Ujjain Mahakal Lok Vistar Phase 2: उज्जैन (Ujjain) में महाकाल मंदिर परिसर (Mahakal Lok Vistar) के विस्तार से जुड़ी महाकाल लोक फेज–II परियोजना को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है. अदालत ने भूमि अधिग्रहण को चुनौती देने वाली तकीया मस्जिद की याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता केवल उपासक है, भूमि का मालिक नहीं, इसलिए उसे अधिग्रहण कार्यवाही को चुनौती देने का अधिकार नहीं है. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि याचिका में अधिग्रहण की अधिसूचनाओं को सीधे चुनौती नहीं दी गई है, आपत्ति केवल मुआवजे तक सीमित है. ऐसे मामलों में कानून के तहत वैकल्पिक उपाय मौजूद हैं.
याचिका में क्या तर्क था?
याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने तर्क दिया कि अधिग्रहण प्रक्रिया सामाजिक प्रभाव आकलन के बिना की गई, जिससे यह अवैध है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया. इससे पहले तकीया मस्जिद के ध्वस्तीकरण को चुनौती देने वाली याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी थी.
सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के साथ महाकाल लोक फेज–II परियोजना से जुड़ा विवाद समाप्त हो गया है. यह योजना उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर और आसपास के सार्वजनिक स्थलों के बड़े पैमाने पर पुनर्विकास से जुड़ी राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है.
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