
Missing Mansingh News: 26 अगस्त 2016 से गायब सागर के गरीब मजदूर मानसिंह पटेल के केस में अब नया ट्विस्ट आया है. दरअसल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश पुलिस की एसआईटी को ये पता लगाने को कहा था मानसिंह पटेल जिंदा हैं या मुर्दा? सर्वोच्च अदालत ने SIT को 3 महीने की मियाद दी. देरी से ही सही अब SIT ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट सागर की स्थानीय अदालत में दाखिल कर दी है. चौंकाने वाली बात ये है कि SIT ने अपनी रिपोर्ट में मानसिंह को ही गवाह बना दिया गया है जिसको ढूंढने का जिम्मा उसे सौंपा गया था. बता दें कि इस मामले में आरोपों की जद में राज्य सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी हैं.
बता दें कि मध्यप्रदेश के सागर जिले के गरीब श्रमिक मानसिंह पटेल कहां हैं --- ये सवाल एनडीटीवी ने 7 जनवरी 2023 को पूछा था .इसके करीब डेढ़ साल बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस सवाल का जवाब ढूंढने का जिम्मा मिला एक विशेष जांच दल यानी SIT को. SIT ने सवाल के जवाब ढूंढे और सागर की स्थानीय अदालत में खात्मा रिपोर्ट भी लगा दिया, जिसकी प्रति एनडीटीवी के पास है. बताया जा रहा है कि SIT ने अपनी जांच के दौरान लगभग 24 गवाहों के बयान लिये. इसमें से 15 गवाहों ने कहा- मानसिंह धार्मिक प्रवृत्ति के हैं तो शायद साधु बन गये होंगे. ये वही बयान है जो उनके भाई उत्तम पटेल ने लगभग 2 साल पहले एनडीटीवी के सवालों के जवाब में दिए थे. एसआईटी को जांच के दौरान 15 लोगों ने यही बयान दिया है. स्पेशल इन्विस्टिगेशन टीम ने कई शानदार बातें इस रिपोर्ट में लिखीं..आप भी इसे जानिए.

क्लोजर रिपोर्ट में एसआईटी ने ये भी बताया है कि मानसिंह को ढूंढने में उसने कितनी मेहनत की है. उसने मानसिंह को ढूंढने के लिए संदेश प्रसारित किया, फोटो चस्पा की, नाते रिश्तेदारों से पूछा, इनाम का ऐलान किया,सोशल मीडिया खंगाला और मोबाइल नंबर भी चेक किया. आप चौंक जाएंगे कि इसी SIT ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मानसिंह मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते थे. इस 8 साल पुराने मामले में SIT को CDR यानी कॉल डिटेल रिपोर्ट भी नहीं मिला. हालांकि उन बातों पर एसआईटी प्रमुख का कहना है ये तकनीकी बातें हैं . SIT प्रमुख अभय सिंह ने ये भी कहा कि हमारी रिपोर्ट में मानसिंह को गवाह नहीं बनाया गया है. हालांकि उन्हीं के दस्तावेज में मानसिंह गवाह के तौर पर दर्ज हैं.
मामला क्या है उसे भी समझ लीजिए
अब आप मामले को भी समझ लीजिये. सागर ज़िले में ज्ञानवीर सेवा समिति कैंब्रिज स्कूल संचालित करती है, इस समिति की अध्यक्ष गोविंद सिंह राजपूत की पत्नी सविता सिंह राजपूत हैं. ज़िस ज़मीन पर ये स्कूल है उसी को लेकर विवाद है. विवाद ये था कि सागर ज़िले के तिली वार्ड में रहने वाले मानसिंह पटेल और उनके भाई उत्तम सिंह पटेल के पास लगभग 4 एकड़ ज़मीन थी, जमीन का एक हिस्सा कोर्ट के फैसले के बाद नारायण प्रसाद नाम के शख्स को मिला, नारायण प्रसाद ने ये जमीन कैलाश यादव को बेची, कैलाश यादव ने इसका सौदा गोविंद सिंह राजपूत के साथ कर दिया.
मानसिंह को ढूंढने का आदेश क्यों दिया SC ने?
इसके बाद 16 मई 2016 को मानसिंह ने अदालत में याचिका लगाकर ये जानकारी दी, आरोप लगाया कि गोविंद सिंह राजपूत ने राजस्व अभिलेख में अपना नाम दर्ज करा लिया है, ये भी कहा कि कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर उनकी ज़मीन से उनका नाम काट दिया गया और उसपर राजपूत अनाधिकृत निर्माण करा रहे हैं. मान सिंह ने कहा कि इसकी जानकारी उन्होंने 13 मई को पुलिस, कलेक्टर सबको लिखित में दी है.
इस मामले में एक लिखित शिकायत सागर जिले के सिविल लाइन थाने में दर्ज भी हुई. उन्हें ही ढूंढने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया था - कहा था जांच के लिए राज्य के बाहर के IPS अधिकारियों की टीम बनानी होगी . इसके अलावा गुमशुदगी की रिपोर्ट को बतौर एफआईआर दर्ज किया जाएगा. इसके साथ ही विवादित जमीन से संबंधित राजस्व रिकॉर्ड की भी गहन जांच होगी. ताकि यह पता चल सके कि मानसिंह पटेल की गुमशुदगी के पीछे क्या कारण थे? बता दें कि पुलिस ने ये क्लोजर रिपोर्ट सागर की अदालत में लगाई है, वैसे उसकी तफ्तीश को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के सवालों से भी गुजरना है, जहां उसे ठोस तरीके से बताना होगा कि मानसिंह पटेल हैं कहां?
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