मोदी सरकार (Modi government)ने नारी शक्ति वंदन बिल मंगलवार को लोकसभा (Lok Sabha) में पेश कर दिया है.महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण वाले इस बिल को कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल (Arjunram Meghwal) ने इसे पेश किया तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (Congress and Aam Aadmi Party)ने भी इसका स्वागत किया लेकिन बीजेपी के अंदर से ही इसके खिलाफ आवाज उठने लगी है. पार्टी की वरिष्ट नेता उमा भारती ने मांग की है कि इस बिल में ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया जाए. उमा भारती (Uma Bharti)ने इसके लिए बकायदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)को पत्र भी लिखा है.
उमा ने कहा है कि आज हालात ऐसे हैं कि राष्ट्रवादी लोग बीजेपी के विरोध में दूसरी जगहों पर जा रहे हैं. पार्टी नेतृत्व को इस पर ध्यान देना होगा.
मुलायम और लालू ने भी किया था मेरा समर्थन
उमा भारती ने पीएम को लिखे पत्र में कहा है कि जब साल 1996 में ये बिल तब के प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने रखा था तभी मैंने इसमें ओबीसी के लिए संशोधन प्रस्तुत कर दिया था. उस समय आधे से ज्यादा सदन ने मेरा साथ दिया था. खुद देवगौड़ा जी ने इस संशोधन को स्वीकार किया और विधेयक को स्टैडिंग कमेटी के पास भेजा था. तब के हमारे नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने भी मेरी बात को धैर्य के साथ सुना था.
इसके साथ ही मंडल कमीशन के द्वारा चिह्नित मुस्लिम समुदाय की पिछड़ी जाति की महिलाओं को भी इसमें शामिल होना चाहिए. यदि इस विशेष प्रावधान के बगैर यह विधेयक पारित हो रहा है तो पिछड़े वर्गों की महिलाओं के साथ ये अन्नाय होगा. उमा ने दावा किया कि उनके इस प्रसताव की वजह से पिछड़ी जातियों में पार्टी का प्रभाव बढ़ा है. उमा ने कहा कि अब में संसद में नहीं हूँ लेकिन मुझे एवं देश के पिछड़े, दलित एवं आदिवासी वर्गों को भरोसा हैं की हमारी सरकार इस को समग्रता के साथ ही संसद में प्रस्तुत करेगी.
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