Madhya Pradesh: इन दिनों मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मामा यानी शिवराज सिंह चौहान Shivraj Singh Chouhan) का एक बयान सोशल मीडिया पर एक बार फिर से चर्चा का विषय बना हुआ है. शिवराज सिंह चौहान ने अपने भाषणों में कहा था मैं मर भी गया तो फिनिक्स पक्षी की तरह फिर जिंदा हो जाऊंगा. अब इन पंक्तियों को राजनीति गलियारों में इससे जोड़कर देखा जा रहा है, जब जब शिवराज सिंह चौहान का कद छोटा हुआ है तब तब शिवराज सिंह चौहान उससे ज्यादा ताकतवर बनकर सामने आए हैं.
फिनिक्स पक्षी की तरह हो जाएंगा जिंदा
विधानसभा चुनाव के बाद शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री ना बनाने को लेकर तरह तरह की चर्चाओं से राजनीति बाजार गर्म था. तब ही कांग्रेस आईटी सेल ने शिवराज सिंह चौहान के श्राद्ध के पोस्टर जारी किए थे. शिवराज सिंह चौहान ने उन पोस्टरों का पलटवार कर कहा था मैं मर भी गया तो फिनिक्स पक्षी की तरह फिर जिंदा हो जाऊंगा.
राजनीति का बड़ा चेहरा बनकर हैं ऊबरें
विधानसभा चुनाव के बाद कयास लगाए जा रहे थे शिवराज सिंह चौहान के राजनीति करियर पर पूरी तरह से ग्रहण लग गया है. शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की राजनीति से ओझल हो जाएंगे लेकिन लोकसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में दोगुनी ताकत से एंट्री की. शिवराज सिंह चौहान ने अपनी लोकसभा विदिशा से ऐतिहासिक जीत हासिल कर सबको चौंका दिया और देखते ही देखते शिवराज सिंह चौहान देश की राजनीति का एक बड़ा चेहरा बन का उभर आए.
मिला है उन्हें कृषि मंत्रालय
विदिशा से ऐतिहासिक जीत हासिल करने वाले शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल जीत लिया. यही वजह रही कि शिवराज सिंह चौहान को अपने विश्वासपात्र मंत्रियों में शामिल कर शिवराज सिंह चौहान पर भरोसा जताते हुए शिवराज सिंह को कृषि मंत्रालय कमान दी गई.
शिवराज सिंह चौहान हमेशा से अपने आपको किसान का बेटा बताते आए हैं. शिवराज सिंह चौहान कहते हैं मैं किसानों का दर्द समझता हूं. क्योंकि मैं भी एक किसान का बेटा हूं. आज भी राजनीति के साथ -साथ में समय -समय पर खेती करता हूं. शिवराज सिंह चौहान ने अपने कई बार भाषणों में भी कहा है खेती को लाभ का धंधा बनाना मेरा पहला मकसद है.
ये भी पढ़ें MNREGA: साय सरकार में मजदूरों को मिल रहा रोजगार, छत्तीसगढ़ में टूटा 4 साल का रिकार्ड, देखिए Report Card