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जल्द एम्स भोपाल में ROBOT करेंगे मरीजों का इलाज, 60 करोड़ की लागत से खरीदे जाएंगे 2 रोबोट

Robot In Aiims Bhopal:प्रेस वार्ता में एम्स भोपाल में टीचिंग और ट्रेनिंग, पेशेंट केयर, प्रशासनिक पहल, आउट‍रीच, सामुदायिक कार्यक्रम व महत्‍वपूर्ण सुधारात्‍मक कदमों के बारे में चर्चा करते हुए प्रो. सिंह ने रोबोट खरीदने की योजना साझा किया और कहा कि रोबोट से जटिल ऑपरेशन करने में मदद मिलेगी.  

जल्द एम्स भोपाल में ROBOT करेंगे मरीजों का इलाज, 60 करोड़ की लागत से खरीदे जाएंगे 2 रोबोट
फाइल फोटो

AIIMS Bhopal: एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने सोमवार 5 अगस्‍त को एक पत्रकार वार्ता में संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों, चुनौतियों व भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में एम्स भोपाल में 60 करोड़ की लागत के दो रोबेाट खरीदे जा रहा है. उन्होंने बताया कि इससे जटिल ऑपरेशन करने में मदद मिलेगी.

प्रेस वार्ता में एम्स भोपाल में टीचिंग और ट्रेनिंग, पेशेंट केयर, प्रशासनिक पहल, आउट‍रीच, सामुदायिक कार्यक्रम व महत्‍वपूर्ण सुधारात्‍मक कदमों के बारे में चर्चा करते हुए प्रो. सिंह ने रोबोट खरीदने की योजना साझा किया और कहा कि रोबोट से जटिल ऑपरेशन करने में मदद मिलेगी.  
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए एम्स भोपाल निदेशक

प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए एम्स भोपाल निदेशक

जटिल ऑपरेशन के लिए खरीदे जाएंगे रोबोट

एम्स भोपाल कार्यपालक निदेशक प्रो. सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया कि एम्स भोपाल में जटिल ऑपरेशन के लिए जल्द ही 60 करोड़ की लागत के दो रोबेाट खरीदे जाएंगे. कार्यपालक निदेश के मुताबिक रोबोट की मदद से चिकित्सकों को जटिल रोगों से पीड़ित मरीजो का ऑपरेशन करने में मदद मिलेगी.

एम्स भोपाल में सीटों की संख्‍या में होगा इज़ाफा

इस दौरान प्रो. सिंह ने बताया कि टीचिंग के क्षेत्र में 2024-25 में  2022 की तुलना में बीएससी नर्सिंग की सीटों की संख्‍या 75 से बढ़कर 90 हो गईं. वहीं, पीजी कोर्स में एमडी/एमएस की सीटें 103 से बढ़कर 165, डीएम/एमसीएच की सीटें 30 से 75 और पीजी नर्सिंग की सीट 28 से बढकर 42 हो गईं. 

पिछले 2 साल में एम्स में 3 नए विभाग की स्थापना

एम्स भोपाल में पिछले 2 साल में 3 नए मेडिकल जेनेटिक्स, रुमेटोलॉजी और क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग की स्‍थापना के बारे में बताते हुए निदेशक प्रो. सिंह ने बताया कि एम्स भोपाल में  4 नए सेंटर, हैप्‍पीनेस सेंटर, सेंटर ऑफ प्रिसिशन, सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस इन रेयर डिसीज़, सेंटर ऑफ हेमोग्लोबिनोपैथीज़ खोले गए.

एम्स भोपाल में आयुष्मान योजना लाभार्थियों की संख्‍या में 250 प्रतिशत का उछाल आया. प्रो. सिंह ने बताया कि एम्स में जल्द ह्दय व फेफड़े का ट्रांसप्‍लांट भी शुरू होगा, 'वन स्‍टेट-वन हेल्‍थ' की दिशा में तैयार SOP के तहत पूरे प्रदेश में एम्‍स के स्‍तर का इलाज के प्रयास किए जा रहे हैं.

एम्स में यूजी-रिसर्च के लिए शुरू की गई नई पहल

एम्स भोपाल में 13 नए पीजी से संबंधित सुपर-स्‍पेशलिस्‍ट कोर्स और 34 नई फेलोशिप शुरूआत के बार में बताते हुए प्रो. सिंह ने कहा कि यूजी-रिसर्च के लिए नई पहल शुरू की गई,जो अपने आप में ऐसी प्रथम पहल है, वहीं, 18 यूजी स्‍टूडेंटों ने अलग-अलग नेशनल कांफेंस में भाग लिया और 15 यूजी स्‍टूडेंट्स विदेश में रिसर्च के लिए चयनित हुए.

सेंट्रल लाइब्रेरी में ई-बुक जैसी सुविधाएं उपलब्ध

प्रो. सिंह ने बताया कि सेंन्‍ट्रल लाइब्रेरी में पुस्‍तकों की हार्डकॉपी और ई-बुक जैसी सुविधा उपलब्‍ध है, जिसमें 800 नए ई-जर्नल जोड़े गए है. इनमें किताबों में हिन्‍दी एवं अंग्रेजी में मेडिकल और नॉन मेडिकल किताबें शामिल हैं. उन्होंने बताया कि सेंट्रल लाइब्रेरी में हिंदी की किताबें बढ़कर 1200 से 11670 हो गई हैं. वहीं लाइब्रेरी पर खर्च बढ़कर 3.5 करोड़ हो गया है.

एम्स भोपाल निदेशक प्रो. सिंह ने बताया कि एम्स भोपाल में जटिल ऑपरेशन के लिए जल्द ही 60 करोड़ की लागत के दो रोबेाट खरीदे जाएंगे. कार्यपालक निदेश के मुताबिक रोबोट की मदद से चिकित्सकों को जटिल रोगों से पीड़ित मरीजो का ऑपरेशन करने में मदद मिलेगी.

दो सालों में एम्स भोपाल में तीन गुना बढ़े मरीज

एम्स भोपाल में ओपीडी में मरीजों की संख्‍या की पिछले दो सालों में 3 लाख 76 हजार से बढकर 10 लाख 50 हजार हो गया है. मेज़र सर्जरी में 92 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि माइनर सर्जरी में 300 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि ट्रॉमा व इमरजेंसी में नो रिफ्यूजल पॉलिसी के चलतेमरीजों में 110 फीसदी हुई है. वहीं भर्ती मरीज 180 फीसदी बढ़ गए. 

आयुष्मान लाभार्थियों में 250 फीसदी का उछाल

प्रो. सिंह आयुष्मान योजना के तहत लाभार्थियों की संख्‍या में भी 250 प्रतिशत का उछाल आया है. उन्होंने बताया कि जल्‍द ही एम्स भोपाल में ह्दय और फेंफड़े का ट्रांसप्‍लांट भी शुरू करेंगे. इसके अलावा 'वन स्‍टेट-वन हेल्‍थ' की दिशा में एम्‍स भोपाल ने SOP तैयार किया गया है, जिसके तहत पूरे प्रदेश में एम्‍स के स्‍तर का इलाज मिल सके ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं.

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