
Durum Wheat in MP: मध्यप्रदेश में मौजूदा रबी सत्र के दौरान अनुकूल मौसमी हालात के चलते ‘ड्यूरम' गेहूं (Durum Gehu) की पैदावार बढ़कर 90 लाख टन पर पहुंच सकती है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के इंदौर (Indore) स्थित क्षेत्रीय केंद्र के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह अनुमान जाहिर किया. ‘ड्यूरम' गेहूं का इस्तेमाल सूजी, दलिया, सेमोलिना और पास्ता तैयार करने में होता है. मध्यप्रदेश, देश में गेहूं की इस किस्म का सबसे बड़ा उत्पादक है. आईएआरआई के क्षेत्रीय केंद्र के प्रमुख और प्रधान वैज्ञानिक डॉ जंग बहादुर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि मौजूदा रबी सत्र के दौरान राज्य में करीब 16 लाख हेक्टेयर में ‘ड्यूरम' गेहूं बोया गया और इसकी पैदावार बढ़कर 90 लाख टन पर पहुंच सकती है.
बेहतर मौसम का मिला साथ, क्यों खास है ड्यूरम? What is Durum Wheat?
प्रधान वैज्ञानिक डॉ जंग बहादुर सिंह ने बताया, ‘‘इस रबी सत्र में खासकर रात का तापमान कम रहने से ड्यूरम गेहूं की फसल को खासा फायदा हुआ. सही समय पर बुआई और बारिश का दौर गत अक्टूबर तक जारी रहने से भी इसकी फसल की पैदावार को बल मिला.'' उन्होंने बताया कि पिछले रबी सत्र के दौरान राज्य में ‘ड्यूरम' गेहूं का रकबा 15 लाख हेक्टेयर के आस-पास दर्ज किया गया था और इसकी पैदावार लगभग 80 लाख टन रही थी.
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उन्होंने बताया कि इंदौर, उज्जैन और धार जिलों की गिनती ‘ड्यूरम' गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक इलाकों में होती है. सूबे का 50 प्रतिशत ‘ड्यूरम' गेहूं इन्हीं तीन जिलों में उगाया जाता है.
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