75वें गणतंत्र दिवस (Republic Day 2024) के मौके पर परेड में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की झांकी प्रस्तुत की गई, जिसे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित दर्शकों ने भी खूब सराहा. इस झांकी में राज्य की आत्मनिर्भर और प्रगतिशील महिलाओं की यात्रा को दर्शाया गया है. साथ ही झांकी के माध्यम से संदेश दिया गया कि राज्य ने अपनी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सीधे विकास प्रक्रिया में शामिल करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है.
प्रगतिशील नारी शक्ति पर केन्द्रित है मध्य प्रदेश की झांकी
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में प्रस्तुत की गई झांकी मध्य प्रदेश की प्रगतिशील नारी शक्ति पर केन्द्रित है. मध्य प्रदेश ने विकास प्रक्रिया में महिलाओं को अपनी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से सम्पूर्ण सुरक्षा चक्र प्रदान कर सीधे तौर पर जोड़ने में जो सफलता प्राप्त की है वो उल्लेखनीय है. खेत खलिहान से लेकर वायुयान तक आज प्रदेश की बेटियां अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहीं हैं.
पहली महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी को दिखाया गया
झांकी के अग्रभाग में भारतीय वायुसेना की पहली महिला फाइटर पायलट और प्रदेश की बेटी अवनी चतुर्वेदी लड़ाकू विमान के प्रतिरूप के साथ दिख रही हैं. इसके बाद स्व-सहायता समूह की एक महिला कलाकार मटके पर चित्रकारी कर रही हैं. द्वितीय मध्य भाग में बादल महल गेट चंदेरी की प्रतिकृति है जो विश्व विख्यात चंदेरी, महेश्वरी, बाग प्रिंट साड़ियों को तैयार करने वाली बुनकर महिलाओं का चित्रण किया गया है.
झांकी में डिंडोरी की लहरी बाई को दिखाया गया
झांकी के अंतिम भाग में बेहतर पोषण युक्त आहार श्री-अन्न यानि मोटे अनाज (मिलेट्स) उत्पादन को प्रोत्साहन की प्रेरणा देती है. दरअसल, भारत के मिलेट मिशन की ब्रांड एम्बेसडर और मिलेट वुमन ऑफ इंडिया के रूप में ख्याति प्राप्त मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले की लहरी बाई को दिखाया गया है. जिनके हाथ में विक्रय के लिए मिलेट्स का एक पैकेट दिखाई दे रहा है.
लोकगीत की धुन पर मटकी लोक-नृत्य करती महिलाएं
इस प्रकार मोटे अनाज उत्पादन को बढ़ावा देने के हमारे राष्ट्रीय संकल्प को दर्शाया गया है. ये प्रतिमा 180 डिग्री एंगल पर घूमती दिखाई दे रही है. इसके आस-पास बांस की बनी विभिन्न टोकरियों में प्रदेश में पैदा होने वाला विभिन्न प्रकार का मोटा अनाज प्रदर्शित किया गया है. झांकी के निचले और बाहरी हिस्से में स्टोन कार्निंग से निर्मित शिल्प व प्रदेश की समृद्ध गोंड जनजातीय की महिला कलाकार चित्रकारी कर रही है और अंतिम भाग में मोटे अनाज से निर्मित महिलाओं के भित्ति चित्र को दर्शाया गया है. वहीं झांकी के आस-पास प्रदेश के स्थानीय अंचल मालवा के लोकगीत की धुन पर मटकी लोक-नृत्य करती महिलाएं साथ चल रही हैं, जो प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं.
ये भी पढ़े: Republic Day Special: संविधान निर्माण में जबलपुर के राममनोहर सिन्हा का भी रहा योगदान, चित्रों को किया अलंकृत