Modi Cabinet 3.0: नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) रविवार, 9 जून को देश के प्रधानमंत्री (Prime Minister) के तौर पर तीसरी बार पीएम पद की शपथ (PM Oath) लेंगे. नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण से पहले मोदी मंत्रिमंडल के मंत्रियों के नामों को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. सबसे ज्यादा चर्चाएं मध्य प्रदेश की हो रही हैं, इसकी वजह है एमपी में पहली बार भाजपा की प्रचंड जीत. प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटें जीतकर भाजपा ने एमपी में कांग्रेस का क्लीन स्वीप किया है. ऐसे में चर्चाएं हैं कि इसका इनाम भी मध्य प्रदेश को मिल सकता है. वहीं चर्चाओं के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) का नाम मंत्रिमंडल के लिए फाइनल माना जा रहा है.
क्या मोदी कैबिनेट 3.0 में शिवराज सिंह चौहान को मिली जगह?
'मामा' के नाम से मशहूर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की गिनती भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेताओं में होती है. शिवराज सिंह चौहान लोकसभा चुनाव 2024 में सवार्धिक मत लाकर बड़ी जीत हासिल कर ली है. वहीं जीत हासिल होने के बाद से ही मामा का मोदी कैबिनेट 3.0 में जगह मिलने की कायस लगाई जा रही थी. वहीं सूत्रों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज का नाम मंत्रिमंडल के लिए फाइनल हो गया है.
6 बार सांसद बने शिवराज सिंह चौहान
लोकसभा चुनाव 2024 में शिवराज सिंह चौहान छठवीं बार विदिशा लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे. शिवराज का मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी प्रताप भानु शर्मा (Pratap Bhanu Sharma) से था, जिन्हें मामा ने अपने पहले चुनाव में हराया था. अब एक बार फिर अपने 6वें लोकसभा चुनाव में शिवराज ने प्रताप भानु को हरा दिया है. इस बार यहां से शिवराज सिंह के चेहरे पर बीजेपी को 1116460 वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस कैंडिडेट को 295052 से ज्यादा मत प्राप्त हुए हैं. विदिशा संसदीय क्षेत्र से शिवराज सिंह चौहान 821408 मतों से विजयी हुए हैं. बता दें कि देश में सर्वाधिक वोट से जीतने वाले नेताओं में शिवराज सिंह चौहान का नाम शामिल हो गया है.
13 साल की उम्र में संघ से जुड़े थे शिवराज सिंह चौहान
5 मार्च, 1959 को मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के जैत गांव में जन्में शिवराज सिंह अपने बचपन के दिनों में ही भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की छात्र शाखाओं से जुड़ गए थे. महज 13 साल की उम्र में साल 1972 में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हाथ थाम लिया था. शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक करियर की शुरुआत एवीबीपी के संयोजक, महासचिव, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में हुई. फिर वो भारतीय जनता युवा मोर्चा से भी जुड़े और 1988 में इसके सदस्य बने.
1990 में पहली बार विधायक बने थे शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान ने बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की है. 'उत्कृष्ट' प्रदर्शन के लिए विश्वविद्यालय की तरफ से उन्हें स्वर्ण पदक भी मिला था. छात्र जीवन में राजनीति से रूबरू होने के बाद शिवराज को जनसंघ का साथ मिला.1975 में इमरजेंसी के खिलाफ आंदोलन में शिवराज सिंह चौहान ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिए और आपातकाल के दौरान जेल भी गए. जनसंघ के बाद चौहान भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा बने. 1990 में शिवराज सिंह चौहान पहली बार बुधनी विधानसभा से जीते और इस तरह उनका सक्रिय राजनीतिक जीवन शुरू हुआ.
इसके अगले ही साल वह विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. दरअसल, शिवराज सिंह साल 1991 में पहली बार बुधनी सीट से सांसद चुने गए. इसके बाद चौहान 1996, 1998, 1999, 2004, 2024 में इस सीट से लोकसभा चुनाव जीते.
2005 में पहली बार बने मुख्यमंत्री
हालांकि 2005 में शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी थमा दी गई. 2005 से 2018 तक वह प्रदेश के सीएम रहे. 2018 में बीजेपी के हारने के बाद सिर्फ 15 महीनों के लिए कमलनाथ सत्ता में आए, लेकिन 2020 में एक बार फिर कुर्सी पर शिवराज सिंह चौहान की वापसी हो गई, जिसके बाद वो दिसबंर 2023 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे.
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