
UNESCO World Heritage: यूनेस्को (UNESCO) की विश्व धरोहर सूची (World Heritage List) में ओरछा (Orchha) के ऐतिहासिक समूह को नामांकित कराने के लिये मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा तैयार कराये गए डोजियर यानी संकलित डॉक्यूमेंट को केंद्र सरकार ने यूनेस्को की विश्व धरोहर कमेटी को सौंप दिया है. वर्ष 2027-28 के लिये केंद्र द्वारा ओरछा के ऐतिहासिक समूह को विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) घोषित करने की अनुशंसा की गई है. पेरिस स्थित यूनेस्को कार्यालय (UNESCO Office) में भारतीय राजदूत विशाल वी शर्मा ने यूनेस्को विश्व विरासत केंद्र के डॉयरेक्टर लाजारे एलौंडौ असोमो को ओरछा का डोजियर सौंपा. यूनेस्को की आधिकारिक घोषणा के बाद ओरछा देश की ऐसी एकमात्र विश्व धरोहर स्थल होगा, जो राज्य द्वारा संरक्षित है.
यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में #ओरछा के ऐतिहासिक समूह को नामांकित कराने के लिये @MPTourism द्वारा तैयार कराये गए डोजियर (संकलित दस्तावेज) को केंद्र सरकार ने @UNESCO की विश्व धरोहर कमेटी को सौंप दिया है।@IndiaatUNESCO@incredibleindia@tourismgoi#UNESCO#WorldHeritage pic.twitter.com/xn0iS0c94v
— Culture Department, MP (@minculturemp) October 16, 2024
पिछले 5 वर्षों के प्रयासों से मिली सफलता
एमपी टूरिज्म बोर्ड (MP Tourism Board) द्वारा ओरछा और भेड़ाघाट को यूनेस्को की टेंटेटिव सूची में शामिल कराने के लिए वर्ष 2019 एवं 2021 में प्रस्ताव तैयार कराया गया था. जिसको भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा योग्य मानते हुए यूनेस्को के विश्व धरोहर अनुभाग को अग्रेषित किया और फिर टेंटेटिव लिस्ट में सम्मिलित करने की घोषणा की गई थी. घोषणा के बाद टूरिज्म बोर्ड द्वारा विशेषज्ञ संस्थाओं के सहयोग से ओरछा, मांडू, भेड़ाघाट के डोजियर तैयार कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भेजा गया. संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने प्रारंभिक निरीक्षण कर ओरछा का डोजियर अनुशंसा कर यूनेस्को के विश्व धरोहर अनुभाग को सौंपा गया.
'यह उन दिनों की बात है' की इस कड़ी में हम आपको ओरछा किला के बारे में बता रहे हैं जो ऐतिहासिक विरासत का केंद्र है। यह आकर्षक किला इतिहास के पन्ने पलटता प्रतीत होता है। आप भी ओरछा आएं और इस किले में स्थित स्मारक की दिलचस्प इतिहास का अनुभव लें।#YehUnDinonKiBaatHai #orchha… pic.twitter.com/iQR1tGCdgT
— Madhya Pradesh Tourism (@MPTourism) October 13, 2024
MP में हैं समृद्ध विरासतें
हर साल केंद्र सरकार देश की एक धरोहर को यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में नामांकित कराने के लिए यूनेस्को (यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल आर्गेनाइजेशन) को अनुशंसा करती हैं. यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में प्रदेश के 14 स्थल शामिल है.
यूनेस्को की टेंटेटिव सूची में ग्वालियर किला, बुरहानपुर का खूनी भंडारा, चंबल घाटी के शैल कला स्थल, भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर, मंडला स्थित रामनगर के गोंड स्मारक, धमनार का ऐतिहासिक समूह, मांडू में स्मारकों का समूह, ओरछा का ऐतिहासिक समूह, नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट-लमेटाघाट, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और चंदेरी शामिल है.
MAJESTIC #ओरछा#MadhyaPradesh के महत्वपूर्ण स्थल ओरछा की स्थापना 16वीं शताब्दी में बुंदेला राजपूत प्रमुख रुद्र प्रताप ने की थी। यह अपनी छतरियों, राजा राम मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।#repost @JansamparkMP#orchha #historicalplace #indianarchitecture
— Madhya Pradesh Tourism (@MPTourism) August 10, 2023
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सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व का स्थल है ओरछा
ओरछा बेतवा नदी के किनारे स्थित है, जो इसे प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करता है और आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक यात्रा के लिए आकर्षक बनाता है. बेतवा नदी के किनारे स्थित ओरछा की शाही छत्रियां बुंदेला राजाओं की स्मृति में बनवाई गईं और शाही वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण हैं. बुंदेला स्थापत्य शैली का अनुपम उदाहरण है ओरछा. ओरछा का स्थापत्य बुंदेला शासकों द्वारा विकसित किया गया था, जो अद्वितीय स्थापत्य शैली का प्रतीक है, जिसमें महलों, मंदिरों, और किलों का समावेश है. ओरछा का प्रसिद्ध जहांगीर महल, मुगल और राजपूत स्थापत्य का अनूठा संगम है. इसे मुगल सम्राट जहांगीर के स्वागत के लिए बनवाया गया था.
अमर महल और लक्ष्मी नारायण मंदिर में की गई भित्ति चित्रकारी और वास्तुकला बुंदेला शासकों की धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक योगदान को दर्शाती है.
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