
Maihar: श्रम विभाग द्वारा शुरू की गई अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना (Mrityu ki Dasha Mein Antyeshti Evam Anugrah Sahayata Yojana) मजाक बन कर रह गई. पिछले एक साल से पोर्टल (Portal) बंद होने से किसी का भी ऑनलाइन आवेदन (Online Application) नहीं हो पा रहा जिससे पात्र आवेदक लाभ पाने से वंचित हैं. तमाम आवेदक स्थानीय निकायों में ऑफलाइन आवेदन जमा कर रहे हैं, लेकिन भुगतान की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही. सबसे बड़ी चिंता का विषय योजना के नियम निर्देश हैं, जिसके अनुसार निर्धारित 6 माह की अवधि में आवेदन नहीं होने की दशा में आवेदक अपात्र हो सकता है. जब NDTV ने इस मामले की पड़ताल की तो सैकड़ों मामले पेंडिंग मिले. देखिए हमारी रिपोर्ट.
केस 1 :
संबल कार्डधारी परिवार के रामलखन उर्फ कोदू रावत निवासी कुलुहा की मौत कई महीने पहले सड़क दुर्घटना में हुई. मौत के बाद इनके परिवार को अंत्येष्टि सहायता और अनुग्रह राशि की पात्रा थी, लेकिन कई महीने बीतने के बाद भी इन्हें कोई सहायता प्रदान नहीं की गई. परिवार के लोग जनपद पंचायत के चक्कर लगा कर थक चुके हैं.
केस 2 :
इसी प्रकार से अमरपाटन जनपद पंचायत के कुल्लुहा गांव के शैलेन्द्र कोल भी सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवा चुके हैं. इनके परिवार को भी अंत्येष्टि तथा अनुग्रह सहायता की पात्रता है. मगर, पोर्टल की पेंच से वह भी जूझ रहे हैं.
केस 3 :
मैहर जिले के रामनगर जनपद के सोनाड़ी गांव में जून माह में शुभकरण कुशवाहा की मौत हुई थी. उनके भाई शारदा कुशवाहा सहायता राशि का इंतजार कर रहे हैं. लगभग 9 महीने गुजर जाने के बाद भी उन्हें किसी तरह की सहायता राशि नहीं मिल पाई. परेशान हो कर उन्होंने इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है.
केस 4 :
मैहर जिले के रामनगर सोनाडी गांव निवासी नीतू सिंह के पति ओपी सिंह का देहांत हुए 1 साल हो गए मगर इन्हें भी अंत्येष्टि सहायता योजना का लाभ नहीं मिला.
क्या मिलता है लाभ?
- अंतिम संस्कार सहायता- ₹5,000/-
- अनुग्रह राशि :
- सामान्य मृत्यु की स्थिति में: ₹2,00,000/-
- दुर्घटना के कारण मृत्यु होने पर : ₹4,00,000/-
- दुर्घटना के कारण स्थायी विकलांगता के मामले में: ₹2,00,000/-
- दुर्घटना के कारण आंशिक स्थायी विकलांगता के मामले में: ₹1,00,000/-
एक साल से सैकड़ों लोग भटक रहे
श्रमिक एवं संबल कार्ड धारी परिवारों के पात्र लोग सहायता राशि पाने के लिए पिछले एक साल से भटक रहे हैं. कुछ जगहों पर पंचायत के प्रमुखों द्वारा अंत्येष्टि सहायता की नगद राशि दी गई है. लेकिन, अब वह खुद भी परेशान हैं कि उनका पैसा वापस कब मिलेगा?
क्या बोले जिम्मेदार?
जनपद पंचायत रामनगर के सीईओ एमएल प्रजापति का कहना है कि जनपद पंचायत का पोर्टल काम नहीं कर रहा जिससे कोई फीडिंग नहीं हो पा रही. योजना के लिए तमाम लोग आ रहे हैं. कई बार इससे अवगत करवाया गया है. अंत्येष्टि के लिए निजी तौर पर कुछ भुगतान किए गए हैं मगर अनुग्रह राशि नहीं हो पा रही.
वहीं मैहर कलेक्टर का कहना है कि अंत्येष्टि और अनुग्रह राशि के मामले में कुछ शिकायत हैं, जिसको चेक कराया जा रहा है. पोर्टल की कुछ परेशानी है जिसे ठीक कराया जाएगा.
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