![विदिशा में कुत्तों का आतंक, 6 दिन में 53 महिलाओं-बच्चों को काटा विदिशा में कुत्तों का आतंक, 6 दिन में 53 महिलाओं-बच्चों को काटा](https://c.ndtvimg.com/2024-06/87ig57ro_dogs_625x300_06_June_24.jpg?im=FaceCrop,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Dog Terror in Vidisha : विदिशा शहर में अब कुत्तों का आतंक बेकाबू हो गया है. यहां बीते 6 दिनों में कुत्तों ने 53 बच्चों और महिलाओं को काट कर घायल किया है. ये आंकड़े मुख्य अस्पताल के टीकाकरण कक्ष से ही सामने आए हैं. एक हफ्ते पहले के आंकड़े और भी ज्यादा हैं. दरअसल कुत्तों से काटे गए लोगों को रेबीज का दूसरा,तीसरा और चौथा डोज नियमित तौर पर लेना होता है. ताजा आंकड़ा रेबीज का पहला डोज लेने वालों का है. आलम ये है कि अस्पताल में अलग से टीकाकरण कक्ष बनाना पड़ा है. इससे आप हालात की गंभीरता का अंदाजा लगा सकते हैं.
क्यों काटते हैं कुत्ते?
- कुत्ते असुरक्षित महसूस करते हैं
- बढ़ता तापमान, खाने की कमी भी है वजह
- ट्रैफ़िक का शोर औऱ तेज रोशनी भी वजह
- कई बार लोग अनजाने में कुत्तों को छेड़ते हैं
कुत्तों के काटने पर क्या करें?
- काटे गए जगह को तुरंत साफ करें
- 10 मिनट तक साबुन से धोएं, बीटाडिन लगाएं
- एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाएं
- वैक्सीनेशन का पूरा कोर्स करें
- इसमें पांच इजेक्शन अलग-अलग दिन लगते हैं
दरअसल विदिशा नगरपालिका अक्सर दावा करता है कि वो आवारा कुत्तों को पकड़ने और नसबंदी के उपाय कर रहा है लेकिन हकीकत ये है कि ये दावे सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहते हैं. इसे लेकर कई बार स्थानीय लोगों ने शिकायत की है लेकिन नगरपालिका अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती. ताजा आंकड़ा बताता है कि विदिशा के अलग-अलग अस्पतालों में कुत्तों के काटने से आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सरकारी अस्पताल की नर्स कमला निराले ने भी NDTV से कहा कि ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं. अस्पताल को हर समय रेबीज के इंजेक्शन का स्टॉक रखना पड़ रहा है. यहां इलाज कराने आए मरीजों ने भी शिकायत की है कि नगर पालिका इस संबंध में कोई कार्रवाई करता तो हालात इतने न बिगड़ते.
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