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UPSC पास युवक को रेप केस में मिली बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने महिला को लगाई फटकार और रद्द कर दी FIR

Madhya Pradesh High Court: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (High Court Jabalpur) ने यूपीएससी उत्तीर्ण (UPSC PASS) युवक के विरुद्ध दर्ज दुष्कर्म की एफआईआर को निरस्त कर दिया. इससे युवक को बड़ी राहत मिली है. जानें क्या था पूरा मामला.

UPSC पास युवक को रेप केस में मिली बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने महिला को लगाई फटकार और रद्द कर दी FIR
UPSC पास युवक को रेप केस में मिली बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने महिला को लगाई फटकार और रद्द कर दी FIR

MP News In Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court)  से दष्कर्म मामले (Rape Case) में दर्ज एफआईआर के मामले में यूपीएससी पास युवक को राहत मिली है. अब हाई कोर्ट ने यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण एक युवक के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म की एफआईआर को निरस्त कर दिया. न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने इस मामले में अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता, जो खुद शासकीय सेवक है और आर्थिक रूप से समृद्ध है, ने एफआईआर दर्ज कराने में अत्यधिक देरी की. कोर्ट ने इस देरी को तार्किक नहीं माना और दुष्कर्म का आरोप अनुचित करार दिया.

 केस दायर करने की स्वतंत्रता

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता को, यदि वह चाहती है, तो अपने रुपये वापस पाने के लिए सिविल केस दायर करने की छूट है. यह निर्णय न्यायिक प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए लिया गया.

दोनों के बीच आपसी सहमति से संबंध रहे

नरसिंहपुर निवासी वीर सिंह राजपूत, जिसने यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की है, ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की थी. याचिकाकर्ता के वकीलों ने तर्क दिया कि 2019 से 2023 तक दोनों के बीच आपसी सहमति से संबंध रहे. लेकिन जब याचिकाकर्ता का किसी अन्य युवती से विवाह तय हो गया, तो शिकायतकर्ता ने एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप लगाया गया था.

शिकायतकर्ता के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने न केवल शादी का झांसा देकर संबंध बनाए, बल्कि उसे ब्लैकमेल करते हुए आर्थिक लाभ भी उठाया.

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UPSC परीक्षा उत्तीर्ण संबंधी दावे की पुष्टि

शिकायतकर्ता ने याचिकाकर्ता के यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने के दावे को चुनौती दी थी, लेकिन राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने पुष्टि की कि याचिकाकर्ता ने वास्तव में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की है, और इस संबंध में प्रमाणपत्र भी प्रस्तुत किया गया. हाई कोर्ट ने पूरे मामले का अवलोकन करने के बाद एफआईआर को निरस्त कर दिया, जिससे वीर सिंह को बड़ी राहत मिली.

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