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Railway के इंजीनियरों ने किया बड़ा कमाल, खराब मदरबोर्ड की इन हाउस मरम्मत कर रेलवे के बचा दिए 13 लाख रुपये, जानें कैसे

Madhya Pradesh Railway Engineers: भोपाल मंडल के इंजीनियरों ने भारतीय रेलवे के 13 लाख रुपये खर्च होने से बचा दिए. इन हाउस मरम्मत करके इन्होंने लोकोमोटिव के खराब मदरबोर्ड चिप को ठीक कर दिया, जिससे रेलवे को लाखों रुपये की बचत हुई है. आइए आपको इसके बारे में अधिक जानकारी देते हैं.

Railway के इंजीनियरों ने किया बड़ा कमाल, खराब मदरबोर्ड की इन हाउस मरम्मत कर रेलवे के बचा दिए 13 लाख रुपये, जानें कैसे
भोपाल मंडल के रेलवे इंजीनियरों ने की खराब मदरबोर्ड की मरम्मत

Bhopal Railway Engineers: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के युवा आए दिन पूरे देश में अपना मिसाल कायम करते हैं. इसी तरह का कमाल रेलवे के इंजीनियरों ने भोपाल मंडल (Bhopal Rail Division) में कर दिखाया है. भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम बढ़ाया है. रेलवे कर्मचारियों ने इन हाउस समाधान करते हुए खराब मदरबोर्ड (Mother Board Chip) की मरम्मत करके रेलवे के लाखों रुपये बचाए हैं. एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि मंडल रेल प्रबंधक देवाशीष त्रिपाठी के कुशल मार्गदर्शन में पश्चिम मध्य रेलवे, भोपाल मंडल के अंतर्गत इलेक्ट्रिक लोको शेड, इटारसी ने एक अभिनव पहल करते हुए रेलवे के संसाधनों का न केवल कुशलतापूर्वक उपयोग किया, बल्कि उल्लेखनीय आर्थिक बचत भी सुनिश्चित की है.

खराब मदरबोर्ड को खुद से किया सही

वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (कर्षण चल स्टॉक) इटारसी शेड नीरज कुमार शर्मा के अनुसार, इलेक्ट्रिक लोको शेड, इटारसी में फिलहाल 269 थ्री-फेज इलेक्ट्रिक इंजनों का रखरखाव किया जाता है. हर लोकोमोटिव में लगा स्पीडोमीटर ट्रेन की वर्तमान स्पीड दर्शाकर चालक दल को सुरक्षित परिचालन में मदद करता है. साल 2024-25 के दौरान, गलत तरीके से मेमोरी कार्ड लगाने के कारण कुल 65 स्पीडोमीटर (55 AAL मेक एवं 10 Laxven मेक) के मदरबोर्ड के पिन टूट गए थे. इन कार्डों की बाजार से नई खरीद की जगह, शेड के अनुभवी तकनीकी दल ने इन-हाउस मरम्मत का सराहनीय निर्णय लिया.

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इंडियन रेलवे को हुई 13 लाख रुपये की बचत

इंजीनियरों ने मदरबोर्ड की मरम्मत करके भारतीय रेलवे को 13,22,675 रुपये की उल्लेखनीय बचत कराई है. बाजार में AAL मेक के एक मदरबोर्ड की कीमत 18,685 रुपये और Laxven मेक की कीमत 29,500 रुपये है. टीम ने अपने कुशल प्रबंधन, तकनीकी दक्षता और संसाधनों के समुचित उपयोग से रेलवे की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

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