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SDM का अजब-गजब फरमान ! अब यहां के पटवारी भगाएंगे आवारा जानवर

MP News in Hindi : MP के छतरपुर जिले में एक SDM ने ग्राम पंचायत के पटवारी और सचिवों सड़क पर से आवारा जानवरों को हटाने की जिम्मेदारी दी है. SDM के इस अनोखे फैसले के बाद हर जगह इसकी चर्चा हो रही है. 

SDM का अजब-गजब फरमान ! अब यहां के पटवारी भगाएंगे आवारा जानवर
SDM का अजब-गजब फरमान ! अब यहां के पटवारी भगाएंगे आवारा जानवर

Ajab Gajab News : छतरपुर जिले के झांसी-खजुराहो फोरलेन पर सैकड़ों आवारा पशुओं के डेरा जमाने के कारण दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है. इसी को देखते हुए छतरपुर के बिजावर SDM ने एक अजीबोगरीब फैसला सुनाया है जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. दरअसल, बिजावर SDM ने ग्राम पंचायत के पटवारी और सचिवों को गायों को गौशाला ले जाने का आदेश दिया है. SDM लगातार आवारा मवेशियों को गौशाला में भेजने के लिए जोर दे रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि अगर राजस्व विभाग के कर्मचारी और सचिव सड़क पर से आवारा पशुओं को हटाने का काम करेंगे तो सरकारी कामकाज पर कैसा असर पड़ेगा. बता दें कि SDM ने जनपद CEO को निर्देश दिए हैं कि ऐसा करने के लिए वे पंचायत पदाधिकारियों को भी प्रेरित करें.

सड़क पर आवारा पशुओं का डेरा

बरट, मऊसहानियां, दौरिया, पुतरया, करारा ग्राम पंचायतों के आवारा जानवर झांसी-खजुराहो फोरलेन में डेरा जमाए हुए हैं. बारिश के चलते फोरलेन में महोबा रोड से लेकर करारा तक लगभग एक दर्जन स्थानों पर सैकड़ों की संख्या में आवारा जानवर डेरा जमाए हुए हैं.

दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी

फोरलेन पर इन दिनों कई स्थानों पर आवारा जानवरों का जमावड़ा है, जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं. दो दिन पहले टीकर गांव के पास एक डस्टर कार जानवरों को बचाने के चक्कर में पलट गई, जिसमें चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके पहले बृजपुरा में भी एक कार गायों से टकरा गई थी, जिसमें कई लोग घायल हुए थे.

ये रहे सबसे खतरनाक प्वाइंट

झांसी-खजुराहो फोरलेन पर महोबा रोड में रामाश्रय होटल के सामने, गौरगांय इनक्लोजर के पास, मंजिल ढाबा के सामने, बिलहरी इनक्लोजर के पास, दौरिया, पुतरया, अलीपुरा, धमरपुरा, करारा गांव के इनक्लोजर के पास सैकड़ों की संख्या में आवारा जानवर डेरा जमाए हुए हैं. यहां बीच सड़क में अचानक बड़ी संख्या में जानवर बैठे होने के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं.

SDM के आदेश पर उठे सवाल

SDM बिजावर का आदेश जिसमें ग्राम पंचायत के पटवारी और सचिवों को गायों को गौशाला में ले जाने की जिम्मेदारी दी गई है, वह तुगलकी फरमान साबित हो रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये आदेश न केवल असंभव है, बल्कि इससे राजस्व विभाग के कामकाज पर भी असर पड़ रहा है. पहले से ही लंबित प्रकरणों के बावजूद पटवारियों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी डाली जा रही है.

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खतरे में अब लोगों की सुरक्षा

छतरपुर कलेक्टर संदीप GR ने पिछले तीन महीनों से जिला पंचायत, टीएल और अन्य बैठकों में आवारा जानवरों को गौशालाओं में भेजने की बात पर जोर दिया है, लेकिन इसका कोई खास असर नहीं दिख रहा है. आवारा पशुओं के कारण झांसी-खजुराहो फोरलेन पर दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी है. इससे स्थानीय ग्रामीणों और यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है. बता दें कि NHAI (National Highways Authority of India) की तरफ से इन पशुओं को हटाने के लिए कोई गंभीर कदम नहीं उठाया जा रहा है.

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