
Ujjain News: उज्जैन में पुलिस (Police) द्वारा बदमाशों के साथ निरपराध लोगों का जुलूस निकालने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में BJP नेता का जुलूस निकालने पर तीन पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच करने के बाद भी लोगों का आक्रोश खत्म नहीं हुआ और रविदास (Ravidas) समाज के लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम (Police Control Room) का घेराव कर दिया. इस मामले पर जब बीजेपी विधायक (BJP MLA) अनिल जैन कालुहेडा से बात हुई तो उन्होंने कहा कि पुलिस ने नासमझी में बेकसूर लोगों का जुलूस निकाल दिया.
क्या है मामला?
8 नवंबर को पुलिस ने करीब दो दर्जन लोगों का ढोल ताशे बजवाते हुए कान पकड़वाया था और उठक-बैठक लगवाते हुए महाकाल क्षेत्र में जुलूस निकाल दिया था. इनमें कुशलपुरा निवासी बीजेपी के पूर्व मण्डल अध्यक्ष व बूथ अध्यक्ष विकास करपरिया और उसके भाई विमल (विक्की) का भी जुलूस निकाला था. अधिकारियों ने दावा किया था कि चाकूबाजी और लगातार अपराधों में लिप्त बदमाशों को लाकर तस्दीक के बाद छोड़ दिया. वहीं इस मामले में शनिवार को उस समय बवाल मच गया, जब विकास का जुलूस निकालने से नाराज BJP नेताओं ने एसपी (SP Ujjain) प्रदीप शर्मा और एएसपी नितेश भार्गव से शिकायत कर, दावा किया कि विकास पर चाकू बाजी का केस नहीं है.
तीन और बेकसूरों को उलझाया
विकास का मामला सामना आने के बाद महाकाल क्षेत्र के रमेश चंद्र माली, अक्षत अवार्ड और अनिल अवार्ड ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. दावा किया कि उन पर भी किसी तरह का केस नहीं है. बावजूद इसके पुलिस उन्हें जबरन ले गई और गुंडो के साथ जुलूस निकाल दिया.
मानव अधिकार आयोग को शिकायत
इस मामले में विकास ने आरोप लगाया कि "मुझे थाने से फोन आया था कि पुराने मामले में साइन चाहिए. मैं थाना गया तो मुझे जबरन बलपूर्वक गुंडों के जुलूस में खड़ा कर दिया. अब पुलिसकर्मी मुझे धमकी दे रहे है. पुलिस गुंडा अभियान की आड में सभ्य लोगों को पकड़कर खानापूर्ति कर रही है." अब तीनों पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने के साथ ही मानव अधिकार आयोग में इसकी शिकायत की है. वहीं विमल ने पुलिस वालों के खिलाफ मानहानि का केस करने की बात कही है.
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