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तीसरे दिन भी जारी है तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की हड़ताल, अपनी मांग को लेकर अड़े

Tehsildar and Nayab Tehsildar Strike: एमपी के कई जिलों में आज तीसरे दिन भी तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का हड़ताल जारी रहा. उनका कहना था कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, वो हड़ताल जारी रखेंगे.

तीसरे दिन भी जारी है तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की हड़ताल, अपनी मांग को लेकर अड़े
एमपी के कई जिलों में तहसीलदार और नायब तहसीलदार धरने पर

Tehsildar Strike in MP: मध्य प्रदेश के कई जिलों में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की आज, शुक्रवार को तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रही. इससे सरकारी दफ्तर में कामकाज पर भी भारी असर पड़ा. मुख्य रूप से विदिशा, अशोकनगर, टीकमगढ़ और धार में तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपनी मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे दिखे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह निर्णय बिल्कुल भी व्यावहारिक नहीं है. हम एक ही पद पर रहकर न्यायिक और गैर-न्यायिक दोनों कार्य सुचारू रूप से करते आए हैं. इस तरह विभाजन करने से जनता को सीधा नुकसान होगा.

तीसरे दिन भी जारी रहा तहसीलदार और नायब तहसीलदार का धरना

तीसरे दिन भी जारी रहा तहसीलदार और नायब तहसीलदार का धरना

क्या है एमपी के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की मांग?

प्रदेश में पदस्थ 950 नायब तहसीलदार और तहसीलदार पदस्थ हैं, जिनमें से 476 को गैर न्यायिक का कार्यभार दिया गया है. इस आदेश से न्यायालय के कार्य प्रभावित हो रहे हैं और पेंडेंसी बढ़ रही है. इस तरह की समस्याओं को लेकर ही पूरे प्रदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदार विरोध कर रहे हैं.

विदिशा में सरकार के फैसले का विरोध

विदिशा में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की हड़ताल आज तीसरे दिन भी जारी रही. शासन के फैसले के खिलाफ उठ रही इन आवाज़ों में अब जनप्रतिनिधियों और किसानों की चिंताएं भी शामिल हो गई हैं. प्रदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदार न्यायिक और गैर-न्यायिक पदों में विभाजन के फैसले का विरोध कर रहे हैं. इस दौरान तहसीलदारों ने किसानों और जनप्रतिनिधियों को अपनी समस्याओं से अवगत कराया. शमशाबाद विधायक सूर्य प्रकाश मीणा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए तहसीलदारों ने मांग रखी कि इस विभाजन के फैसले को तत्काल वापस लिया जाए.

टीकमगढ़ में भी तहसीलदारों का गुस्सा

टीकमगढ़ जिले में सभी तहसीलदार एमपी राजस्व अधिकारी संघ के बैनर तले धरने पर बैठे. इनकी मांग यह रही कि एमपी शासन द्वारा न्यायिक और गैर न्यायिक बिभाजन कर तहसीलदारों के अधिकार कम किये जा रहे हैं, जिससे राजस्व में न्यायिक व्यवस्थाएं प्रभावित होंगी और तहसीलदारों का कद भी कम होगा.

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अशोकनगर में बढ़ते वर्कलोड का विरोध

अशोकनगर जिले के साथ-साथ मध्य प्रदेश भर के तहसीलदार बीते तीन दिन से हड़ताल पर हैं. ऐसे में राजस्व के कार्य प्रभावित हो रहे हैं. तहसीलदार संगठन का कहना है कि सरकार द्वारा तहसीलदारों को ही दो भागों में विभाजित कर दिया गया है और तहसील में एक तहसीलदार राजस्व सम्बन्धी कामकाज देखेगा, जबकि दूसरे तहसीलदार की ड्यूटी प्रोटोकॉल देखना होगा और यह प्रकिया 21 जिलों में लागू कर दी गई है. इससे न केवल वर्कलोड बढ़ेगा, बल्कि तहसीलदारों को दो ग्रुपों में नियम के विपरीत बांटा जा रहा है.

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धार में महिला अधिकारी बैंठी हड़ताल पर

धार जिले में महिला अधिकारी अपने छोटे बच्चों को साथ में लेकर धरने पर देख-रेख करती नजर आईं. बता दें कि कल से तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपनी मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं, जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा है. प्रदेश सरकार के द्वारा न्यायिक और गैर न्यायिक काम के विभाजन को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा हैं.

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