MP Government Announcement: 100 साल तक उत्तर भारत में राज करने वाले महान सम्राट विक्रमादित्य (Samrat Vikramaditya) के नाम से मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) ने दो नए सम्मान की घोषणा की है. एमपी सरकार द्वारा सम्राट विक्रमादित्य राष्ट्रीय सम्मान और शिखर सम्मान दिया जायेगा. सम्राट विक्रमादित्य राष्ट्रीय सम्मान की सम्मान (Samrat Vikramaditya Rashtriya Samman) राशि 11 लाख रुपये होगी, वहीं सम्राट विक्रमादित्य शिखर सम्मान (Samrat Vikramaditya Shikhar Samman) के तहत दो लाख रुपये दिए जाएंगे. शिखर सम्मान प्रादेशिक होगा. बता दें कि शिखर सम्मान हर साल तीन प्रतिष्ठित संस्था और व्यक्तियों को दिए जाएंगे.
पहली श्रेणी न्याय, दानशीलता, वीरता, सुशासन, राजनय, शौर्य होगी. दूसरी श्रेणी में खगोल विज्ञान, ज्योतिष विज्ञान तथा प्राच्य वांग्मय विषय को सम्मिलित किया गया है और तीसरी श्रेणी में रचनात्मक एवं जनकल्याणकारी कार्य करने वाली संस्था या व्यक्ति को सम्मान से अलंकृत किया जायेगा. साथ ही, प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान पट्टिका भी प्रदान की जायेगी.
इस काम के लिए मिलेगा सम्राट विक्रमादित्य राष्ट्रीय सम्मान
एमपी के महाराजा विक्रादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि सम्राट विक्रमादित्य राष्ट्रीय सम्मान सम्राट विक्रमादित्य के बहुविध गुणों न्याय, दानशीलता, वीरता, सुशासन, खगोल एवं ज्योतिष विज्ञान, कला, शौर्य, प्राच्य वांग्मय, राजनय, आध्यात्मिक क्षेत्र, रचनात्मक एवं जनकल्याणकारी कार्य के क्षेत्र में श्रेष्ठतम उपलब्धियों एवं उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जायेगा. यह अलंकरण मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति विभाग अंतर्गत महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा स्थापित किया गया है. विभिन्न व्यक्तियों, संस्थाओं, समाजशास्त्रियों, बुद्धिजीवियों, लेखकों, समीक्षकों, पत्रकारों से सम्मान के लिए अनुशंसा/नामांकन की प्रविष्टियां आमंत्रित की जायेगी. सम्मान का चयन प्रतिवर्ष उच्च स्तरीय निर्णायक समिति के माध्यम से किया जायेगा.
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सीएम यादव ने कही ये बात
सम्राट विक्रमादित्य सम्मान की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विक्रमादित्य का जीवन बहुआयामी था. आज युवा पीढ़ी को यह बताने की आवश्यकता है कि विक्रम संवत कैसे प्रारंभ हुआ, महाराजा विक्रमादित्य के न्याय की क्या विशेषताएं थीं और उनके साहस और दान की प्रवृत्ति से प्रजा कैसे लाभान्वित हुई. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नेपाल जैसे राष्ट्र में विक्रम संवत से कैलेंडर प्रचलन में है. सम्राट विक्रमादित्य के सुशासन और अन्य महत्वपूर्ण पक्षों की जानकारी पाठ्यक्रम में भी सम्मिलित की जाए. सीएम ने कहा है कि महाराजा विक्रमादित्य ने दानशीलता, वीरता, सुशासन और न्यायप्रियता के अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किए थे. न्याय के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तित्व सम्मानित किए जाने चाहिए.