School Children Protest: 'अंकल हमें रूट दो', यह स्लोगन उन स्कूली बच्चों का है जिन्हें सड़क नहीं होने की वजह से असुविधा हो रही है. पिछले छह माह से सड़क की उम्मीद लगाकर बैठे मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना (Satna) जिले के छात्रों के सब्र का बांध सोमवार को फूटा तो रैली लेकर खुद पहुंच गए नगर निगम कार्यालय... जहां पर नारेबाजी करते हुए कमिश्नर अंकल से सड़क बनवाने की गुहार लगाई. वैसे तो यह समस्या केवल इन छात्रों की नहीं है, बल्कि शहर के वार्ड क्रमांक 28 में रहने वाले सभी नागरिकों की है. लेकिन, इस बार मोर्चा देश के भविष्य ने ही संभाल लिया.
हजारों परिवारों का सहारा है यह सड़क
बताया जाता है कि जवाहर नगर से पतेरी सड़क मार्ग लोगों के आवागमन का प्रमुख रास्ता है. यहां पर हजारों की संख्या में रहने वाले परिवार इसी सड़क से स्कूल, कॉलेज और अपने अन्य दैनिक कार्यों को करने के लिए गुजरते हैं. बड़े लोग किसी प्रकार से सड़क से बच-बचाकर निकल भी जाते हैं, लेकिन स्कूल जाने वाले बच्चों को इससे अधिक परेशानी हो रही हैं. बताया जाता है कि करीब एक किलोमीटर तक सड़क दलदल में तबदील हो चुकी है. चूंकि पतेरी में कई नामी स्कूल हैं जहां पर बच्चों ने प्रवेश ले रखा है, सड़क नहीं होने से उन्हें कई किलोमीटर का फेरा लगाना पड़ता है.
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तख्ती लेकर पहुंचे छात्र
शहर के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र सोमवार को तख्ती लेकर नगर निगम कार्यालय पहुंचे और कमिश्नर के नाम पर एक आवेदन दिया. इस दौरान युवक कांग्रेस के नेता विक्रांत त्रिपाठी विक्की भी मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि बच्चों को बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. जिस सड़क से पांच मिनट में छात्र अपने गंतव्य तक पहुंच जाते थे, उसकी हालत खस्ता होने के कारण अब उन्हें 30 से 40 मिनट इधर-उधर घूमना पड़ रहा है.
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