
सीधी पेशाबकांड हो या सागर की घटना, मध्यप्रदेश में दलित-आदिवासियों और महिलाओं पर अत्याचार को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. ताजा मामला फिर से सागर जिले का ही है. जहां न सिर्फ एक दलित युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई बल्कि उसे बचाने आई मां को दबंगों ने निर्वस्त्र कर दिया. पुलिस की कार्रवाई सांप गुजर जाने के बाद लकीर पीटने वाली है. पुलिस इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन अब भी मुख्य आरोपी पकड़ से बाहर है. हाल फिलहाल में ही दलितों के साथ हुए अपराध की बात करें तो बड़े सवाल खड़े होते हैं. NCRB के आंकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश में साल दर साल दलित, आदिवासियों और महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़े बढ़ रहे हैं.

बीती 24 जुलाई को देवास में आदिम जाति कल्याण विभाग के दफ्तर में घुसकर उप सरपंच ने एक दलित कर्मचारी के साथ मारपीट की. इससे पहले 30 जून को शिवपुरी के नरवर में दो दलित युवकों का न सिर्फ मुंह काला किया गया बल्कि जूते-चप्पलों की माला पहना कर घुमाया भी गया. आरोप है कि उनके मुंह में मल भी भरा गया था. इसके अलावा 21 जुलाई को छतरपुर और 30 जून को शिवपुरी में हुई घटना भी अभी ताजा है. कुल मिलाकर दलितों पर अत्याचार के मामले मध्यप्रदेश में बढ़ रहे हैं, हालांकि थोड़ी सी आशा इस बात से भी जगती है कि दलितों के खिलाफ होने वाले अत्याचार के मसले पर चार्जशीट दाखिल करने के मामले में मध्यप्रदेश पूरे देश में दूसरे नंबर पर है. पहले नंबर पर सिक्किम है.
दूसरा पक्ष दलितों को लेकर होने वाली सियासत भी है. सत्ता और विपक्ष दोनों जानते हैं सवाल उठाने और जवाब देने के सियासी मायने क्या है. सागर में हुई ताजा घटना को लेकर सवाल फिर से खड़े हो रहे हैं.

कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहीं पर संत रविदास के 100 करोड़ के मंदिर का शिलान्यास किया था. अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने ट्वीट किया है कि रविदास का मंदिर बनाना तो महज ढोंग है. मध्यप्रदेश में दलितों पर अत्चाचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पूरे मामले की जांच के लिए पार्टी की एक कमेटी ही गठित कर दी है. दूसरी तरफ बीएसपी प्रमुख मायावती ने ट्वीट करके कहा है कि रविदास के भक्तों पर जुल्म चरम सीमा पर पहुंच गई है. इससे भाजपा का दोहरा चरित्र उजागर होता है.
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