Madhya Pradesh News: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के पुत्र के पत्नी और दोस्तों के साथ महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश कर पूजा करने का मामला तूल पकड़ने के बाद कलेक्टर नीरज सिंह ने एक्शन लिया है. मामले में उन्होंने दर्शन प्रभारी को हटा दिया. वहीं मंदिर प्रशासक ने भी जांच शुरू कर दी है. हालांकि मुख्य जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं होने से इसे महज औपचारिकता माना जा रहा है.
ये है मामला
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में सवा साल से आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक है. यहां श्रद्धालु करीब 50 फ़ीट दूर से शिवलिंग के दर्शन करते हैं. लेकिन गुरुवार की शाम को महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के पुत्र सांसद श्रीकांत शिंदे, पत्नी और दो दोस्तों के साथ मंदिर पहुंचे और गर्भगृह में प्रवेश किया. उन्होंने शिवलिंग के पास बैठकर करीब 6 मिनट तक पूजा की. चारों गर्भगृह में इंट्री ओर पूजा का वीडियो फोटो वायरल होने के बाद बवाल मचा तो कलेक्टर सिंह ने मंदिर के दर्शन प्रभारी विनोद चौकसे के हटा दिया.
शिंदे पर कार्रवाई पर चुप्पी
ख़ास बात यह है कि मामले में कोई भी अधिकारी यह नहीं बता रहा है कि सांसद श्रीकांत शिंदे उनकी पत्नी और दोस्त को जल द्वार से किसने प्रवेश करवाया और उन्हें गर्भगृह में इंट्री कैसे मिली. यही नहीं क्या शिंदे पर भी इस मामले में कोई कार्रवाई होगी. बता दें कि इसके पूर्व भी कई प्रभावशाली नियमों को तोड़कर गर्भ गृह में जाकर पूजा करते रहे हैं और हालातों को देखते हुए भविष्य में भी इसके रुकने की संभावना नज़र नहीं आती है.
सिर्फ इन्हें है अधिकार
महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि मंदिर के गर्भ ग्रह में तय पुजारी, पुरोहितों,महामंडलेश्वर शंकराचार्य स्तर के साधु संत को प्रवेश की पात्रता है. राजनेता या अन्य किसी कोई गर्भ गृह में प्रवेश नहीं कर सकता है. लेकिन महाकाल मंदिर समय प्रबंधन समिति अध्यक्ष और कलेक्टर को अधिकार है कि वह किसी को भी मांगने गर्भ गृह में जाकर पूजा प्रवेश करने की अनुमति दे सकते हैं.
गर्भ गृह में इसलिए लगाई थी रोक
4 जुलाई 2023 को सावन में भीड़ की देखते हुए 11 सितंबर 2023 तक के लिए गर्भगृह बंद कर दिया था. तय किया था कि सावन महीनें के बाद गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा. बाद में महाकाल लोक की वजह से भक्तों की संख्या बढ़ी तो इतनी बड़ी तादात में भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश देना नामुमकिन बताते हुए प्रतिबंध यथावत रखा. वहीं सुप्रीम कोर्ट को भी समिति ने शिवलिंग का क्षरण रोकने के लिए गर्भगृह में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने का सुझाव दिया था.
कब-कब टूटे नियम
12 मार्च 2023, रंगपंचमी पर भाजपा नेता और तत्कालीन इंदौर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला का पुत्र रुद्राक्ष शुक्ला भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में पहुंचा. 5 अप्रैल 2023, भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ इंदौर के विधायक रमेश मेंदोला गर्भगृह में पूजन करने के बाद ध्यान लगाते दिखाई दिए थे.
ये भी पढ़ें
19 अगस्त 2024,सावन के आखिरी सोमवार पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, उज्जैन भाजपा के ग्रामीण अध्यक्ष बहादुर सिंह बोरमुंडला, देवास बीजेपी जिला अध्यक्ष राजीव खंडेलवाल और ग्वालियर के जय प्रकाश (बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य) ने गर्भगृह में जाकर पूजा की थी.
ये भी पढ़ें CG: चाय बेचने वाले ने की 100 करोड़ की ठगी! 400 लोगों को ऐसे फंसाया जाल में, पूरा मामला जान चौंक जाएंगे आप