स्कॉलरशिप का झांसा देकर सीधी में कई आदिवासी लड़कियों से रेप, CM ने 7 दिन में मांगा जवाब, SIT गठित

MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस घटना के बारे में कहा है कि सीधी जिले के मझौली थाना में आदिवासी छात्राओं से स्कॉलरशिप देने का लालच देकर गलत कार्य करने का मामला मेरे संज्ञान में आया है. आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है. ऐसा निंदनीय कार्य करने वाले समाज के दुश्मन हैं, आरोपी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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Case of Rape of Tribal Girl Students in Sidhi News: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक बड़े ही शर्मनाक कांड का खुलासा हुआ है. यहां मोबाइल एप के जरिए आवाज बदलकर आदिवासी कॉलेज छात्राओं को स्कॉलरशिप का झांसा दिया जाता था, उसके बाद उनके साथ दुष्कर्म किया जाता था. पहले तो आरोपी एप के जरिए कॉल करता था और महिला टीचर की आवाज में स्टूडेंट से बात करता था फिर उनको डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए अकेली या सूनसान जगह पर बुलाता था. जब स्टूडेंट झांसे में आकर वहां पहुंचती थी तब उनके साथ रेप की वारदात होती थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी महिलाएं आदिवासी वर्ग यानी ST वर्ग की हैं. इस घटना के खुलासे के बाद अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव काफी गंभीर दिख रहे हैं. मुख्यमंत्री डॉ यादव ने सीधी में अनुसूचित जनजाति की छात्राओं के साथ हुई घटना की जांच एसआईटी से कराने के निर्देश दिए हैं. जांच की कमान महिला डीएसपी को सौंपी गई है. 9 सदस्यीय एसआईटी करेगी मामले की पूरी जांच.

चार आरोपी गिरफ्तार

सीधी में साथ आदिवासी छात्राओं के साथ दुष्कर्म की घटना पर पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जिसमें बृजेश प्रजापति मुख्य आरोपी है जबकि तीन सह आरोपी हैं. बृजेश प्रजापति उम्र 30 वर्ष निवासी अमरवाह थाना कोतवाली, जबकि तीन अन्य आरोपी संदीप पिता वंश गोपाल प्रजापति 21 वर्ष, राहुल पिता वंश गोपाल प्रजापति उम्र 24 वर्ष, लव कुश प्रजापति पिता मंगल प्रजापति उम्र 23 वर्ष मड़वास के निवासी हैं. सीधी जिले में आदिवासी छात्राओं के साथ बलात्कार की घटना के बाद रीवा जोन के आईजी महेंद्र सिंह सिकरवार सीधी पहुंचे.

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उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत करते हुए कहा कि दुष्कर्म की घटना में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है आरोपियों ने सात छात्राओं के साथ बलात्कार करने की घटना को कबूल किया है, जिसमें से एक अभी नाबालिग है. आरोपियों के कब्जे से 16 मोबाइल फोन जप्त किए गए हैं. जिनकी पड़ताल की जा रही है हर छात्रा को बुलाने के लिए अलग फोन और सिम का इस्तेमाल आरोपी करते थे. आईजी महेंद्र सिकरवार ने कहा कि घटना की जांच पड़ताल जारी है. अभी आगे जो तथ्य सामने आएंगे, उनकी जानकारी दी जाएगी आरोपियों को रिमांड में लेकर पूछताछ अभी जारी रखी गई है.

सीएम ने क्या कहा?

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस घटना के बारे में कहा है कि सीधी जिले के मझौली थाना में आदिवासी छात्राओं से स्कॉलरशिप देने का लालच देकर गलत कार्य करने का मामला मेरे संज्ञान में आया है. आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है. ऐसा निंदनीय कार्य करने वाले समाज के दुश्मन हैं, आरोपी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. इस मामले के सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करने और ठोस साक्ष्य संकलित करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. जो संपूर्ण तथ्यों की निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट सौंपेगा.

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पूर्व सीएम ने ऐसे घेरा

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बारे में लिखा है कि सीधी ज़िले में स्कॉलरशिप का झाँसा देकर सात आदिवासी छात्राओं से बलात्कार का समाचार अत्यंत व्यथित करने वाला है. पुलिस का कहना है कि और भी लड़कियाँ इसका शिकार हो सकती हैं अर्थात बलात्कार पीड़ित आदिवासी लड़कियों की संख्या 7 से अधिक भी हो सकती है. देश अब तक भूला नहीं है कि इसी सीधी ज़िले में एक आदिवासी युवक के सिर पर भाजपा के नेता ने पेशाब की थी.

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क्या मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय की लड़कियाँ निर्भय होकर कॉलेज में पढ़ाई भी नहीं कर सकतीं? ऐसे हालात में "बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ" के नारे का क्या अर्थ रह जाता है? मध्य प्रदेश पहले ही आदिवासी अत्याचार और महिलाओं पर अत्याचार में नंबर वन है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार का समाचार सामने न आता हो.

मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूँ कि सभी पीड़ित छात्राओं को समुचित आर्थिक सहायता दी जाए। इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच की जाए. बेटियों से अत्याचार में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख़्शा जाए? मुख्यमंत्री प्रदेश में आदिवासी बच्चियों की सुरक्षा के लिए विशेष टास्क फ़ोर्स का गठन करें ताकि आदिवासी समाज की बच्चियां समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें और अपने भविष्य का निर्माण कर सकें.

PCC चीफ ने लगाए गंभीर आरोप

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस बारे में लिखा है कि सीधी में आवाज बदलने वाले मैजिक वॉइस एप के जरिए 7 से अधिक आदिवासी कॉलेज छात्राओं के साथ दुष्कर्म की घटना ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी  सरकार महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं. वैसे ही मध्यप्रदेश आदिवासी एवं महिलाओं पर अत्याचार में पहले नंबर पर है और ये वही सीधी जिला है, जहां एक आदिवासी युवक के सिर पर बीजेपी नेता ने पेशाब की थी.

जीतू पटवारी ने सवाल उठाते हुए कहा कि डॉक्टर मोहन यादव जी, क्या सीधी की आदिवासी छात्राएं आपकी सरकार से यह उम्मीद रख सकती हैं कि इस घटना की निष्पक्ष एवं त्वरित जांच होगी और उन्हें प्राथमिकता से न्याय मिलेगा?

जीतू पटवारी ने आगे लिखा है कि सवाल यह भी है मध्यप्रदेश में ही आदिवासी सबसे ज्यादा उत्पीड़न के शिकार क्यों हैं? क्यों आपकी सरकार आदिवासियों के विरुद्ध होने वाले अपराधों को रोकने में बार-बार असफल हो रही है? हाल ही में मैंने महिला अत्याचार को लेकर आपको एक विस्तृत पत्र लिखा था और कहा था कि आपने मध्यप्रदेश को देश का क्राइम कैपिटल बना दिया है. प्रदेश को इस कलंक से मुक्ति कब मिलेगी?

हालत यह है कि महिला आयोग में न अध्यक्ष हैं और न ही सदस्य और तो और महिलाओं को न्याय देने से जुड़े हुए 24000 मामले भी पेंडिंग हैं. यह अकर्मण्यता का सबसे बड़ा प्रमाण और परिणाम है. आगर-मालवा की बलात्कार पीड़िता या इंदौर की साइबर क्राइम पीड़ित युवती अभी न्याय की तलाश कर ही रही थी कि सीधी ने महिला सुरक्षा से जुड़े नए सवाल उठा दिए.

आपसे अनुरोध है कि मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री पद को मजाक बनाना बंद कीजिए! गंभीरता से यह विचार भी कीजिए कि महिला सुरक्षा के लिए ऐसी कौन-सी नीतियां बनाई जाएं, जिससे उत्पीड़न के मामले कम हो सकें.

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