Madhya Pradesh News: सर्दियों की दस्तक के साथ ही सागर जिले का नौरादेही टाइगर रिजर्व एक बार फिर विदेशी मेहमानों से गुलजार हो उठा है. करीब 5651 किलोमीटर का लंबा सफर तय कर Lesser Whistling Duck सहित कई दुर्लभ प्रवासी पक्षी यहां पहुंच चुके हैं. यूरोप से लेकर अफ्रीका तक के विभिन्न देशों से आए इन परिंदों ने नौरादेही के जंगल, तालाबों और नदियों में रौनक बढ़ा दी है.
हर वर्ष की तरह इस बार भी जैसे ही उत्तरी देशों में कड़ाके की ठंड और बर्फबारी शुरू हुई, वैसे ही भारत प्रवासी पक्षियों के लिए सुरक्षित और अनुकूल ठिकाना बन गया. भोजन की प्रचुर उपलब्धता, अनुकूल तापमान और सुरक्षित वातावरण के कारण ये पक्षी हजारों किलोमीटर का कठिन सफर तय कर सर्दियों का मौसम भारत में बिताने आते हैं. यह प्राकृतिक प्रवासन केवल मौसम परिवर्तन की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह प्रकृति के संतुलन और जैव विविधता को बनाए रखने की एक महत्वपूर्ण कड़ी भी है.
सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है
नौरादेही टाइगर रिजर्व मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है. इसे टाइगर रिजर्व घोषित किए जाने से पहले भी यहां प्रवासी पक्षियों का आना लगातार जारी रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह यहां की उष्णकटिबंधीय जलवायु मानी जाती है. जहां मई का महीना अत्यधिक गर्म होता है, वहीं जनवरी अपेक्षाकृत ठंडी रहती है. यह जलवायु उन देशों की तुलना में प्रवासी पक्षियों के लिए अधिक अनुकूल होती है, जहां सर्दियों में अत्यधिक ठंड और भारी बर्फबारी होती है.सर्दियों के मौसम में नौरादेही क्षेत्र के छेवला तालाब, जगरासी खेड़ा तालाब, बमनेर नदी और व्यारमा नदी प्रवासी पक्षियों के पसंदीदा ठिकाने बन जाते हैं. इन जलस्रोतों के आसपास सुबह-शाम पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती है.
वन विभाग के अनुसार, इस क्षेत्र में 150 से अधिक प्रजातियों के प्रवासी पक्षी देखे जा रहे हैं. इनमें कई ऐसे पक्षी भी शामिल हैं, जो यहां अपना प्रजनन काल बिताते हैं और बच्चों को जन्म देते हैं.
विस्थापन प्रक्रिया के चलते नौरादेही क्षेत्र के कुछ गांव खाली हो रहे हैं. ऐसे में वहां मौजूद जलस्रोत भी प्रवासी पक्षियों के लिए नए ठिकानों के रूप में उभर रहे हैं. इन स्थानों पर भी बड़ी संख्या में पक्षी नजर आने लगे हैं, जो इस क्षेत्र की बढ़ती जैव विविधता को दर्शाता है.
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बना आकर्षण का केंद्र
क्रिसमस और न्यू ईयर की छुट्टियों के दौरान नौरादेही टाइगर रिजर्व पर्यटकों और पक्षी प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बन गया है. दूर-दूर से लोग यहां दुर्लभ और सुंदर प्रवासी पक्षियों को देखने पहुंच रहे हैं. कैमरों में कैद होते रंग-बिरंगे परिंदे न केवल पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं, बल्कि प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूकता भी बढ़ा रहे हैं.प्रवासी पक्षियों की यह वार्षिक आमद नौरादेही टाइगर रिजर्व की समृद्ध जैव विविधता और सुरक्षित प्राकृतिक वातावरण का प्रमाण है. यह क्षेत्र न केवल वन्यजीवों के संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहा है, बल्कि प्रकृति प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है.
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