
Shrimp Farming in Shivpuri MP: झींगा मछली (Jhinga Farming) के उत्पादन को लेकर मध्य प्रदेश का बालाघाट भले ही सुर्खियों में रहता है, लेकिन अब मध्य प्रदेश के शिवपुरी (Shivpuri) जिले में भी झींगा मछली उत्पादन (Prawn Farming) को लेकर सरकारी पहल की गई है. जल्द ही शिवपुरी के किसानों की झींगा मछली उत्पादन से बल्ले-बल्ले हो सकती है. वहीं कुछ किसान सूखे तालाबों को लेकर सरकार से नाराज भी हैं, इनका कहना है कि बिना पानी के मछली पालन होगा तो कैसे? आइए देखते हैं NDTV की यह ग्राउंड रिपोर्ट.

Shrimp Farming in Shivpuri: झींगा मछली पालन
फायदे का सौदा
झींगा मछली का उत्पादन करना अपने आप में फायदे का सौदा है, क्योंकि इसकी मांग देश-दुनिया में रहती है. इस जलीय जीव में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, मिनरल्स और ओमेगा 3 के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण विटामिन भी रहते हैं, जो शरीर के पोषण तत्व को पूरा करते हैं. इतना ही नहीं इसके उत्पादन से कई जीवन रक्षक दवाइयां भी बनाई जाती हैं. यही वजह है कि इसके उत्पादन और व्यापार दोनों मे संभावनाएं ज्यादा हैं.
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बालाघाट के साथ-साथ शिवपुरी में बढ़ेगा उत्पादन
मध्य प्रदेश में बालाघाट सहित अन्य कई जिलों में इसका उत्पादन होता है, लेकिन अब इसकी शुरुआत शिवपुरी में भी होने जा रही है. केंद्र और प्रदेश सरकार की योजना के तहत शिवपुरी में पांच तालाबों का चयन किया गया है. खेत तालाबों में किसानों को यह झींगा मछली उत्पादन के लिए दी जाएगी और फिर किसान इसका उत्पादन कर मोटा मुनाफा कमा पाएंगे. इसके लिए बाकायदा आंध्र प्रदेश से झींगा मछली को शिवपुरी में लाकर उसकी बसाहट पर लगातार काम किया जा रहा है. बड़ी बात यह है कि पहले ही साल 2025-26 के लिए 100 टन झींगा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जो शिवपुरी के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है.

Shrimp Farming in Shivpuri: शिवपुरी के तालाब में झींगा मछली पालन
झींगा उत्पादन को लेकर किसानों का कहना है कि कुछ ही दिनों में वह मालामाल होने की तरफ बढ़ रहे हैं. आमतौर पर मछली ₹200-300 किलो तक बाजार में बिकती है. जबकि बेहतरीन क्वॉलिटी की झींगा मछली का भाव 800 से 1800 रुपए किलो तक का है. यही वजह है कि किसान इसके उत्पादन और झींगा मछली की बेहतर क्वालिटी को लेकर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.
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Shrimp Farming in Shivpuri: सफेद झींगा मछली
क्या कहते हैं आंकड़े?
- झींगा मछली उत्पादन में बालाघाट मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जिला.
- मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ रहा है झींगा मछली का उत्पादन.
- 2024-25 में 3,42,000 टन उत्पादन रिकॉर्ड किया गया.
- केंद्र सरकार के सहयोग से मध्य प्रदेश सरकार झींगा मछली उत्पादन को बढ़ावा दे रही
- मध्य प्रदेश सरकार ने 800 हेक्टेयर तालाबों में इस बार झींगा मछली उत्पादन कर रखा है लक्ष्य
- छत्तीसगढ़ के किसान वेदराम 30 लाख रुपए सालाना करते हैं कमाई
- मध्य प्रदेश के अकेले बालाघाट में 100 हेक्टेयर तालाबों में झींगा उत्पादन का लक्ष्य
- झींगा मछली की 3000 से ज्यादा प्रजाति 300 प्रजाति ऐसी जिन्हें खाने की दी जाती है सलाह
- पंजो वाली होती है इसकी आकृति
- भूरे ,सफेद रंग के साथ गुलाबी झींगा मछली की देश और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी मांग
- ₹500 किलो से 1800 रुपए किलो तक मार्केट के दाम
- केकड़ा परिवार की मानी जाती है झींगा मछली
- इस मछली में रहती है पारे की मौजूदगी. चिकित्सक देते हैं सीमित खाने की सलाह
- झींगा मछली में विटामिन B12, ओमेगा-3 फैटी एसिड, सेलेनियम, तांबा जैसे अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व
- मध्य प्रदेश में साल 2025-26 के लिए 40 हजार टन झींगा मछली उत्पादन का रखा लक्ष्य

Shrimp Farming in Shivpuri: झींगा मछली पालन
झींगा मछली के बारे में कहा जाता है कि वह अपना प्राकृतिक प्रजनन खारे पानी में करती है, लेकिन उसे खारे पानी से निकालकर मीठे पानी में पाला जा सकता है. यही वजह है कि शिवपुरी जिला प्रशासन ने आंध्र प्रदेश से उसके जूविनाइल सीड्स मंगवा कर तालाब में छोड़े हैं, जो कुछ ही दिनों में 100 ग्राम से ज्यादा वजन के साथ मार्केट में बिकने के लिए तैयार होंगे. हालांकि प्रशासनिक तौर पर हैचरी में भी प्रजनन कराने की योजना पर भी काम किया जा रहा है. सरकार का मानना है कि शिवपुरी में झींगा उत्पादन फला-फूला तो हैचरियां आधुनिक तरीके से विकसित की जाएंगी.
भीषण गर्मी से संकट के बादल
दूसरी तरफ शिवपुरी के कई इलाकों में भीषण गर्मी के चलते जल संकट है और कुछ खेत तालाब सूखते जा रहे हैं. ऐसे में कुछ किसान सरकार की इस योजना से इत्तेफाक तो रखते हैं, लेकिन नाराज भी है. इनका कहना है कि तालाब हैं, मछली भी है, लेकिन पानी नहीं है. इन किसानों का कहना है कि जब तक तालाब में ठीक ढंग से पानी नहीं होगा, तब तक मछली पालन से लाभ हासिल करना दूर की कौड़ी है.
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