Madhya Pradesh News : उज्जैन में गुुरुवार को एक सामाजिक संगठन ने करीब 5 हजार मृत गायों के मोक्ष के लिए तर्पण किया. क्षिप्रा नदी के रामघाट (Ujjain Ramghat) पर हुए इस तर्पण कार्यक्रम में अपने पूर्वजों को मोक्ष के लिए किए जाने वाले श्राद्ध की तरह पूरे विधि-विधान से पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण कर मृत गायों का तर्पण किया गया. पहली बार हुए इस तरह के तर्पण कार्यक्रम को देखने के लिए काफी संख्या में लोग क्षिप्रा के तट पर पहुंचे थे.
संगठन का संकल्प : नहीं होने देंगे गौ माता का अनादर
गो सेवा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष तेजूबाबा ने बताया कि हमारा संगठन ने पांच वर्ष पहले निर्णय लिया था कि गौ माता का अनादर नहीं होने देंगे. इसी के चलते गांव से लेकर शहर तक जहां भी गाये मृत पाई जाती हैं, हम उनका अंतिम संस्कार करते हैं. अब तक करीब पांच हजार गायों की अंत्येष्ठि कर चुके हैं.
तेजूबाबा का कहना है कि हम गाय को गौ माता कहते हैं, लेकिन उनकी मौत होने पर हम उन्हें जंगलों में फिकवा देते हैं. जहां गौ-वंश को कुत्ते नोच-नोच कर खाते है. इसलिए पूरी टीम ने निर्णय लिया कि प्रदेश में कहीं पर भी गौ-माता की मृत्यु होने पर जमीन में दफना कर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
राष्ट्र माता के दर्जे की मांग
तेजूबाबा के अनुसार गाय के जीवित रहते हम उनको गौ माता कहते हैं लेकिन मरने के बाद उनकी दुर्दशा करते हैं. इसलिए मृत गो-वंश के अंतिम संस्कार का अभियान चलाया जा रहा है और लोगों को प्रेरित भी किया जा रहा है. वहीं हमारा संगठन गौ-माता को राष्ट्रीय माता भी घोषित करने की मांग कर रहा है.
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