
Cheetah Project: भारत में चीतों को अब कूनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park) के अलावा दूसरा घर भी मिल गया है. दक्षिण अफ्रीका से लाए गए दो चीते ‘प्रभाष' और ‘पावक' को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गांधी सागर अभयारण्य (Gandhi Sagar Sanctuary) में छोड़ा. सीएम ने रविवार शाम को इन्हें बसीगांव खेमला अभयारण्य में छोड़ा गया है.

इन चीतों को फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका के वाटरबर्ग बायोस्फीयर रिजर्व (Waterberg Biosphere Reserve) से कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाया गया था. यहां उन्हें बाड़े में रखा गया, फिर रविवार को इन नर चीतों को सड़क मार्ग के जरिए गांधी सागर अभयारण्य लाया गया. बता दें कि यह अभयारण्य नीमच और मंदसौर जिले में फैला हुआ है.
आज गांधी सागर अभयारण्य में 'प्रभास और पावक' दोनों चीतों को रफ्तार भरते हुए देखकर मन आनंदित है कि हमारे मध्यप्रदेश की धरती जैव विविधता को संवर्धित करने का आदर्श केंद्र बन चुकी है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) April 20, 2025
यह दृश्य हमारी सरकार द्वारा पारिस्थितिकी संतुलन के प्रयासों की सफलता का प्रतीक भी है, जो मानव,… pic.twitter.com/lIrcf92UmU
सीएम यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सितंबर 2022 में एशिया में चीतों को फिर से लाने के सफल प्रयास का नेतृत्व किया था. उन्होंने कहा, 'यह हमारा सौभाग्य है कि पूरे एशिया में चीतों को बसाने के लिए सबसे अनुकूल परिस्थितियां हमारे देश में, विशेष रूप से मध्यप्रदेश में मौजूद हैं.”

इससे पहले दिन में दोनों चीतों को गांधी सागर अभयारण्य में लाया गया, जो कूनो से 250 किलोमीटर दूर है. कूनो में करीब तीन साल पहले इन चीतों के महत्वाकांक्षी अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण की शुरुआत की गई थी.

सीएम ने एक्स पर शेयर किए फोटो
सीएम डॉ. मोहन यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, आज गांधी सागर अभयारण्य में 'प्रभास और पावक' दोनों चीतों को रफ्तार भरते हुए देखकर मन आनंदित है कि हमारे मध्य प्रदेश की धरती जैव विविधता को संवर्धित करने का आदर्श केंद्र बन चुकी है. यह दृश्य हमारी सरकार द्वारा पारिस्थितिकी संतुलन के प्रयासों की सफलता का प्रतीक भी है, जो मानव, प्रकृति और वन्यजीव के बीच सामंजस्य की अद्भुत मिसाल बनेगा.

कूनो के बाद अब गांधी सागर प्रदेश का दूसरा चीता अभयारण्य बन गया है, इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई. इस अवसर पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया, सांसद सुधीर गुप्ता, विधायक अनिरुद्ध मारू सहित अन्य साथी उपस्थित रहे.

कितने हैं भारत में चीते
17 सितंबर, 2022 को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में आठ नामीबियाई चीते छोड़े गए थे, जिनमें पांच मादा और तीन नर शामिल थे. फरवरी 2023 में बारह और चीतों को दक्षिण अफ्रीका से कुनो लाया गया. कुनो में अब 26 चीते हैं, जिनमें भारत में जन्मे 14 शावक शामिल हैं.
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अधिकारियों ने शुक्रवार को भोपाल में जानकारी दी थी कि आठ चीतों को दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना से दो चरणों में भारत लाया जाएगा. उन्होंने बताया था कि मई में ही चार चीतों को लाया जाएगा.