
Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas 2025: 15 अगस्त 1947 को मिली आजादी से एक दिन पहले हुए भारत के विभाजन और उस त्रासदी में मारे गए एवं पीड़ित लाखों लोगों की याद में भारतीय जनता पार्टी 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' (Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas) के रूप में मनाती है. विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर हम उन अनगिनत लोगों को याद करते हैं जो विभाजन की भयावहता से प्रभावित हुए. यह दिवस उन पीड़ितों के साहस को श्रद्धांजलि देने का भी दिन है, जो मानवीयता की शक्ति को दर्शाता है. विभाजन से प्रभावित बहुत से लोगों ने अपने जीवन को फिर से संवारा. विभाजन मानव इतिहास में सबसे बड़े विस्थापनों में से एक है, जिससे लगभग 20 मिलियन लोग प्रभावित हुए. लाखों परिवारों को अपने पैतृक गांवों/कस्बों/शहरों को छोड़ना पड़ा और शरणार्थी के रूप में एक नया जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ा.
#विभाजन_विभीषिका_स्मृति_दिवस: मानव विस्थापन और पलायन की हृदयविदारक गाथा!
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) August 14, 2024
भारत का विभाजन अभूतपूर्व मानव विस्थापन और पलायन की एक दर्दनाक कहानी है।
इस त्रासदी में अपना सब कुछ खो देने वाले असंख्य लोगों के संघर्ष और बलिदान को राष्ट्र नमन करता है।#PartitionHorrorsRemembranceDay pic.twitter.com/q14kPPk5pF
ऐसा है इतिहास
15 अगस्त, 2025 को पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा, लेकिन इसके साथ ही विभाजन का दर्द और हिंसा भी देश की स्मृति में गहराई से अंकित है. हालांकि, देश बहुत आगे बढ़ गया है और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. लेकिन देश के विभाजन के दर्द को कभीभुलाया नहीं जा सकता है. अपनी आजादी का जश्न मनाते हुए एक कृतज्ञ राष्ट्र, मातृभूमि के उन बेटे-बेटियों को भी नमन करता है, जिन्हें हिंसा के उन्माद में अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी. भारत को 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिली. स्वतंत्रता दिवस, जो हर साल 15 अगस्तको मनाया जाता है, किसी भी राष्ट्र के लिए एक खुशी और गर्व का अवसर होता है. हालाँकि, स्वतंत्रता की मिठास के साथ-साथ देश को विभाजन का आघात भी सहना पड़ा. नए स्वतंत्र भारतीय राष्ट्र का जन्म विभाजन के हिंसक दर्द के साथ हुआ, जिसने लाखों भारतीयों पर पीड़ा के स्थायी निशान छोड़े.
आज 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस', उन अनगिनत लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन है जिन्होंने विभाजन के कारण अपनी आजीविका और अपनों को खो दिया।
— Smriti Z Irani (@smritiirani) August 14, 2024
राजनीतिक स्वार्थ के लिए भारत को जिस तरह बांटा गया, उसने देश के मन पर एक ऐसा घाव कर दिया जो आज भी जीवित है।
इस त्रासदी से प्रभावित… pic.twitter.com/GNn4fR9Ksk
1947 में आज ही के दिन देश को बंटवारे का अमानवीय दंश झेलना पड़ा था। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आइए आज विभाजन के दौरान हुई हिंसा में अपना घर, आजीविका और प्रियजनों को खोने वालों को याद करें और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करें। #PartitionHorrorsRemembranceDay pic.twitter.com/xcmYnMg6LU
— Kailash Choudhary (@KailashBaytu) August 14, 2024
बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा था "'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' 1947 के उस क्रूर घटना का स्मरण कराता है, जब संसार को 'वसुधैव कुटुंबकम' और 'सर्वे भवंतु सुखिन' का संदेश देने वाले हमारे महान राष्ट्र को राजनीतिक स्वार्थ के लिए बांट दिया गया था. इस दौरान लोगों ने अत्यंत अमानवीय यातनाएं सही, पलायन के निर्दय कष्ट उठाए, अपने परिश्रम से कण-कण जोड़कर बनाए घर-द्वार, संपत्ति से वंचित हो गए, असंख्य लोगों ने जीवन खो दिया. मैं आज उन सभी को श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन करता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' मनाने का निर्णय हमें उन समस्त काले अध्याय व घटनाओं का स्मरण कराता है. यह हमारे महान राष्ट्र को अखंड, शक्तिशाली व महान होने की दिशा में अग्रसर करेगा."
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