विज्ञापन

शोध शिखर 2024: शोध और इनोवेशन राष्ट्र की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण, नरसिम्हा रेड्डी ने कहा-हमारे देश के वैज्ञानिक...

Bhopal: जिले में शोध विषय को लेकर खास कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें कई सारे बुद्धिजीवी शामिल हुए और अपने विचार साझा किए.

शोध शिखर 2024: शोध और इनोवेशन राष्ट्र की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण, नरसिम्हा रेड्डी ने कहा-हमारे देश के वैज्ञानिक...
शोधार्तियों को संबोधित करते संतोष चौबे

Madhya Pradesh: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (Rabindranath Tagore University) और सहयोगी संस्थाओं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शोध और नवाचार सम्मेलन (International Research and Innovation Conference) शोध शिखर 2024 का भव्य शुभारंभ हुआ. इस वर्ष इस कार्यशाला का विषय ‘विकसित भारत-नया भारत' है. इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि प्रोफेसर के. नरसिम्हा रेड्डी, कुलपति जवाहरलाल नेहरू टेक्निकल यूनिवर्सिटी हैदराबाद मौजूद रहे. साथ ही विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रो आर. के. बेदी, निदेशक, सत्यम इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, अमृतसर, प्रो. उषा नायर, मेंबर सेक्रेट्री स्टेट लेवल नैक सेल, आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने की.

भारत में शोध का प्राचीन काल से अस्तित्व-प्रो के. नरसिम्हा रेड्डी

कार्यशाला के दौरान प्रो के. नरसिम्हा रेड्डी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, 'मैंने अनेकों समिट में भाग लिया पर रिसर्च समिट में पहली बार भाग लिया, यह अद्भुत आइडिया है. भारत का प्राचीन काल से ही रिसर्च और इनोवेशन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है.' आगे उन्होंने स्वतंत्रता के बाद राष्ट्र की प्रगति के लिए उदाहरण देते हुए बताया कि डॉ स्वामीनाथन ने भारत को कृषि में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वहीं वर्गीज कुरियन भारतीय श्वेत क्रांति के जनक बने. जिससे भारत को विश्व के सबसे बड़े दूध उत्पादक के रूप में उभरने में मदद मिली.

हम विश्व गुरु थे और रहेंगे-संतोष चौबे

संतोष चौबे ने कहा कि भारत में प्राचीन काल से रिसर्च ओरियंटेशन पर काम किया जा रहा था. उन्होंने चरक और सुश्रुत और आर्यभट्ट के उदाहरण दिए. आज युवा हमें बता रहे हैं कि हमें अवसाद में जाने की जरूरत नहीं है. हममें बहुत पोटेंशियल है. हम विश्व गुरु थे और रहेंगे. बस सभी को अपना कदम आगे बढ़ाना है. हमें शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा फोकस करना होगा. नई शिक्षा नीति ने भाषा की समस्या को लगभग खत्म कर दिया है.

ये भी पढ़ें :- Pradosh Vrat 2024: इस दिन पड़ रहा है मई का पहला प्रदोष व्रत, शुभ मुहूर्त से लेकर सभी जानकारी जानिए यहां

विकसित भारत के लिए बैकबोन है रिसर्च-प्रो आर के बेदी

प्रो आर के बेदी ने शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत के लिए बैकबोन है रिसर्च एंड इनोवेशन. उन्होंने शोधार्थियों को मूल मंत्र देते हुए बताया कि 3सी पर फोकस करिए. पहला क्यूरियोसिटी, दूसरा क्रिएटिविटी और तीसरा कोलेबोरेशन. इस आयोजन से विकसित भारत के सपने को पूरा करने में निश्चित ही नई दिशा मिलेगी. डॉ. उषा नायर ने कहा कि हमारा एजुकेशन सिस्टम स्किल बेस्ड पर फोकस होना चाहिए. आज पूरे विश्व को जरूरत है इनोवेशन और रिसर्च की.

ये भी पढ़ें :- Madhya Pradesh: दो साल से फरार करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले को पुलिस किया गिरफ्तार, ऐसे लगाया आरोपी का पता..

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Previous Article
 Sagar में यूथ कांग्रेस ने इन मुद्दों को लेकर किया प्रदर्शन, पुलिस ने रोका जुलूस तो जिद पर अड़े कार्यकर्ता
शोध शिखर 2024: शोध और इनोवेशन राष्ट्र की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण, नरसिम्हा रेड्डी ने कहा-हमारे देश के वैज्ञानिक...
Bhopal Police strictness action taken against more than 25 vehicles fitted with hooters and sirens
Next Article
भोपाल: हूटरबाजी पर पुलिस की सख्ती, 25 से ज्यादा हूटर औऱ सायरन लगे वाहनों पर की कार्रवाई
Close