मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दो बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेज से पासपोर्ट बनवाकर फरार हो गए हैं. इतनी बड़ी चूक से सत्यापन करने वाले जिम्मेदार अधिकारी सवालों के घेरे में हैं. इस मामले में जांच के बाद सुरक्षा एवं गुप्तवार्ता के पत्र के बाद कोलार पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. दोनों बांग्लादेशी कोलार में ही किराए पर रह रहे थे.
जांच में पता चला है कि बांग्लादेशियों ने फर्जी आधार कार्ड और मतदाता परिचय पत्र भी बनवा लिया था. पुलिस अब वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दोनों बांग्लादेशियों की तलाश में जुटी हुई है. इस मामले को लेकर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है, हमने जांच के निर्देश दिए हैं.
ऐसे हुआ खुलासा
अभी तक की जांच में पता चला है कि दोनों बांग्लादेशी नागरिकों ने पासपोर्ट से पहले फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवाए, फिर मतदान पहचान पत्र बनवाया था. अधिकारी ने बताया कि मामले का खुलासा तब हुआ, जब सुरक्षा एजेंसियों को दस्तावेजों की जांच के दौरान संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली.
भोपाल में की है इंजीनियरिंग की पढ़ाई
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (जोन-4) मलकीत सिंह ने बातचीत में कहा कि दोनों आरोपी, रिहान अंसारी और मकबूल अंसारी भाई हैं और उनके खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों ने 2014 से 2018 के बीच भोपाल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और इसी दौरान कोलार रोड थाना क्षेत्र में किराये के एक मकान में रहते हुए आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बनवा लिए.
उन्होंने कहा कि इसी के आधार पर दोनों ने पासपोर्ट भी बनवा लिए. पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं और इनके पासपोर्ट रद्द करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.
पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
नकली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवा लेने जैसी घटना ने पासपोर्ट विभाग और पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, क्योंकि पुलिस सत्यापन के बाद ही विदेश मंत्रालय की तरफ से पासपोर्ट जारी किया जाता है.