
सतना पुलिस ने कैमरी पहाड़ में तिहाई गांव के सरपंच रेवतीरमण दाहिया के पुत्र प्रमोद दाहिया (21) की हत्या की गुत्थी चौबीस घंटे के अंदर सुलझा ली है. मृतक के मोबाइल और मौके पर मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने संदेह के आधार पर आरोपी को हिरासत में लिया था. जिसके बाद सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपी ने गुनाह कबूल कर लिया. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था.
पुलिस के मुताबिक मामले का मुख्य आरोपी जबलपुर निवासी दीपचंद्र दाहिया है. जबकि सह आरोपी का नाम आशीष कुमार सेन निवासी उमरी तिहाई है. दोनों आरोपियों को धारा 302 के प्रकरण में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. पुलिस ने हत्या के कारणों का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपियों ने प्रेम प्रसंग के चलते वारदात को अंजाम दिया था.
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कोटर थाना प्रभारी रविन्द्र द्विवेदी ने बताया कि आरोपी दीपचंद्र दाहिया की ममेरे भाई हीरालाल की पत्नी सपना से दोस्ती थी. यह महिला बम्हौरी की रहने वाली है, जिसके यहां सरपंच के बेटे प्रमोद दाहिया का भी आना जाना रहता था. प्रमोद और सपना की दोस्ती के बाद आरोपी दीपचंद्र को जलन होने लगी. जिसके बाद वह प्रमोद को रास्ते से हटाने की कोशिश में जुट गया. इसी बीच पिछले दिनों उसकी मुलाकात आदि शंकर हॉस्पिटल जबलपुर में आशीष सेन से हुई. आशीष सेन अपने भाई का इलाज कराने गया था. आशीष के भाई के इलाज में आरोपी ने मदद की और फिर अपने साथ हुए धोखे से अवगत कराते हुए प्रमोद को रास्ते से हटाने की योजना बनाई.
मृतक को फोन कर बुलाया गया पहाड़
कोटर पुलिस ने बताया कि आरोपी दीपचंद्र दाहिया 26 अगस्त को कोटर बस स्टैंड पहुंचा. जहां से उसने आशीष सेन को फोन किया. आशीष उसे बाइक से लेकर कैमरी पहाड़ डोंगरी के पास पहुंचा. इसके बाद प्रमोद को फोन कर मिलने के लिए बुलाया. जब प्रमोद पहुंचा तो उसे जमकर शराब पिलाई. शराब के नशे में जब प्रमोद लडख़ड़ाने लगा तभी दीपचंद्र ने सबसे पहले आरी से उस पर कई वार किए और लात मारकर जमीन पर गिरा दिया. इसके बाद एक बड़ा-सा पत्थर चेहरे पर पटक दिया ताकि उसको कोई पहचान न पाए. हत्या को अंजाम देने के बाद आरोपी वहां से भाग गया.
आरोपी को अस्पताल से उठा ले आई पुलिस
सरपंच के बेटे की हत्या कर सतना से फरार हुए आरोपी को पुलिस ने जबलपुर के आदि शंकर अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले मोबाइल की डिटेल के आधार पर आशीष सेन को घटना के दिन ही हिरासत में ले लिया गया था. उसी की निशानदेही पर पुलिस आरोपी के पास जबलपुर पहुंची और पूरे प्रकरण का खुलासा हुआ.