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Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas: दुनिया का के सबसे बड़े विस्थापन का दर्द; विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस

Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas: भारत को 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिली. स्वतंत्रता दिवस, जो हर साल 15 अगस्तको मनाया जाता है, किसी भी राष्ट्र के लिए एक खुशी और गर्व का अवसर होता है. हालांकि, स्वतंत्रता की मिठास के साथ-साथ देश को विभाजन का आघात भी सहना पड़ा.

Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas: दुनिया का के सबसे बड़े विस्थापन का दर्द; विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस
Partition Horrors Remembrance Day: विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस

Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas 2025: 15 अगस्त 1947 को मिली आजादी से एक दिन पहले हुए भारत के विभाजन और उस त्रासदी में मारे गए एवं पीड़ित लाखों लोगों की याद में भारतीय जनता पार्टी 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' (Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas) के रूप में मनाती है. विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर हम उन अनगिनत लोगों को याद करते हैं जो विभाजन की भयावहता से प्रभावित हुए. यह दिवस उन पीड़ितों के साहस को श्रद्धांजलि देने का भी दिन है, जो मानवीयता की शक्ति को दर्शाता है. विभाजन से प्रभावित बहुत से लोगों ने अपने जीवन को फिर से संवारा. विभाजन मानव इतिहास में सबसे बड़े विस्थापनों में से एक है, जिससे लगभग 20 मिलियन लोग प्रभावित हुए. लाखों परिवारों को अपने पैतृक गांवों/कस्बों/शहरों को छोड़ना पड़ा और शरणार्थी के रूप में एक नया जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ा.

ऐसा है इतिहास

15 अगस्त, 2025 को पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा, लेकिन इसके साथ ही विभाजन का दर्द और हिंसा भी देश की स्मृति में गहराई से अंकित है. हालांकि, देश बहुत आगे बढ़ गया है और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. लेकिन देश के विभाजन के दर्द को कभीभुलाया नहीं जा सकता है. अपनी आजादी का जश्न मनाते हुए एक कृतज्ञ राष्ट्र, मातृभूमि के उन बेटे-बेटियों को भी नमन करता है, जिन्हें हिंसा के उन्माद में अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी. भारत को 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिली. स्वतंत्रता दिवस, जो हर साल 15 अगस्तको मनाया जाता है, किसी भी राष्ट्र के लिए एक खुशी और गर्व का अवसर होता है. हालाँकि, स्वतंत्रता की मिठास के साथ-साथ देश को विभाजन का आघात भी सहना पड़ा. नए स्वतंत्र भारतीय राष्ट्र का जन्म विभाजन के हिंसक दर्द के साथ हुआ, जिसने लाखों भारतीयों पर पीड़ा के स्थायी निशान छोड़े.

पीएम मोदी ने एक बार कहा था कि "देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता. नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी. उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है. Partition Horrors Remembrance Day का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी."

बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा था "'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' 1947 के उस क्रूर घटना का स्मरण कराता है, जब संसार को 'वसुधैव कुटुंबकम' और 'सर्वे भवंतु सुखिन' का संदेश देने वाले हमारे महान राष्ट्र को राजनीतिक स्वार्थ के लिए बांट दिया गया था. इस दौरान लोगों ने अत्यंत अमानवीय यातनाएं सही, पलायन के निर्दय कष्ट उठाए, अपने परिश्रम से कण-कण जोड़कर बनाए घर-द्वार, संपत्ति से वंचित हो गए, असंख्य लोगों ने जीवन खो दिया. मैं आज उन सभी को श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन करता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' मनाने का निर्णय हमें उन समस्त काले अध्याय व घटनाओं का स्मरण कराता है. यह हमारे महान राष्ट्र को अखंड, शक्तिशाली व महान होने की दिशा में अग्रसर करेगा."

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