MP Samachar : मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. जिले के आदिवासी बहुल वनग्राम जीलंग में बैगा जनजाति के लोग बसे हुए हैं... लेकिन आज के आधुनिक युग में भी यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. यहां 250 से ज्यादा बैगा जनजाति के लोग रहते हैं लेकिन आजादी के सात दशक बाद भी इस गांव तक सड़क नहीं बनी है. गांव में सड़क न होने के कारण एम्बुलेंस और अन्य वाहन नहीं पहुंच पाते. बीते सितंबर में इलाज समय पर न मिलने के कारण मां और बेटे की मौत हो गई थी. उस समय अधिकारी ट्रैक्टर और पैदल सफर कर गांव पहुंचे थे. गांव में सड़क न होने की वजह से लोग प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ भी नहीं ले पा रहे हैं.
राशन के लिए लंबा सफर
गांव के लोग राशन लेने के लिए पांच किलोमीटर पैदल चलकर शेराझर सरकारी दुकान तक जाते हैं. बैगा आदिवासी परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा जिससे उनका जीवन और कठिन हो गया है.
कलेक्टर से लगाई गुहार
गांव के लोग कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और सड़क बनाने की मांग की. उनकी समस्याओं को सुनने के बाद कलेक्टर ने जल्द ही सड़क निर्माण का आश्वासन दिया. गौराकन्हारी पंचायत के सरपंच सुकल सिंह और जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने भी गांव तक सड़क बनाने की मांग की. उन्होंने बताया कि सड़क न होने से गांव के लोगों को सरकारी योजनाओं और सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है.
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प्रशासन से मदद की उम्मीद
जीलंग गांव के कई आदिवासी परिवार आज भी कई दूर-दराज के इलाके और गांव बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. अब प्रशासन के आश्वासन के बाद यहां के आदिवासियों को उम्मीद है कि गांव तक सड़क बनेगी और लोगों को राहत मिले.
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