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Ram Mandir Ayodhya : प्राण प्रतिष्ठा से 11 दिन पहले PM मोदी ने शुरु किया विशेष अनुष्ठान, सुनिए क्या-क्या कहा?

Ram Mandir Ayodhya Inauguration: प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि इस पवित्र अवसर पर मैं परमात्मा के श्रीचरणों में प्रार्थना करता हूं. ऋषियों, मुनियों, तपस्वियों का पुण्य स्मरण करता हूं और जनता-जनार्दन, जो ईश्वर का रूप है, उनसे प्रार्थना करता हूं कि आप मुझे आशीर्वाद दें. ताकि मन से, वचन से, कर्म से, मेरी तरफ से कोई कमी ना रहे.

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Ram Mandir Ayodhya : प्राण प्रतिष्ठा से 11 दिन पहले PM मोदी ने शुरु किया विशेष अनुष्ठान, सुनिए क्या-क्या कहा?

 PM Modi's message on Pran-Pratishtha of Shri Ram in Ayodhya : अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अब महज 11 दिन बचे हैं. श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है. 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या (Shri Ram Janmbhoomi Mandir Ayodhya) में होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के कार्यक्रम की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) भी इस ऐतिहासिक पल के लिए इंतजार कर रहे है. पीएम मोदी ने अयोध्या धाम श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा के संबंध में संदेश करते हुए लिखा है कि "अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं. मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनूंगा. प्रभु ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान, सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है. इसे ध्यान में रखते हुए मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं. मैं आप सभी जनता-जनार्दन से आशीर्वाद का आकांक्षी हूं. इस समय, अपनी भावनाओं को शब्दों में कह पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन मैंने अपनी तरफ से एक प्रयास किया है…"

मैं पहली बार जीवन में इस तरह के मनोभाव से गुजर रहा हूं : PM मोदी

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि आज हम सभी भारतीयों के लिए, दुनिया भर में फैले रामभक्तों के लिए ऐसा ही पवित्र अवसर है. हर तरफ प्रभु श्रीराम की भक्ति का अद्भुत वातावरण! चारों दिशाओं में राम नाम की धुन, राम भजनों की अद्भुत सौन्दर्य माधुरी! हर किसी को इंतजार है 22 जनवरी का, उस ऐतिहासिक पवित्र पल का. और अब अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं.

मेरा सौभाग्य है कि मुझे भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है. ये मेरे लिए कल्पनातीत अनुभूतियों का समय है. मैं भावुक हूँ,भाव-विह्वल हूँ! मैं पहली बार जीवन में इस तरह के मनोभाव से गुजर रहा हूँ, मैं एक अलग ही भाव-भक्ति की अनुभूति कर रहा हूं. मेरे अंतर्मन की ये भाव-यात्रा, मेरे लिए अभिव्यक्ति का नहीं, अनुभूति का अवसर है. चाहते हुए भी मैं इसकी गहनता, व्यापकता और तीव्रता को शब्दों में बांध नहीं पा रहा हूं. आप भी मेरी स्थिति भली भाँति  समझ सकते हैं.

पीएम मोदी (PM Modi) आगे कहते हैं कि जिस स्वप्न को अनेकों पीढ़ियों ने वर्षों तक एक संकल्प की तरह अपने हृदय में जिया, मुझे उसकी सिद्धि के समय उपस्थित होने का सौभाग्य मिला है. प्रभु ने मुझे सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है.

ये एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है. जैसा हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है, हमें ईश्वर के यज्ञ के लिए,आराधना के लिए, स्वयं में भी दैवीय चेतना जाग्रत करनी होती है. इसके लिए शास्त्रों में व्रत और कठोर नियम बताए गए हैं, जिन्हें प्राण प्रतिष्ठा से पहले पालन करना होता है. इसलिए, आध्यात्मिक यात्रा की कुछ तपस्वी आत्माओं और महापुरुषों से मुझे जो मार्गदर्शन मिला है...उन्होंने जो यम-नियम सुझाए हैं, उसके अनुसार मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं.

नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री, भारत

PM मोदी ये सब करेंगे

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि इस पवित्र अवसर पर मैं परमात्मा के श्रीचरणों में प्रार्थना करता हूं. ऋषियों, मुनियों, तपस्वियों का पुण्य स्मरण करता हूं और जनता-जनार्दन, जो ईश्वर का रूप है, उनसे प्रार्थना करता हूं कि आप मुझे आशीर्वाद दें. ताकि मन से, वचन से, कर्म से, मेरी तरफ से कोई कमी ना रहे.

PM ने कहा मेरा ये सौभाग्य है कि 11 दिन के अपने अनुष्ठान का आरंभ, मैं नासिक धाम-पंचवटी से कर रहा हूं. पंचवटी, वो पावन धरा है, जहां प्रभु श्रीराम ने काफी समय बिताया था. आज मेरे लिए एक सुखद संयोग ये भी है कि आज स्वामी विवेकानंदजी की जन्मजयंती है. ये स्वामी विवेकानंदजी ही थे जिन्होंने हजारों वर्षों से आक्रांतित भारत की आत्मा को झकझोरा था. आज वही आत्मविश्वास, भव्य राम मंदिर के रूप में हमारी पहचान बनकर सबके सामने है. सोने पर सुहागा देखिए, आज माता जीजाबाई जी की जन्म जयंती है. माता जीजाबाई, जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के रूप में एक महा मानव को जन्म दिया था. आज हम अपने भारत को जिस अक्षुण्ण रूप में देख रहे हैं, इसमें माता जीजाबाई जी का बहुत बड़ा योगदान है.

पीएम मोदी ने कहा जब मैं माता जीजाबाई का पुण्य स्मरण कर रहा हूं तो सहज रूप से मुझे अपनी मां की याद आना बहुत स्वाभाविक है. मेरी मां जीवन के अंत तक माला जपते हुए सीता-राम का ही नाम भजा करती थीं.

उस पवित्र पल में 140 करोड़ भारतीय मेरे साथ होंगे : PM मोदी

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि साथियों, प्राण प्रतिष्ठा की मंगल-घड़ी. चराचर सृष्टि का वो चैतन्य पल. आध्यात्मिक अनुभूति का वो अवसर. गर्भगृह में उस पल क्या कुछ नहीं होगा! साथियों, शरीर के रूप में, तो मैं उस पवित्र पल का साक्षी बनूंगा ही, लेकिन मेरे मन में, मेरे हृदय के हर स्पंदन में, 140 करोड़ भारतीय मेरे साथ होंगे. आप मेरे साथ होंगे. हर रामभक्त मेरे साथ होगा. और वो चैतन्य पल, हम सबकी सांझी अनुभूति होगी. मैं अपने साथ राम मंदिर के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वाले अनगिनत व्यक्तित्वों की प्रेरणा लेकर जाउंगा.

त्याग-तपस्या की वो मूर्तियां. 500 साल का धैर्य. दीर्घ धैर्य का वो काल. अनगिनत त्याग और तपस्या की घटनाएं. दानियों की, बलिदानियों की गाथाएं. कितने ही लोग हैं जिनके नाम तक कोई नहीं जानता, लेकिन जिनके जीवन का एकमात्र ध्येय रहा है, भव्य राम मंदिर का निर्माण. ऐसे असंख्य लोगों की स्मृतियां मेरे साथ होंगी.

जब 140 करोड़ देशवासी, उस पल में मन से मेरे साथ जुड़ जाएंगे, और जब मैं आपकी ऊर्जा को साथ लेकर गर्भगृह में प्रवेश करूंगा, तो मुझे भी ऐहसास होगा कि मैं अकेला नहीं, आप सब भी मेरे साथ हैं. साथियों, ये 11 दिन व्यक्तिगत रूप से मेरे यम नियम तो है ही लेकिन मेरे भाव विश्व में आप सब समाहित है. मेरी प्रार्थना है कि आप भी मन से मेरे साथ जुड़े रहें.

जनता-जनार्दन में ईश्वर का रूप होता है, ये मैंने साक्षात देखा है : प्रधानमंत्री

पीएम मोदी ने अंत में कहा रामलला के चरणों में, मैं आप के भावों को भी उसी भाव से अर्पित करूंगा जो भाव मेरे भीतर उमड़ रहे हैं. साथियों, हम सब इस सत्य को जानते हैं कि ईश्वर निराकार है. लेकिन ईश्वर, साकार रूप में भी हमारी आध्यात्मिक यात्रा को बल देते हैं.

जनता-जनार्दन में ईश्वर का रूप होता है, ये मैंने साक्षात देखा है, महसूस किया है. लेकिन जब ईश्वर रूपी वही जनता शब्दों में अपनी भावनाएं प्रकट करती है, आशीर्वाद देती है, तो मुझमें भी नई ऊर्जा का संचार होता है. आज, मुझे आपके आशीर्वाद की आवश्यकता है.

इसलिए मेरी प्रार्थना है कि शब्दों में, लिखित में, अपनी भावनाएं जरूर प्रकट करें, मुझे आशीर्वाद जरूर दें. आपके आशीर्वाद का एक-एक शब्द मेरे लिए शब्द नहीं, मंत्र है. मंत्र की शक्ति के तौर पर वह अवश्य काम करेगा. आप अपने शब्दों को, अपने भावों को नमो एप के माध्यम से सीधे मुझ तक पहुंचा सकते हैं. आइए, हम सब प्रभु श्रीराम की भक्ति में डूब जाएं. इसी भाव के साथ के साथ, आप सभी रामभक्तों को कोटि-कोटि नमन. जय सियाराम, जय सियाराम, जय सियाराम.

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