Terror Among People Due to Leopard News: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित खातिलवार गांव में एक खूंखार तेंदुए का आतंक पिछले 48 घंटे से छाया हुआ है. इस तेंदुए ने न केवल इलाके में दहशत फैला रखी है, बल्कि दोनों राज्यों के पांच लोगों को घायल भी कर चुका है. जहां पुलिस और वन विभाग के अत्याधुनिक साधन भी नाकाम साबित हो रहे हैं, वहीं त्योंथर क्षेत्र के पूर्व विधायक श्यामलाल द्विवेदी हाथ में मामूली जाल लेकर तेंदुए को पकड़ने के लिए मैदान में उतर गए.
दो राज्यों की पुलिस और वन विभाग के लिए चुनौती बना तेंदुआ
27 दिसंबर को जनेह थाना क्षेत्र के खातिलवार गांव में शौच के लिए गए एक किशोर पर तेंदुए ने हमला कर दिया. ग्रामीणों के प्रयास से किशोर को बचा लिया गया, लेकिन तेंदुआ ने अन्य ग्रामीणों को भी घायल कर दिया. इस घटना के बाद पुलिस और वन विभाग ने इलाके में सर्च अभियान चलाया. ड्रोन की मदद से तेंदुए को एक बार झाड़ियों में देखा भी गया, लेकिन वह तुरंत गायब हो गया.
ग्रामीणों में दहशत का माहौला
तेंदुए के हमलों से इलाके में डर का माहौल है. लोग सड़कों पर निकलने से डर रहे हैं और खेतों में काम करना भी जोखिम भरा हो गया है. प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद तेंदुए को पकड़ने में असफलता ने ग्रामीणों की परेशानी बढ़ा दी है.
पूर्व विधायक का साहसिक कदम
ऐसे में त्योंथर के पूर्व विधायक श्यामलाल द्विवेदी ने प्रशासन की असफलता से निराश होकर खुद तेंदुए को पकड़ने का बीड़ा उठा लिया है. वे हाथ में मामूली मछली पकड़ने का जाल लेकर ग्रामीणों के साथ खेतों में तेंदुए को खोजने के लिए उतर पड़े हैं. उनका कहना है कि जब प्रशासन नाकाम है, तो ग्रामीणों की समस्या को देखकर चुप नहीं बैठ सकता. मैं अपने दम पर तेंदुए को पकड़ने की कोशिश कर रहा हूं.
प्रशासन और विधायक की कोशिशें जारी
वन विभाग और पुलिस की टीमें लगातार तेंदुए की खोज में लगी हुई हैं. ड्रोन और अन्य उपकरणों की मदद से उसे ट्रैक करने की कोशिशें की जा रही हैं. वहीं, पूर्व विधायक का यह प्रयास जहां एक तरफ उनकी हिम्मत को दर्शाता है, वहीं प्रशासन की विफलता पर भी सवाल खड़े करता है.
तेंदुए की समस्या पर पूर्व विधायक की प्रतिक्रिया
पूर्व विधायक श्यामलाल द्विवेदी ने कहा कि यह केवल एक तेंदुए का मामला नहीं है, बल्कि ग्रामीणों की सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था की परीक्षा भी है. मैंने ग्रामीणों की समस्या को गंभीरता से लिया है और हर संभव प्रयास करूंगा कि तेंदुए को पकड़ा जाए, ताकि लोगों की परेशानी दूर हो.
यह घटना प्रशासनिक तैयारियों और संसाधनों के उपयोग पर गंभीर सवाल खड़े करती है. जहां अत्याधुनिक साधन भी विफल हो रहे हैं. वहीं, पूर्व विधायक का साहसिक कदम ग्रामीणों के लिए एक आशा की किरण है. अब यह देखना होगा कि यह तेंदुआ कब तक पकड़ा जाता है और इलाके में फिर से सामान्य स्थिति कब बहाल होती है.
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