
मध्य प्रदेश के श्योपुर के उत्कर्ष बालिका छात्रावास में 9वीं की एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना रविवार देर रात की है. मृतिका के परिवार का आरोप है कि पुलिस पूछताछ के नाम पर छात्रा को एक महीने से परेशान कर रही थी. उसे डराया धमकाया जा रहा था. इससे तंग आकर छात्रा ने आत्महत्या कर ली. हालांकि सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है.
परिजनों ने पुलिस पर लगाए आरोप
दरअसल, श्योपुर के कराहल के रहने वाले दिनेश भील की 15 साल की बेटी लक्ष्मी उत्कर्ष बालिका छात्रावास में अपनी दो बहनों के साथ रहती थी और वह हजारेश्वर स्कूल में कक्षा नौ में पढ़ती थी. रविवार की देर रात उसने हॉस्टल में दुपट्टे का फंदा बनाकर एंगल से बांधा और फिर फंदे पर झूल गई. परिजनों ने हॉस्टल वॉर्डन और अन्य स्टाफ पर लक्ष्मी को गालियां देकर टॉर्चर करने आरोप लगाया है. परिजनों का आरोप है कि हॉस्टल वॉर्डन उसे बाहर नहीं निकलने दे रहे थे और परिजन से भी मुलाकात नहीं करने देते थे.
ये भी पढ़े: ग्वालियर : युवक को सोशल मीडिया पर हथियारों का प्रदर्शन करना पड़ा भारी, पुलिस ने किया गिरफ्तार
मामले की जांच में जुटी पुलिस
मृतिका के भाई ने बताया कि उनके साथ एक और छात्रा रहती थी, जो अगस्त में हॉस्टल से घर जाने की बात कह कर कहीं चली गई थी. इसके बाद से कोतवाली पुलिस लक्ष्मी से लापता छात्रा के संबंध में पूछताछ करने के लिए आए दिन उसे टॉर्चर कर रही थी. उसने बताया कि हॉस्टल की वार्डन और सहायक वार्डन भी उसे गालियां देखकर टॉर्चर कर रही थीं. उसे हॉस्टल से बाहर नहीं आने दिया जा रहा था, जिससे वह किसी को अपनी परेशानी बता नहीं पा रही थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है.
ये भी पढ़े: पन्ना : मौत के बाद भी शोषण, मृत आदिवासी का पोस्टमार्टम करने के लिए मांगे गए पैसे