Teachers Protest Against e-attendance: शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए लागू किए गए ई-अटेंडेंस सिस्टम और उससे जुड़े आदेशों को लेकर शिक्षकों में नाराजगी गहराती जा रही है. रविवार को सतना जिला मुख्यालय स्थित सिविल लाइन चौपाटी पर राज्य शिक्षक संघ के बैनर तले सैकड़ों शिक्षक एकत्र हुए और धरना देकर विभाग के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.
ई-अटेंडेंस के खिलाफ शिक्षकों का धरना
धरने का नेतृत्व कर रहे संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष व जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि विभाग का अफसरशाही रवैया अब शिक्षकों के आत्मसम्मान पर चोट कर रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार जारी किए जा रहे अव्यवहारिक और मनमाने आदेशों ने शिक्षकों का कार्य वातावरण तनावपूर्ण बना दिया है. त्रिपाठी ने कहा कि विभाग द्वारा उपयोग किए जा रहे मोबाइल ऐप में गंभीर तकनीकी खामियां हैं.
'हाजिरी के नाम पर मनमानी बर्दाश्त नहीं'- राज्य शिक्षक संघ
ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों में नेटवर्क की समस्या के चलते न तो ऐप सुचारु रूप से काम करता है और न ही उपस्थिति दर्ज हो पाती है. इसके बावजूद अधिकारी शिक्षकों पर दबाव बनाकर भय का माहौल तैयार कर रहे हैं. उन्होंने साफ कहा कि शिक्षक पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य कर रहे हैं, लेकिन विभागीय मनमानी से उनकी गरिमा को ठेस पहुंच रही है. यदि विभाग को शिक्षकों की ईमानदारी पर संदेह है, तो प्रत्येक विद्यालय में बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट मशीन लगाई जाए, लेकिन अधूरे और अविश्वसनीय मोबाइल ऐप को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा.
शिक्षिक का अफसरों पर तंज- 'चूहों की तरह शिक्षकों पर अफसर कर रहे हर प्रयोग'
एक महिला शिक्षक ने कहा कि जैसे वैज्ञानिक सभी तरह के प्रयोग चूहों पर करते हैं, ठीक वैसे ही अफसर सभी प्रयोग शिक्षकों पर कर रहे हैं.
धरने में शामिल शिक्षकों ने चेतावनी दी कि यदि विभाग ने उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा. संघ नेताओं ने कहा कि शिक्षकों के आत्मसम्मान और कार्यस्थल की गरिमा से किसी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
धरना स्थल पर शिक्षकों ने सरकार से मांग की कि तकनीकी खामियों से भरे ई-अटेंडेंस सिस्टम को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए और शिक्षण कार्य में अनावश्यक बाधाएं उत्पन्न करने वाले आदेशों को निरस्त किया जाए. इस दौरान बड़ी संख्या में शिक्षकों ने एक स्वर में कहा कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के बजाय विभाग केवल हाजिरी के नाम पर उत्पीड़न कर रहा है, जो अब स्वीकार्य नहीं है.
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