारोह में सम्राट विक्रमादित्‍य अलंकरण दिए जाऐंगे. साथ ही विक्रम पंचांग 2082-83 और आर्श भारत के द्वितीय संस्‍करण का लोकार्पण किया जाएगा. कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध कलाकार मोहित चौहान, सुनिधि चौहान और शंकर महादेवन के द्वारा सांगीतिक प्रस्‍तुति दी जाएगी. रामघाट पर भव्‍य आतिशबाजी भी की जाएगी.

19 मार्च से जल गंगा संवर्धन अभियान का शुभारंभ होगा जिसमें प्रदेश के सभी जिलों में अभियान के अंतर्गत कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. सभी जिलों में पर्यावरण, जलीय संरचनाओं के संरक्षण, संवर्धन पर केंद्रित गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा. यह अभियान आगामी 30 जून तक पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा. 23 और 24 मई को भोपाल में 2 दिवसीय अंतरराष्‍ट्रीय जल सम्‍मेलन का आयोजन किया जाएगा. 25 मई को गंगा दशहरा के अवसर पर शिप्रा नदी के तट पर मुख्‍य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान प्रतिसद्ध कलाकारों द्वारा सांगीतिक प्रस्‍तुति दी जाएगी. 30 जून को विक्रमोत्‍सव और जल गंगा संवर्धन अभियान का समापन समारोह आयोजित किया जाएगा.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स

भोपाल के नाथू बरखेड़ा में लगभग 985 करोड़ रुपये की लागत से अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स निर्माणाधीन है. भोपाल स्थित बरखेड़ा नाथू में निर्माणाधीन अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा का काम कार्य पूर्ण हो चुका है और शेष कार्यों को तेजी व गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूर्ण किया जा रहा है. यह स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स प्रदेश के युवाओं को खेल के क्षेत्र में वैश्विक मंच तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाएगा.  इस सर्वसुविधायुक्त स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के तैयार होने से मध्यप्रदेश में खेलों के लिए एक नया आयाम स्थापित होगा. यहाँ के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण से लेकर प्रतियोगिताओं तक की सभी सुविधाएं एक ही परिसर में मिलेंगी, जिससे उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मजबूती मिलेगी.

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