Swachh Bharat Mission Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की तरफ से गांव-गांव प्रत्येक परिवार में शौचालयों का निर्माण कराने के लिए स्वच्छता अभियान (Swachh Bharat Mission Yojana) चलाया गया था. अभियान की शुरुआत में अधिकारियों ने भी गंभीरता दिखाते हुए दिन-रात एक करके जिले को साल 2017 में खुले में शौच से मुक्त करने की बात कही थी... लेकिन मौजूदा समय में जमीनी हकीकत देखी जाए तो ये अभियान उदासीनता व अनदेखी के चलते दम तोड़ता नजर आ रहा है. गांव-गांव के लोग खुले में शौच के लिए जा रहे हैं और उनके पास दूसरा रास्ता इसलिए भी नहीं है क्योंकि ग्रामीण इलाकों में आज भी शौचलयों की दरकार है. इन लोगों के बनाए गए शौचालय या तो जमींदोज हो गए हैं या फिर उनमें खरपतवार खड़ा है.
पहले फेस में एक लाख तो दूसरे में बने दस हजार शौचालय
जिले में यदि शौचालय की बात की जाए तो मिली जानकारी के मुताबिक, पहले फेस में 01 लाख 65 हितग्राहियों के यहां अधिकारी व कर्मचारियों ने घर घर पहुंचकर चिन्हित करके शौचालयों का निर्माण कराया तो दूसरे फेस में 11 हजार 826 लोगों ने शौचालय निर्माण के लिए ऑनलाइन आवेदन किए गए जिनमें से 10 हजार 657 हितग्राहियों का जिओ टैग किया जा चुका है और 1169 हितग्राहियों के शौचालयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है.
आखिर कहा गए दिन रात एक करने वाले अधिकारी व कर्मचारी?
इस तरह गांव गांव दम तोड़ रहे स्वच्छता अभियान को देखने के बाद सवाल यह खड़ा होता है कि जिले को ओडीएफ होने से पहले क्षेत्र में कलेक्टर द्वारा सभी विभागों के कर्मचारियों को दल बनाकर उनका प्रभारी बनाया था और गांव गांव भेजा जा रहा था तो गांव गांव स्वच्छता दूत , स्वच्छता ग्राही, स्वच्छता मित्र बनाकर उनको प्रोत्साहन राशि दी जाती थी और इनके द्वारा भी गांव गांव लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जाता था.
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आर्थिक संकट से जूझ रहा PM मोदी का स्वच्छता अभियान
बता दें कि इस पूरे स्वच्छता अभियान के बारे में जब जानकारी ली गई तो शौचालय प्रभारी ने बताया कि यह अभियान आर्थिक संकट से जूझ रहा है. देखा जाए तो बजट में काफी कटौती हुई है और अप्रैल 2023 में चारों ब्लॉकों को दस-दस लाख रुपये शासन से मिले थे. उसके बाद अगस्त माह में ईशागढ व मुंगावली जनपद पंचायत को व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण के लिए राशि प्राप्त हुई है लेकिन पूर्व के अनुपात में बहुत ही कम राशि शासन स्तर से भेजी जा रही है.
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