
Satna Akash returns home: ईरान-इज़राइल युद्ध के दौरान पर्शियन गल्फ में दो महीने तक फंसे रहे सतना निवासी 24 वर्षीय आकाश द्विवेदी की आखिरकार सकुशल घर वापसी हो गई. यह मुमकिन कलेक्टर सतीश कुमार एस की पहल और ईरान दूतावास के सहयोग से हो सका. आकाश ने बताया कि उन्होंने अक्टूबर 2021 में मर्चेंट नेवी का छह महीने का कोर्स पूरा किया था. इसके बाद 17 मार्च 2025 को ईरान की एक शिप में नौकरी जॉइन की. पहले डेढ़ महीने तक सब सामान्य रहा, फिर जून में वह शिप के साथ दुबई पहुंचे. तकनीकी खराबी के कारण जहाज से माल की अनलोडिंग नहीं हो सकी और शिप को ईरान वापस भेज दिया गया.
पर्शियन गल्फ में फंसा जहाज, हालात बिगड़े
ईरान लौटते समय जहाज अब्बास सिटी पोर्ट से 15 किलोमीटर पहले ही पर्शियन गल्फ में लंगर डालकर रुका था. इसी दौरान इज़राइल-ईरान युद्ध की स्थिति बनने लगी और सुरक्षा कारणों से सभी जहाजों को वहीं रोक दिया गया. शिप पर कुल 17 क्रू मेंबर मौजूद थे. जिनमें 10 ईरानी, 5 अन्य देशों के, और 2 भारतीय (आकाश द्विवेदी और गोरखपुर निवासी प्रिंस शर्मा) शामिल थे.
स्थानीय क्रू किसी तरह वापस लौट गया, लेकिन भारतीयों की मुश्किल यह थी कि उनके पास वीज़ा नहीं था और जरूरी दस्तावेज पोर्ट कंपनी के पास जमा थे. संचार नेटवर्क भी बेहद खराब था, जिससे परिजनों से संपर्क कर पाना मुश्किल हो गया.
कलेक्टर की तत्परता से मिली राहत
बेटे की चिंता में डूबे आकाश के पिता चंद्रभूषण द्विवेदी जो एस ए एफ में हेड कांस्टेबल हैं, ने बताया 14 जुलाई को कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस से मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई. कलेक्टर ने तत्काल नई दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास से संपर्क कर पूरी स्थिति से उन्हें अवगत कराया. दूतावास ने शिप कंपनी से आवश्यक जानकारी लेकर वीज़ा व यात्रा दस्तावेज़ों की प्रक्रिया शुरू की.
31 को प्लेन से मुंबई पहुंचे
आखिरकार, 31 जुलाई को आकाश को ईरान के सिराज शहर से फ्लाइट के जरिए मुंबई भेजा गया, जहां पहले से मौजूद परिजन उसे लेकर सतना पहुंचे. घर लौटने पर आकाश और उनके परिवार ने मुख्यमंत्री मोहन यादव और कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस का आभार जताया. आकाश के परिवार ने कहा कि अगर प्रशासन ने तत्परता न दिखाई होती, तो बेटे की वापसी मुश्किल हो जाती.
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