Madhya Pradesh Schools: मध्यप्रदेश सरकार क्या मेधावी विद्यार्थियों को भूल गई है ? ये सवाल इसलिए क्योंकि सरकारी स्कूलों का सत्र खत्म होने की कगार पर है लेकिन पिछले साल के 90 हज़ार से अधिक मेधावी छात्रों को न तो लैपटॉप के लिए राशि मिल पाई और न ही स्कूल टॉपर्स को स्कूटी. ऐसा तब है जबकि इस योजना का ऐलान खुद शिवराज सिंह चौहान ने बतौर मुख्यमंत्री किया था...तब 78 हजार से कुछ अधिक छात्रों को लैपटॉप की राशि मिली थी लेकिन अब टॉपर छात्रों के हिस्से सिर्फ इंतजार ही है. NDTV ने ग्राउंड पर क्या स्थिति है इसका जायजा लिया है.
हमें भोपाल में ही मुस्कान और अंकित कुमार मिले...मुस्कान को बारहवीं में 86.7 प्रतिशत अंक मिले हैं जबकि अंकित ने 83.4% अंकों के साथ परीक्षा पास की. दोनों को लैपटॉप मिलना था लेकिन साल खत्म होने को आया उनक इंतजार खत्म ही नहीं हुआ. दरअसल सरकार ने ऐलान किया था कि जिन छात्रों के MP बोर्ड परीक्षा में 75 फीसदी से ज्यादा अंक आएंगे उन्हें लैपटॉप और स्कूल टॉप करने वालों को स्कूटी मिलेगा चाहे वो छात्र हो या छात्रा. ऐलान के मुताबिक लैपटॉप के लिए 25 हजार रुपये की रकम दी जानी है. मुस्कान बताती हैं कि उनका रिजल्ट आए पूरे नौ महीने हो गए लेकिन अभी सरकार की तरफ से कोई रिस्पांस नहीं है. शुरुआत में उम्मीद थी लेकिन कोई रिस्पांस ही नहीं है तो कुछ समझ नहीं आ रहा है. इसी तरह अंकित का कहना है कि सरकार ने बच्चों से जो वादा किया उसे पूरा करे.क्राइटेरिया तो बढ़ा नहीं लेकिन ऐसा लगता है स्कीम ही गायब हो चुकी है.
MP में लैपटॉप-स्कूटी योजना
- 75% से अधिक अंक लाने वालों को मिलना है लैपटॉप
- कुल 90,400 स्टूडेंट्स को लैपटॉप की राशि मिलनी है
- इस पर राज्य सरकार के करीब 225 करोड़ रुपये खर्च होंगे
- लैपटॉप खरीदने के लिए 25- 25 हज़ार रु. की राशि देनी है
- सभी स्कूलों के टॉपर को स्कूटी भी अभी नहीं मिली
शिवराज ने किया था ऐलान
बता दें कि योजना पूर्व मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुरू की थी. मुख्यमंत्री रहते शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के लाल परेड मैदान में एक बड़ा कार्यक्रम किया था. जिसमें उन्होंने 78 हज़ार छात्र -छात्राओं के खाते में लैपटॉप के कुल 196 करोड़ रू दिये, साथ ही स्कूल टॉपर को स्कूटी देने का भी एलान किया. तब उन्होंने कहा था कि जो बच्चे 12वीं में अच्छे नंबर लेकर आएंगे 75% नंबर लायेंगे उनको मामा लैपटॉप के लिए पैसे देगा, जो बच्चे इस साल अपने-अपने स्कूल में 12वीं में पहले नंबर पर आए हैं मैं उन्हें स्कूटी देने वाला हूं. बेटियों और बेटों दोनों को देने वाला हूं.
उमंग सिंघार ने तो दो स्कूटी बांट भी दी
लेकिन अब हालत ये है कि पिछले साल 12वीं में पास हुए बच्चे इस बार ग्रेजुएशन कर रहे हैं लेकिन उन्हें लैपटॉप की राशि और स्कूटी नहीं मिली है. मौका देखते हुए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने खुद ही दो छात्राओं को स्कूटी बांट दी. NDTV के सवाल पर उन्होंने कहा- अभी तक में दो एक्टिवा दे चुका हूं.मेरा उद्देश्य है कि सरकार को सांकेतिक रूप से एहसास कराना कि आपने घोषणा की है तो आप स्कूटी दें. उन्होंने पूछा कि चुनाव के समय आपने वादा किया क्या आप इस योजना में पैसा नहीं देना चाहते हैं? उमंग सिंघार ने बताया कि कांग्रेस विधायकों में एक राय भी भी बनी थी कि हम अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में एक-एक स्कूटी छात्रों को दें, लेकिन हमारी सरकार कुम्भकर्ण की तरह सोती ही दिखाई देती है.
CM ने कहा- बहुत जल्द ही लैपटॉप की राशि मिलेगी
हालांकि NDTV के सवाल पर खुद मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने साफ किया कि उनकी सरकार ने किसी भी योजना के मूल स्वरूप को ना तो बदलने दिया है और ना ही इस संबंध में कोई ढील दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बहुत जल्दी लैपटॉप की राशि भी देने वाले हैं , साथ ही स्कूल स्तर पर जो प्रावीण्य सूची में निकले हैं ऐसे बच्चों को हम स्कूटी भी देने जा रहे हैं . उन्होंने बताया कि उनकी सरकार सभी वर्गों की सभी योजनाओं पर काम कर रही है. हालांकि CM ने ये नहीं बताया कि ये सब होगा कब? बता दें कि पिछले 5 साल में राज्य में कर्ज का बोझ सबसे तेजी से बढ़ा,लेकिन इसके बावजूद कई महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ अब तक लोगों को नहीं मिला है.
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