
MP News in Hindi : मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले से एक दुखद और शर्मनाक मामला सामने आया है. यहां सड़क हादसे में एक शख्स घायल हो गया... जिसके बाद उसकी मौत हो गई. आलम ऐसा रहा कि मौत के बाद उसका शव पोस्टमार्टम के लिए पांच घंटे तक इधर-उधर भटकता रहा. डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मृतक के परिजनों को अंतिम संस्कार में भी परेशानी का सामना करना पड़ा. आपको बता दें कि छतरपुर जिले के बमीठा में 10 मार्च को एक सड़क हादसा हुआ. इस हादसे में भरत लाल पटेल गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें यथार्थ हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया... जहां इलाज के दौरान सोमवार को उनकी मौत हो गई.
डॉक्टरों ने पोस्टमॉर्टम से किया इनकार
इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए ओरछा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया लेकिन वहां के डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि शव को निवाड़ी भेजा जाएगा. जब शव निवाड़ी पहुंचा तो वहां के डॉक्टरों ने भी पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया. उनका कहना था कि यथार्थ हॉस्पिटल ओरछा क्षेत्र में आता है, इसलिए पोस्टमार्टम वहीं होना चाहिए.
वहीं, जब इस पूरे मामले की जानकारी जिले के कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ को लगी.... तो उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए संबंधित डॉक्टर को फटकार लगाई और पोस्टमार्टम निवाड़ी में कराया. खबर लिखे जाने तक शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा था. कलेक्टर की दखल के बाद पोस्टमार्टम तो हो गया. लेकिन अगर कलेक्टर इस पूरे मामले में सीधा हस्तक्षेप ना करते तो स्वास्थ्य विभाग तो मानवीय मूल्यों को तार-तार करने में कोई कसर छोड़ते नहीं दिख रहा था.
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