
Cabinet Meeting: भोपाल (Bhopal) में कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) के मंत्रिमंडल (Cabinet Meeting) ने रविवार को आचार्य विद्यासागर (Acharya Shri Vidyasagar Ji Maharaj) को श्रद्धांजलि दी. आचार्य के सल्लेखना समाधि का उल्लेख करते हुए कहा कि मंत्रिमंडल आचार्य के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए शोक व्यक्त करता है. आचार्य के अवसान पर मध्य प्रदेश में आधे दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया और उनके अंतिम संस्कार के लिए राज्य शासन के प्रतिनिधि मंत्री चैतन्य काश्यप शामिल हुए.
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मंत्रिमंडल की बैठक में 2 मिनट का मौन
मंत्री परिषद के सदस्यों ने भोपाल में मंत्रिमंडल की बैठक में 2 मिनट का मौन धारण कर आचार्य श्री के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आचार्य श्री का चिंतन राष्ट्र कल्याण के लिए था. वह ऐसी विभूति थे, जिन्होंने अनेक आदर्श स्थापित किए. प्रधानमंत्री मोदी ने भी दिल्ली अधिवेशन में व्यस्त रहते हुए भी आचार्य श्री के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
जानिए कौन है आचार्य विद्यासागर महाराज
जैन संत संप्रदाय में सबसे ज्यादा विख्यात संत विद्यासागर महाराज का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को विद्याधर के रूप में कर्नाटक के बेलगांव जिले के सदलगा में शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था. उनके पिता का नाम मल्लप्पा था, जो बाद में मुनि मल्लिसागर बने. उनकी माता का नाम श्रीमंती था, जो बाद में आर्यिका समयमति बन गई थी. 22 नवम्बर 1972 में ज्ञानसागर को आचार्य का पद दिया गया था. उनके भाई महावीर, अनंतनाथ और शांतिनाथ ने आचार्य विद्यासागर से दीक्षा ग्रहण की और मुनि योग सागर और मुनि समय सागर, मुनि उत्कृष्ट सागर कहलाए.
श्री राम मंदिर के लिए प्रधानमंत्री को बधाई
भोपाल में मंत्री परिषद की बैठक शुरू होने से पहले एक विशेष चर्चा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्री परिषद की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आभार व्यक्त किया.
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