भिंड जिले में अवैध हथियारों के खेल का बड़ा खुलासा करते हुए पुलिस ने कुछ दिन पहले एक हथियार फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था. हैरानी की बात यह है कि आरोपी पुलिस से बेखौफ होकर सोशल मीडिया पर अवैध हथियारों का वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर वायरल कर रहे थे. पुलिस के हाथ लगे 33 सेकंड के वीडियो ने गैंग का भंडाफोड़ कर दिया.
इंस्टाग्राम पर कट्टों की क्वालिटी दिखाते थे आरोपी
वीडियो में आरोपी कट्टों की क्वालिटी दिखाते और चलाने पर नली न फटने की ‘फुल गारंटी' देते नजर आए. यह वीडियो जब पुलिस के हाथ लगा तो जांच शुरू की गई और मामला उजागर हो गया.
अभी तोमर गैंग का मास्टरमाइंड
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि भिंड के मेहगांव का रहने वाला अभी तोमर और पिपरौली निवासी अजय गौड़ तीन महीने पहले मिले थे. अजय गौड़ पहले से हथियार तस्करी से जुड़ा था. दोनों ने हथियार फैक्ट्री लगाने की योजना बनाई. अजय ने अभी को बताया कि भिंड में कट्टों की भारी डिमांड है और लोग महंगे दामों में भी चुपचाप खरीद लेते हैं. अभी ने बताया कि यूपी से बार-बार हथियार लाने में जोखिम रहेगी है, इसलिए भिंड में ही फैक्ट्री लगाने का फैसला हुआ.
20 हजार महीने किराए में खेत, यूपी से कारीगर बुलाया
दोनों ने रूपावाई के पुरा गांव में उमेश शर्मा के खेत को 20 हजार रुपये प्रति माह तय किया और वहां फैक्ट्री शुरू की. हथियार बनाने की मशीनें और सामग्री मंगाई गई. यूपी के मैनपुरी जिले से कारीगर राजेश विश्वकर्मा को 50 हजार रुपये महीने पर बुलाया गया.
19 दिन में 22 कट्टे बनाए, 9–10 हजार में बिके
19 सितंबर से शुरू हुई फैक्ट्री में 19 दिनों में कारीगर ने 22 कट्टे तैयार किए. कट्टों की नली गैस पाइपलाइन से बनाई जाती थी. कट्टा की नाली नही फटने की फुल गारंटी देते थे. हर हथियार 9 से 10 हजार रुपये में बेचा जा रहा था. दीपावली से पहले राजेश विश्वकर्मा 50 हजार रुपये लेकर मैनपुरी अपने घर लौट गया था.
मास्टरमाइंड अभी ने बेच दिए थे 5 कट्टे
अभी तोमर 5 कट्टे बेच चुका था. इस बीच 7 अक्टूबर को अभी ने कट्टे से हवाई की थी, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. अभी के जेल जाते ही खेत मालिक उमेश शर्मा ने पुलिस कार्रवाई के डर से हथियार बनाने की मशीनें और कट्टे अपने दोस्त बंटी के घर छुपा दिए.
यह हुई थी पुलिस की कार्रवाई
24 अक्टूबर को बरोही थाना प्रभारी अतुल भदौरिया ने अमलहड़ी गांव के तिराहे पर एक व्यक्ति मोटरसाइकिल से अवैध हथियार बेचने के लिए खड़ा एक संदिग्ध को पकड़ा गया. आरोपी के बैग से एक 32 बोर का कट्टा, तीन 315 बोर के कट्टे और तीन जिंदा कारतूस बरामद किए गए.
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अपने तीन अन्य साथियों के साथ रूपावही गांव में अवैध हथियार बनवाने का काम करता है. उन्होंने एक स्थानीय किसान से 20 हजार रुपये प्रति माह किराए पर जगह ली थी, जबकि उत्तर प्रदेश के किशनी से एक कारीगर को 50 हजार रुपये प्रति माह में बुलाया गया था जो हथियार बनाता था.
आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे इटावा, मैनपुरी और एटा जिलों से हथियार बनाने का सामान फुटकर में खरीदते थे. उन्होंने 19 सितंबर को फैक्ट्री शुरू की थी और अब तक 22 देसी कट्टे तैयार किए, जिनमें से सात कट्टे अलग-अलग लोगों को बेच चुके हैं. पुलिस ने अवैध हथियार खरीदने वाले तीन लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया थ. पुलिस ने इस मामले में पांच और आरोपियो को गिरफ्तार कर चुकी है. बताया गया है कि कट्टे बनाने वाला कारीगर उत्तर प्रदेश के किशनी का शातिर अपराधी है, जिस पर पहले से ही कई मामले दर्ज हैं.
एसपी डॉ. असित यादव ने बताया कि फरार कारीगर पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है और अन्य फरार आरोपियों की तलाश में टीमों को लगाया गया है.