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टूटे पुल के चलते लगाना पड़ता है 100 किमी का चक्कर, दो साल से बंद अंतरराज्यीय मार्ग पर आवागमन

सिहावल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक विश्वामित्र पाठक निर्वाचित हुए हैं. ऐसे में अब यह पुल निर्माण का कार्य उनके लिए एक चुनौती है. अभी तक आरोप लगाया जा रहा था लेकिन अब उन पर खुद यह जिम्मेदारी आ गई है कि कितना तेजी से पुल का निर्माण कराते हैं क्योंकि पुराने पुल पर आवागमन बंद है.

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टूटे पुल के चलते लगाना पड़ता है 100 किमी का चक्कर, दो साल से बंद अंतरराज्यीय मार्ग पर आवागमन
दो साल से बंद अंतरराज्यीय मार्ग पर आवागमन

Sidhi News: बहरी-हनुमना मुख्यमार्ग स्थित जोगदहा सोन घाट के पुराने पुल के क्षतिग्रस्त होने के चलते पिछले दो वर्ष से आवागमन बंद है जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नया पुल कब तक बनकर तैयार होगा यह कह पाना भी काफी मुश्किल है क्योंकि निर्माण कंपनी की ओर से 'कछुए की चाल' से पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है.

100 किलोमीटर का लगाना पड़ता है चक्कर

बहरी-हनुमना अंतरराज्यीय मार्ग पर जर्जर पुल के कारण आवागमन बंद है. ऐसे में करीब 100 किलोमीटर का चक्कर लगाकर यात्री सफर कर रहे हैं. सीधी और सिंगरौली से बसें यात्रियों को लेकर पुल तक पहुंचती हैं और फिर यहां यात्री पैदल ही पुल पारकर दूसरे छोर पर जाते हैं. इसके बाद दूसरी बस में सवार होकर आगे की यात्रा करते हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुल का निर्माण समय पर न होने से कितना खर्चा बढ़ रहा है. साथ ही लोगों का समय भी जाया हो रहा है. मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश, बनारस को हनुमना से जोड़ने वाला यह प्रमुख मार्ग बेहद उपयोगी है लेकिन क्षतिग्रस्त पुल के चलते बड़े वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है. दो पहिया एवं चार पहिया वाहन चालक जान को जोखिम में डालकर यहां से आना-जाना कर रहे हैं.

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सेतु निर्माण विभाग को मिली जिम्मेदारी

बहु उपयोगी पुल का निर्माण सेतु निर्माण विभाग की ओर से कराया जा रहा है. बताया गया कि करीब 3 साल पहले हुए टेंडर के मुताबिक संविदाकार के द्वारा कार्य नहीं किया जा रहा था जिसके चलते पहले संविदाकार को कार्य से अलग कर दिया गया और बाद में पुनः अलग से टेंडर प्रक्रिया करने के बाद अब दूसरे संविदाकार को पुल निर्माण के लिए कार्य सौंपा गया. 3 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई आपेक्षिक परिणाम नहीं दिख रहा है. ऐसे में राज्य मार्ग से गुजरने वाले लोगों को अनायास ही चक्कर लगाना पड़ता है.

भाजपा-कांग्रेस के बीच में भी फंसा पेंच

सोन नदी के जोगदह घाट पर पुल निर्माण का क्षेत्र सिहावल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और यह क्षेत्र पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत है. सिहावल के पूर्व विधायक कमलेश्वर पटेल ने इस संबंध में कई बार पत्राचार किया. साथ ही खुले मंचों से भी भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार नहीं चाहती है कि सिहावल क्षेत्र का विकास हो, जिसके चलते पुल का निर्माण कार्य 'कछुए की चाल' से कराया जा रहा है. अगर समय सीमा में पुल का निर्माण कार्य हो जाएगा तो लोगों को सुविधा मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है.

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अब भाजपा विधायक के लिए चुनौती

सिहावल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक विश्वामित्र पाठक निर्वाचित हुए हैं. ऐसे में अब यह पुल निर्माण का कार्य उनके लिए एक चुनौती है. अभी तक आरोप लगाया जा रहा था लेकिन अब उन पर खुद यह जिम्मेदारी आ गई है कि कितना तेजी से पुल का निर्माण कराते हैं क्योंकि पुराने पुल पर आवागमन बंद है. बस, ट्रक और अन्य बड़े वाहन पिछले दो साल से नहीं गुजर रहे हैं. छोटे वाहन चालक भी अपनी जान को जोखिम में डालकर यहां से आवाजाही कर रहे हैं.

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