Dispute between Scindia school and Jain community: ग्वालियर के ऐतिहासिक किले (Gwalior Fort) पर बने जैन मंदिर (Jain Temple) में दर्शन को लेकर जैन समाज (Jain community) और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के परिवार द्वारा संचालित सिंधिया स्कूल (Scindia school) के बीच विवाद फिर शुरू हो गया है. बीती शाम मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे जैन आचार्य विबुद्ध सागर महाराज को गेट के अंदर जाने से रोका गया. जिसके बाद उनके साथ चल रहे श्रद्धालु नाराज हो गए. विवाद बढ़ने के बाद जैन साधु और बाकी श्रद्धालु स्कूल के गेट के बाहर ही मौन पर बैठ गए हैं.
क्या है विवाद की वजह
ग्वालियर किले के आसपास कई प्राचीन जैन प्रतिमाएं हैं. इसके साथ ही किले के भीतर एक ऐसा मंदिर भी है जिसे जैन समाज इसे अपना बताता है. फिलहाल यह मंदिर सिंधिया स्कूल के परिसर में है. जिसकी वजह से सिंधिया स्कूल प्रबंधन ने मंदिर में जाने के लिए गेट बंद कर रखा है. इस मंदिर में दर्शन को लेकर पहले भी कई बार विवाद की स्थिति बनी है.
यह हुआ घटनाक्रम
जैन साधु विबुद्ध सागर महाराज इन दिनों ग्वालियर में हैं. बीती शाम वे कुछ श्रद्धालुओं के साथ पद यात्रा करते हुए ग्वालियर किले पर स्थित जैन मंदिर में भगवान के दर्शन करने पहुंचे. जहां सिंधिया स्कूल के गार्ड ने उन्हें रोक दिया. जैन मुनि स्कूल परिसर में बने भवन में जाकर जैन प्रतिमाओं के दर्शन करने जाना चाहते थे, जबकि स्कूल प्रबंधन का कहना है कि जैन साधु और बाकी श्रद्धालु गेट के बाहर से ही दर्शन कर सकते हैं. इसके बाद विवाद की स्थिति बन गई और सभी लोग गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए.
पुलिस और प्रशासन भी पहुंचा
इस बीच विवाद की सूचना स्कूल प्रबंधन ने पुलिस और प्रशासन को दी. जिसके बाद अफसर मौके पर पहुंचे. इस दौरान जैन साधु ने कहा कि वे मंदिर में दर्शन कर वापस चले जाएंगे, वहां नहीं रुकेंगे. लेकिन स्कूल प्रबंधन जैन साधु की इस मांग पर तैयार नहीं हुआ. पुलिस और प्रशासन ने भी उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी.
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गेट पर ही शुरू किया उपवास
दर्शन के लिए रोके जाने से नाराज होकर आचार्य विबुद्ध सागर महाराज ने सिंधिया स्कूल के गेट पर ही आसान लगाकर उपवास शुरू कर दिया. इस मामले में अधिकारी आधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन उनका कहना है कि जैन आचार्य दर्शन करने की बात कहते हुए मौन धारण करके बैठ गए हैं. उनसे बात करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो सकी. अधिकारियों ने कहा जैन साधु से फिर से बात करने की कोशिश करेंगे. उनके साथ जैन समाज के कुछ और लोग भी बैठे हैं.
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