Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीधी जिले (Sidhi) में थोक सब्जी विक्रेता, कोरोना काल से अब प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं. 5 साल बीत जाने के बाद भी उन्हें अब तक व्यापार के लिए आवश्यक सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाई हैं. जिससे वो खुले आसमान के नीचे गर्मी, बरसात में व्यापार करने के लिए मजबूर हो रहे हैं. इस बारे में एनडीटीवी की टीम सीधी के मड़रिया बाईपास स्थित खुले मैदान में व्यापारियों का हाल जानने पहुंची.
व्यापारियों ने एनडीटीवी को बताया कि हमारा जीवन जानवरों से भी बदतर हो गया है. 5 साल के बाद भी कोई इंतजाम नहीं किए गए है. आपक बता दें यहां सैकड़ों की संख्या में व्यापारी थोक सब्जी का व्यापार करते हैं. वहीं शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के फुटकर सब्जी विक्रेता भी यहां खरीदी के लिए आते हैं.
नौतपा में कैसे बीते दिन, हम भूल नहीं पाएंगे
व्यापारियों की पीड़ा सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे उनका सीधा कहना रहा है कि नौतपा में आसमान से आग बरस रही थी और हम अपने बच्चों के भरण पोषण के लिए खुले आसमान के नीचे संघर्ष कर रहे थे. प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की लेकिन खुले मैदान में व्यापार करने वाले लोगों तक उनकी नजर नहीं पहुंची. ये लोग पूरी गर्मी के समय में यही तपते रहे और यह सिर्फ एक बार की बात नहीं है बल्कि बीते 5 साल से लगातार सिलसिला जारी है. इन लोगों के लिए ये दिन भूलना बड़ा ही मुश्किल होगा.
पेयजल व शौचालय की सुविधा तक नसीब नहीं
व्यापारियों के अनुसार यहां ना तो पेयजल की सुविधा है और ना ही शौचालय की व्यवस्था है. जबकि महिला- पुरुष सभी यहां सब्जी मंडी में आते जाते हैं. यह भी बताया गया कि शहर के दूसरे छोर पर थोक सब्जी मंडी का निर्माण प्रशासन द्वारा आधा अधूरा कराया गया है जो लंबाई चौड़ाई में पोल्ट्री फार्म जैसा दिखता है.
पीड़ा व्यक्त करते हुए व्यापारियों ने कहा कि जिले के जनप्रतिनिधियों को व्यापारियों से कोई मतलब नहीं है. वोट लेने के बाद वो गायब हो जाते हैं और 5 साल बाद फिर वापस आते हैं. व्यापारी आज समस्याओं से जूझ रहा है उसकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है.
शहर से 5 किलोमीटर दूर है अस्थाई थोक सब्जी मंडी
बताया गया कि शहर से करीब 5 किलोमीटर दूरी पर खुले मैदान में थोक सब्जी मंडी संचालित हो रही है. जहां ना तो बाउंड्री है और ना ही कोई सुरक्षा के इंतजाम हैं. ऐसे में यदि व्यापारियों की सब्जी बच जाती है तो उन्हें हर हाल में अपने घर या गोदाम में लानी पड़ती है और दूसरे दिन फिर उसे मंडी में ले जाना पड़ता है. वाहन का किराया लोडिंग अनलोडिंग का खर्चा भी बढ़ता है और परेशानी भी होती है.
भावुक होकर व्यापारी ने बयां किया दर्द
एक थोक सब्जी विक्रेता ने भावुक होकर कहा कि चुनाव में हर बार भाजपा या कांग्रेस जीती है लेकिन हम सभी विक्रेता हर बार हार रहे हैं. आज तक अपनी समस्याओं को समाधान करने को लेकर कभी नहीं जीत पाए हैं और उम्मीद भी ऐसी ही है कि हम लोग कभी जीत ही नहीं सकते हैं. क्योंकि नेता वोट लेने के बाद 5 साल तक नजर नहीं आते हैं और इसी स्थिति के चलते हम सभी व्यापारियों की दुर्दशा हो रही है.
2 महीने में काम पूरा हो जाएगा- सीएमओ
नगर पालिका परिषद सीधी की सीएमओ मिनी अग्रवाल ने एनडीटीवी को बताया कि थोक सब्जी मंडी के लिए निर्माण कार्य जारी है. व्यापारियों की मांग है की बाउंड्री वॉल , गेट एवं अन्य सुविधाएं होने के बाद ही हम शिफ्ट होंगे, इसके लिए अभी दो महीने का समय लग सकता है. बाउंड्री वॉल और अन्य व्यवस्थाओं के निर्माण के लिए परिषद की बैठक में एजेंडा रखा जाएगा. स्वीकृति के बाद ही निर्माण कार्य हो पाएगा. इसके अलावा जहां खुले में व्यापारी व्यापार कर रहे हैं उससे बेहतर है कि नवीन थोक सब्जी मंडी में शिफ्ट हो जाएं जिससे कि उन्हें असुविधा न हो.