Ratlam News: रतलाम जिले के ताल थाना क्षेत्र में महिला द्वारा दर्ज करवाया गया सामूहिक दुष्कर्म का मामला झूठा निकला. पुलिस ने जब जांच की तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. इस मामले में सीसीटीवी कैमरे (CCTV Camera) की अहम भूमिका रही. यही से पुलिस को मामले का खुलासा करने में मदद मिली, अब पुलिस फरियादी के खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखवाने की कार्रवाई करेगी.
पीड़िता ने पुलिस को झूठी कहानी बताई
पुलिस के अनुसार 26 अक्टूबर को फरियादी महिला ने बताया, ' वह दोपहर एक बजे के करीब अपने भांजे के साथ बाइक पर जा रही थी. इस दौरान रास्ते में बाइक पंचर हो जाने से उसका भांजा पंचर लगवाने चला गया. इस दौरान फरियादी के पास एक कार आकर रूकी, जिसमे तीन व्यक्ति जुझार सिंह, राजेश सिंह डोडिया और कुलदीप सिंह बैठे थे. उन्होंने फरियादी को घर छोड़ने की बात बोलकर गाड़ी में बैठा लिया, फिर अनजान जगह पर ले जाकर फरियादी के साथ तीनों ने बलात्कार कर मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी. मारपीट से फरियादी बेहोश हो गई '
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने दिए जांच के निर्देश
फरियादी की शिकायत पर थाना ताल पर धारा 323,342,366, 376(डी), 506,34 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई. जिसके बाद पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीओपी आलोट और थाना प्रभारी ताल को मामले की निष्पक्ष, तथ्यात्मक जांच और उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
घटना की सत्यता के बारे जानकारी प्राप्त करने और दर्ज मुकदमे में विवेचना के दौरान घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए, जिसमे फरियादी द्वारा बताई गई घटनाक्रम के संबंध में कोई तथ्य ही नहीं मिले. फरियादी द्वारा बताई कार के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए जब जावरा शहर के सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए तो घटना के समय ये कार घटनास्थल से 50 किमी दूर दिखाई दी. तीनों आरोपियों की घटना के समय की उपस्थिति के संबंध में भी जांच की गई.
एसपी रतलाम ने बताया कि रिपोर्ट झूठी पाई गई है
एसपी रतलाम राहुल कुमार लोढा ने बताया कि इस मामले में विवेचना के दौरान आरोपियों की मोबाइल लोकेशन, सीसीटीवी कैमरे से मिले फुटेज, गवाहों के कथन आदि के आधार पर प्राप्त तथ्यों का विश्लेषण करने पर फरियादी द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट झूठी पाई गई. जिसकी विस्तृत खारिज रिपोर्ट माननीय न्यायालय के समक्ष पेश की गई. न्यायालय द्वारा उक्त प्रकरण में पुलिस किया प्रस्तुत तथ्यों के आधार पर प्रकरण को खारिज कर दिया. झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने पर फरियादी महिला के खिलाफ भी 182/211 सीआरपीसी के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है.
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